भानु 27 साल के हैं. उन्हें काफ़ी समय से पेट में दर्द और सीने में जलन की समस्या है. वो इससे निपटने के लिए एसिडिटी की दवा खा लेते थे. पर अब दवा का असर होना भी बंद हो गया. लक्षण भी बढ़ गए हैं. पेट एकदम फूल सा गया है. बहुत खट्टी डकारें आती हैं. डॉक्टर को दिखाया तो पता चला ये एसिडिटी का मामला नहीं, गैस्ट्राइटिस की समस्या है.
पेट में जलन, सूजन रहती है? कहीं आप ये गलतियां तो नहीं कर रहे
इलाज अगर सही समय पर न किया जाए तो अल्सर से लेकर कैंसर तक हो सकता है.

गैस्ट्राइटिस आजकल एक काफ़ी आम प्रॉब्लम बनती जा रही है. लोग इसे महज़ एसिडिटी समझकर चलाऊ इलाज लेते रहते हैं, जब तक दिक्कत बहुत ज़्यादा बढ़ नहीं जाती. भानु चाहते हैं हम अपने शो पर गैस्ट्राइटिस के बारे में बात करें. ये क्यों होता है और इसका इलाज क्या है, डॉक्टर्स से पूछकर बताएं. तो सबसे पहले ये समझ लेते हैं गैस्ट्राइटिस है क्या?
गैस्ट्राइटिस क्या होता है?ये हमें बताया डॉक्टर प्रतीक टिबड़ेवाल ने.

गैस्ट्राइटिस का मतलब होता है पेट में सूजन. ये समस्याओं का एक ऐसा समूह है जिसमें पेट के अंदर की परत कमज़ोर हो जाती है. परत कमज़ोर होने के कारण पेट में जो एसिड और अन्य पदार्थ बनते हैं उनसे पेट में सूजन आ जाती है. ये आजकल एक बहुत आम प्रॉब्लम है. गैस्ट्राइटिस का सही समय पर इलाज न किया जाए तो इससे आगे जाकर पेट में छाले, ज़ख्म या कुछ केसों में कैंसर हो सकता है.
कारणसबसे पहला कारण है खाने-पीने का ध्यान न रखना. बहुत तली या तीखी चीज़ें खाते हैं तो गैस्ट्राइटिस की शिकायत हो सकती है. जंक फ़ूड से भी ये दिक्कत हो सकती है. फिजिकल एक्टिविटी की कमी और स्ट्रेस भी कारण हो सकते हैं. स्मोकिंग, शराब पीने से गैस्ट्राइटिस हो सकता है. बहुत ज़्यादा पेन किलर या एंटीबायोटिक खाने से पेट में सूजन हो सकती है. कुछ चीज़ें खाने से पेट में बैक्टीरियल इन्फेक्शन हो जाता है. कुछ बीमारियों के कारण भी ऐसा होता है जैसे HIV और ऑटोइम्यून गैस्ट्राइटिस. इसमें शरीर पेट के अंदर की परत को ख़ुद नुकसान पहुंचाता है.
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-पेट के ऊपरी हिस्से या लेफ्ट साइड में दर्द होगा.
-ये दर्द पीछे कमर में भी महसूस हो सकता है.
-पेट में जलन महसूस हो सकती है.
-पेट फूला हुआ और टाइट लगता है.
-भरा-भरा लगता है.
-बहुत डकारें आती हैं.
-उल्टी जैसा लगता है.
-एसिड ऊपर आने के कारण सीने में जलन महसूस होती है.
-कम भूख लगती है.
-अगर पेट में अल्सर या कैंसर हो गया है तो काफ़ी ज़्यादा दर्द महसूस होता है.
-भूख नहीं लगेगी और वज़न बहुत ज़्यादा कम हो जाएगा.
-उल्टी और मल में खून आएगा.

गैस्ट्राइटिस से निपटने के लिए कई दवाइयां उपलब्ध हैं. ये दवाइयां एसिड को बनाना बंद कर देती हैं. इससे पेट की परत काफ़ी हद तक ठीक हो जाती है. हिस्टामिन ब्लॉकर भी एसिड को कम करने में मदद करते हैं. लिक्विड एंटासिड अंदर के बने एसिड को न्यूट्रलाइज करते हैं. इसके बाद भी समस्या ठीक नहीं होती तो डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए.
गैस्ट्राइटिस का इलाज अगर सही समय पर न किया जाए तो अल्सर, यहां तक कि कैंसर तक हो सकता है. इसलिए अगर बताए गए लक्षण महसूस हो रहे हैं तो केवल एसिडिटी की दवा न लें, डॉक्टर को ज़रूर दिखाएं.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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