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खाना खाने के बाद भयंकर नींद क्यों आती है?

हो सकता है आप फ़ूड कोमा से जूझ रहे हों. इसमें खाना खाने के बाद कमज़ोरी, थकान महसूस होती है.

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क्या आपको भी दोपहर में खाना खाने के बाद भयंकर नींद आती है?

क्या आपको भी दोपहर में खाना खाने के बाद भयंकर नींद आती है? सुस्ती महसूस होती है? इस कदर, कि काम करना मुश्किल हो जाता है? 

अगर आपका जवाब हां में है, तो आप अकेले नहीं हैं. ऐसा बहुत सारे लोगों के साथ होता है. पर कुछ लोगों में ये दिक्कत ज़्यादा होती है. जैसे हमारे व्यूअर प्रताप. कॉर्पोरेट में काम करते हैं, इसलिए दिन में सुस्ताना वो अफोर्ड नहीं कर सकते. पर प्रॉब्लम ये है कि दोपहर में खाना खाकर उन्हें इतनी ज़्यादा नींद आती है कि आंख खोलना मुश्किल हो जाता है, काम करना तो दूर की बात है. इसकी वजह से उनकी नौकरी पर भी असर पड़ रहा है. थककर उन्होंने दोपहर में खाना ही छोड़ दिया है. वो जानना चाहते हैं कि उनके साथ ऐसा क्यों हो रहा है और इससे बचने का कोई तरीका है क्या? दरअसल जो दिक्कत प्रताप को हो रही है उसे आम बोलचाल की भाषा में फ़ूड कोमा कहते हैं. क्या है ये, जानते हैं डॉक्टर्स से.

फ़ूड कोमा क्या होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर अमित मिगलानी ने.

Dr. Amit Miglani (Miglani Skin And Hair Clinic) in Faridabad NIT,Delhi -  Best Gastroenterologists in Delhi - Justdial
डॉक्टर अमित मिगलानी, डायरेक्टर, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, एशियन हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद

फ़ूड कोमा में इंसान को खाना खाने के बाद कमज़ोरी, थकान महसूस होती है. ज़्यादा नींद आती है. फ़ूड कोमा को और भी नामों से जाना जाता है. जैसे आफ्टर डिनर डिप या पोस्टप्रांडियल स्लीप.

कारण

ऐसा वास्तव में क्यों होता है, ये अभी तक सही तरह से पता नहीं चला है. इसीलिए कई सारी अटकलें और मिथक हैं. लेकिन कुछ कारण हैं, जो इसके लिए ज़िम्मेदार हो सकते हैं. जैसे जब हम खाना खाते हैं तो शरीर में ग्लूकोस की मात्रा बढ़ जाती है. ये ग्लूकोस ब्रेन के कुछ हिस्से में जाकर एक्टिव होता है. ये ब्रेन को एक्टिव करने वाले न्यूरॉन्स को एक तरह से सुला देता है. जिसके कारण शरीर में ब्लड ग्लूकोस ज़्यादा बढ़ता है. ऐसे में ब्रेन में मौजूद एक्टिवेटिंग पाथवे कम हो जाते हैं. जब हम खाना खाते हैं तो शरीर का पैरासिम्पेथेटिक नर्वस सिस्टम एक्टिव हो जाता है. ये शरीर के बाकी हिस्सों में सिग्नल भेजता है कि खाना आया है अब रेस्ट करें और उसे पचाएं. कई लोगों में ये चीज़ बढ़ जाती है. जिससे खाना खाने के बाद ज़्यादा नींद आती है. खाना खाने के बाद शरीर में इंसुलिन बढ़ जाता है. इंसुलिन बढ़ने से शरीर का पोटैशियम सेल्स के अंदर चला जाता है. एक तरह से शरीर में पोटैशियम की कमी हो जाती है. इस पोटैशियम की कमी के कारण लोगों को थकान, कमज़ोरी और नींद आती है. कई सारे मिथक भी हैं. जैसे जब हम खाना खाते हैं तो ब्रेन की ब्लड सप्लाई आंतों की तरफ़ मुड़ जाती है. लेकिन वास्तव में ऐसा नहीं होता. ब्रेन की ब्लड सप्लाई एकदम ठीक रहती है. उसका खाने से कोई रिलेशन नहीं है.

6 Food Coma Causes — How to Get Out of a Food Coma
फ़ूड कोमा में इंसान को खाना खाने के बाद कमज़ोरी, थकान महसूस होती है.
क्या चीज़ें खाने से ज़्यादा नींद, थकान होती है?

कुछ चीज़ों को पचाने में शरीर के अंदर ग्लूकोस ज़्यादा बनता है, जिसे हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फ़ूड भी कहते हैं. ये चीज़ें शरीर में ग्लूकोस की मात्रा ज़्यादा बढ़ाती हैं. इन्हें खाने से फ़ूड कोमा होने का ज़्यादा चांस होता है. ये हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फ़ूड हैं:

- रिफाइंड शुगर, 

- डेरी प्रोडक्ट्स, 

- तरबूज़, 

- अनानास, 

- कॉर्न सिरप, 

- आलू, और

- चावल

खाने के प्रकार के अलावा, फूड कोमा इस पर भी निर्भर करता है कि ये हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फ़ूड किस समय खाए गए हैं. दोपहर में लस्सी या छाछ लेने के बाद ज़बरदस्त नींद आती है. क्योंकि ये मीठी होती हैं और इनके अंदर डेरी मिल्क होता है. उस समय शरीर को नींद का एहसास हो रहा होता है. इन दोनों चीज़ों के कारण ज़्यादा नींद आती है

What Is A Food Coma? A Gastroenterologist Explains Why It Happens
क्या आपको भी दोपहर में खाना खाने के बाद भयंकर नींद आती है?
फ़ूड कोमा कैसे अवॉइड करें?

इसके लिए सबसे ज़्यादा ज़रूरी है कि एक समय पर ज़्यादा न खाएं. अगर भूख 100 प्रतिशत लगी है तो आप मात्र 80-90 प्रतिशत ही खाएं. हाई ग्लाइसेमिक इंडेक्स फ़ूड जैसे दूध, चावल, अनानास, तरबूज को कम मात्रा में लें. डाइट को बैलेंस में रखें. जिसमें सही मात्रा में कार्बोहायड्रेट, फैट और प्रोटीन होना चाहिए. अगर खाना खाने के बाद ज़्यादा नींद आती है तो 15-20 मिनट चलें. जहां खाना खाते हैं वहां ब्राइट लाइट हो. रात में ठीक नींद लें. 7-8 घंटे सोएं. खाने के साथ शराब न लें. रोज़ एक्सरसाइज करें. एक हेल्दी लाइफस्टाइल रखें.

देखिए, खाना खाने के बाद थोड़ी-बहुत नींद आना नॉर्मल है. पर अगर ये समस्या ज़्यादा है तो डॉक्टर को दिखाना बेहतर है. साथ ही जो चीज़ें डॉक्टर साहब ने अवॉइड करने के लिए कही हैं, उन्हें दोपहर में खाने से बचें. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
 

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