हमारा दिल कैसे धड़कता है? आप कहेंगे, धक-धक. धक-धक. यानी एक हार्टबीट पूरी होने पर दो बार धक-धक की आवाज़. लेकिन, कभी-कभी कुछ लोगों में ये धक-धक की आवाज़ तीन बार आती है. माने धक-धक-धक. इसे गैलोपिंग हार्ट (galloping heart) कहते हैं. ये तब होता है, जब दिल की लय में कुछ गड़बड़ी आ जाती है.
दिल की धड़कन जब 'धक-धक' से 'धक-धक-धक' हो जाए तो प्यार नहीं, हेल्थ प्रॉब्लम भी हो सकती है
अगर दिल ज़्यादा ज़ोर से धड़क रहा है तो वजह हमेशा प्यार नहीं होती! ऐसा क्यों होता है, चलिए डॉक्टर से समझते हैं.
डॉक्टर सुखबिंदर सिंह सिबिया कहते हैं कि गैलोपिंग हार्ट में दिल बहुत जल्दी-जल्दी धड़कता है. उसकी धड़कन अनियमित हो जाती है. यानी कोई एक फिक्स पैटर्न नहीं रहता. ये दिक्कत उन लोगों में होती है जिन्हें दिल की कोई बीमारी हो. ऐसी गंभीर बीमारी जिसमें हार्ट फेल होने का रिस्क हो.
ये परेशानी अक्सर उन लोगों में भी देखी जाती है जिन्हें पहले हार्ट अटैक आ चुका हो. या जिनका ब्लड प्रेशर कंट्रोल से बाहर हो. बीपी बहुत हाई रहता हो. या फिर जिनके दिल की मांसपेशियां किसी बीमारी की वजह से बहुत कमज़ोर हो चुकी हों.
गैलोपिंग हार्ट होना चिंता की बात है. खासकर 65 साल से ज़्यादा के लोगों में. इसलिए इसके लक्षण पहचानना ज़रूरी हैं. अगर आपके दिल की धड़कन तेज़ और अनियमित है. आपको सांस लेने में दिक्कत होती है. खासकर कोई फिज़िकल एक्टिविटी करते समय. या आपको हमेशा थकावट और कमज़ोरी महसूस होती है. आपके पैरों या एड़ियों में सूजन है. चक्कर आते हैं तो तुरंत डॉक्टर से मिलें. आपको दिल की कोई गंभीर बीमारी हो सकती है.
डॉक्टर सिबिया आगे कहते हैं कि कई बार जब दिल, शरीर की ज़रूरतें पूरी नहीं कर पाता. यानी जितने खून की ज़रूरत शरीर को है, वो उतना पंप नहीं कर पाता. तब भी गैलोपिंग हार्ट की समस्या होने लगती है. अगर परेशानी बढ़ जाए तो फेफड़ों में फ्लूड जमा होने लगता है. इससे शरीर में ऑक्सीजन की कमी हो जाती है. हमें सांस लेने में मुश्किल होने लगती है. और, जान भी जा सकती है.
इसलिए, तुरंत डॉक्टर से मिलना ज़रूरी है. वो कुछ टेस्ट करेंगे. इनसे पता चलेगा कि आखिर किस बीमारी की वजह से आपको गैलोपिंग हार्ट की दिक्कत हो रही है. बीमारी का पता चलने के बाद, उस बीमारी के हिसाब से आपको दवाइयां दी जाएंगी. और आपका इलाज किया जाएगा.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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