वरुण 32 साल के हैं. गोंडा के रहने वाले हैं. उनका हमें मेल आया. उन्होंने बताया कि कुछ महीने पहले उनका वज़न अचानक से गिरने लगा. थकान रहती थी. पेट में बहुत दर्द, पैरों में सूजन जैसी दिक्कत शुरू हो गई. डॉक्टर को दिखाया. कुछ टेस्ट हुए. तब पता चला उन्हें फैटी लिवर की दिक्कत है. और ये प्रॉब्लम उन्हें काफ़ी समय से थी पर लक्षण दिखने काफ़ी लेट शुरू हुए. फैटी लिवर यानी वो कंडीशन जिसमें लिवर के अंदर फैट इकट्टा हो जाता है. अब लिवर में थोड़ा-बहुत फैट होना नॉर्मल है. पर जब ये फैट ज़्यादा बढ़ जाता है तो काफ़ी दिक्कत होती है. आपका लिवर आपके शरीर का दूसरा सबसे बड़ा अंग है. इसका काम होता है आपके खाने-पीने से पोषण छानना और हार्मफुल तत्वों को खून से फ़िल्टर करना. अगर ये बहुत बढ़ जाए तो लिवर डैमेज हो सकता है. Nonalcoholic fatty liver disease(NAFLD) शराब के सेवन से नहीं होता है.
NHP.GOV.IN वेबसाइट के मुताबिक, हिंदुस्तान में 9 से 32 प्रतिशत लोगों को फैटी लिवर की दिक्कत है. अब वरुण चाहते हैं हम फैटी लिवर पर बात करें. ये क्या होता है, क्यों होता है, लोगों को बताएं. इससे कैसे बच सकते हैं, इस बारे में बात करें. तो जानिए डॉक्टर्स क्या कहते हैं. क्या होता है फैटी लिवर? ये हमें बताया डॉक्टर पवन ने.

डॉक्टर पवन रावल, हेड ऑफ़ गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, आर्टेमिस हॉस्पिटल, गुरुग्राम
एक ऐसी परिस्थिति जिसमें लिवर के ऊपर फैट की अधिक मात्रा जमा हो जाए तो इसे फैटी लिवर कहते हैं. लिवर शरीर का एक ज़रूरी अंग है और ये कई प्रकार के काम करता है. इसका एक काम है पाचन. ये फैट और कार्बोहाइड्रेट का पाचन करता है, कभी भी किसी भी कारण से फैट लिवर में ज़रूरत से ज्यादा जमा हो जाता है तो उसे फैटी लिवर का नाम दिया जाएगा. फैटी लिवर क्यों होता है? कोई भी ऐसा कारण जिसमें फैट आपके शरीर में ज्यादा आएगा, यानी ज़्यादा मात्रा में फैट का सेवन, तली हुई चीजों का सेवन, ओबेसिटी के चलते फैटी लिवर हो सकता है. कई बार डाइजेशन प्रॉब्लम के कारण भी फैटी लिवर हो जाता है. शराब, किसी वायरस के इंफेक्शन या लिवर इंफेक्शन की वजह से भी ये दिक्कत होती है. इसके अलावा कुछ दवाइयों की वजह से भी फैटी लिवर संभव है. लेकिन सबसे बड़ी वजह शरीर के अंदर ज़्यादा फैट का आना है.

फैटी लिवर के लक्षण - कभी-कभी इसमें कोई लक्षण नज़र नहीं आते हैं या अगर कहें कि किसी प्रकार के लक्षण न दिखना ही इसका सबसे बड़ा लक्षण होता है

जब फैटी लिवर शुरूआती स्टेज में होता है तो कई लक्षण नहीं दिखते लेकिन जब ये बहुत गंभीर अवस्था में पहुंच जाता है तब कुछ लक्षण दिखाई पड़ सकते हैं जैसे भूख न लगना, मतली आना, जी कच्चा होना, पेट के बाएं हिस्से में थोड़ा-थोड़ा दर्द होना संभव है. लेकिन ये यहां रूकेगा नहीं, फैटी लिवर लिवर को चोट पहुंचाएगा, ये शरीर का नियम है कि जब उसको चोट लगती है तो उसके हील कराया जाता है. अगर फैटी लिवर शरीर में बना रहा तो लिवर स्कार्ड यानी खराब होने लगेगा और फाइनली एक ऐसी स्थिति आएगी जिसे सिरोसिस का नाम दिया गया है, जब लिवर खराब हो जाएगा तो लिवर अपना काम नहीं कर पाएगा और उस हालत में पेट में पानी का भर जाना, पीलिया होना, कभी-कभी बेहोश हो जाना, खून की मतली का आना जैसी बातें सभव हैं. बचाव या इलाज - हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं. अपना वज़न मेंटेन करें.
- बैलेंस डाइट लें, व्यायाम करें
- वायरल हेपेटाइटिस से भी फैटी लिवर होता है, इससे बचें
- हेपेटाइटिस का टीका लगता है, उसे ज़रूर लगवाएं
- कोई भी दवाई अपने आप से न लें बल्कि डॉक्टर से सलाह लेकर इस्तेमाल करें
- ज़्यादा शराब से बचना है

- अगर फैटी लिवर है तो ज्यादातर केसेस में इसे ठीक किया जा सकता है. दवाइयों की मदद से.
फैटी लिवर होने के पीछे डायबिटीज और ओबीसिटी एक बड़ी वजह है. इसलिए इनको कंट्रोल में रखना ज़रूरी है. आपने डॉक्टर साहब की बातें सुनीं. कई बार फैटी लिवर के लक्षण पता नहीं चलते. पर अगर आपको भूख न लगे, पेट के बाएं हिस्से में दर्द हो, उल्टी, वेट लॉस जैसे लक्षण दिख रहे हों तो अपने डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें.