(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
लेबर पेन को कम करने वाला ये इंजेक्शन कितना सेफ है?
ये डिलीवरी या लेबर के दौरान प्रेगनेंट महिलाओं को दिया जाता है.
बानी 29 साल की हैं. प्रेगनेंट हैं. ये उनकी पहली प्रेग्नेंसी है. फ़िलहाल उनका पांचवां महीना चल रहा है. पर अभी से बानी लेबर पेन से काफ़ी ज़्यादा डरी हुई हैं. सब उन्हें नॉर्मल डिलीवरी करवाने की सलाह दे रहे हैं, पर उन्हें डर है कि वो नॉर्मल डिलीवरी के दौरान होने वाला दर्द नहीं झेल पाएंगी. इस दौरान उनकी एक फ्रेंड ने उन्हें एक ऐसे इंजेक्शन के बारे में बताया, जो लेबर पेन को बहुत कम कर देता है. इसे एपिड्यूरल इंजेक्शन या एपिड्यूरल एनाल्जेसिया कहा जाता है.
बानी ने जब से इंजेक्शन के बारे में सुना है, वो डिलीवरी के दौरान इसे लगवाने का मन बना चुकी हैं. उन्होंने अपने डॉक्टर से भी इस बारे में बात की है. हालांकि, बानी से कई लोगों ने कहा है कि वो ये इंजेक्शन न लगवाएं क्योंकि बाद में उन्हें कमर दर्द की परेशानी हो सकती है. अब बानी के डॉक्टर्स कह रहे हैं कि ये सेफ़ है. ऐसे में बानी काफ़ी कनफ्यूज़ हो चुकी हैं. वो चाहती हैं हम इस बारे में अपने शो पर बात करें. डॉक्टर्स से पूछकर बताएं कि क्या वाकई इस इंजेक्शन को लगवाने से लेबर पेन नहीं होता. साथ ही ये भी बताएं कि क्या इसे लगवाना सेफ़ है? तो सुनिए डॉक्टर्स क्या कहते हैं.
ये हमें बताया डॉक्टर सुरभि सिद्धार्थ ने.
-एपिड्यूरल एनाल्जेसिया या लेबर एनाल्जेसिया से बिना दर्द डिलीवरी की जाती है
-ये डिलीवरी या लेबर के दौरान प्रेगनेंट महिलाओं को दिया जाता है
-इसमें 12-13 घंटे का लेबर पेन जो होता है, वो कम हो जाता है
-रीढ़ की हड्डी के आसपास एक परत होती है जिसे एपिड्यूरा कहते हैं
-उसमें सूई डाली जाती है और इस सूई के द्वारा कुछ दवाइयां दी जाती हैं
-ताकि पेशेंट को लेबर का दर्द न हो
-इसे 2-3 घंटे में दोबारा दिया जा सकता है अगर दर्द बढ़ता है
-कई महिलाएं लेबर पेन के दर्द को लेकर डरी रहती हैं
-पर आज के समय में कुछ विकल्प उपलब्ध हैं जिनसे बिना ज़्यादा दर्द झेले डिलीवरी की जा सकती है
ये कैसे काम करता है?-लेबर एनाल्जेसिया से लेबर के दौरान जो गर्भाशय सिकुड़ता है, वो ज़रूर महसूस होता है
-लेकिन जो भयानक दर्द होता है, वो काफ़ी कम हो जाता है
-90 प्रतिशत तक आराम मिलता है
-इसे सही समय पर देना ज़रूरी है
-पेशेंट का सर्विक्स (गर्भाशय का मुंह) 3-4 सेंटीमीटर फैल चुका है लेबर के दौरान
-इस समय अगर एपिड्यूरल इंजेक्शन दिया जाए तो ये लेबर पेन काफ़ी कम कर देता है
-लेबर को आगे बढ़ाने में भी काफ़ी मदद मिलती है
-कई लोग लेबर पेन से बचने के लिए ऑपरेशन से डिलीवरी करवाना चाहते हैं
-पर अगर सही समय पर एपिड्यूरल दिया जाए तो लेबर के दर्द से काफ़ी हद तक बचा जा सकता है
ये कैसे दिया जाता है?-एपिड्यूरल देने के लिए ऐनेस्थियोलॉजिस्ट मौजूद होते हैं
-वो पेशेंट की जांच करते हैं
-पता करते हैं कि किसी दवाई से एलर्जी तो नहीं
-किसी दवाई से रिएक्शन तो नहीं
-पेशेंट की हाइट, वेट और कंडीशन देखकर लेबर रूम में एपिड्यूरल दिया जाता है
-एपिड्यूरल दिए जाने के बाद पेशेंट चल भी सकता है
-उसको डिलीवरी करने में आसानी होती है
-अगर एपिड्यूरल देने के बाद भी पेशेंट की नॉर्मल डिलीवरी नहीं हो पाती
-तो ऐसे में ऑपरेशन से भी डिलीवरी की जा सकती है
क्या इसे लेना सेफ़ है?-क्या एपिड्यूरल या लेबर एनाल्जेसिया लेना सेफ़ है?
-ये मां और बच्चे के लिए काफ़ी सेफ़ है
-कई लोगों को ऐसा लगता है कि क्योंकि इसमें रीढ़ की हड्डी में इंजेक्शन लगता है
-इसलिए बाद में कमर दर्द हो सकता है
-ऐसा नहीं है
-पर हां, कभी-कभी हल्का सिर दर्द हो सकता है डिलीवरी के बाद
-पर अगर आप सही मात्रा में पानी पीते रहें और बैक की एक्सरसाइज करते रहें तो ये दिक्कत ज़्यादा नहीं आती
-लेबर में समय ज़रूर लग सकता है क्योंकि गर्भाशय थोड़ी-थोड़ी देर में सिकुड़ता है
-इंस्ट्रुमेंटल यानी औज़ार के इस्तेमाल से होने वाली डिलीवरी और वैक्यूम डिलीवरी का चांस बढ़ जाता है
-इनका इस्तेमाल सेफ्टी देखते हुए डॉक्टर तय करते हैं
बानी के मन में जो सवाल हैं, वो कई प्रेगनेंट महिलाओं के मन में आते हैं. लेबर पेन से डर लगना एकदम नॉर्मल है. ऐसे में महिला की डिलीवरी कैसे होनी चाहिए, इसका फैसला उस प्रेगनेंट महिला और उसके डॉक्टर को करने देना चाहिए. बिना अपनी राय थोपे. एपिड्यूरल क्या होता है, ये तो आपने समझ लिया. हालांकि, हिंदुस्तान में आज भी इसका बहुत ज़्यादा इस्तेमाल नहीं होता है. इसकी पहली वजह है जानकारी की कमी. दूसरी वजह. ये सेफ़ ज़रूर है, पर इसके कुछ रिस्क ज़रूर हैं जो आपने सुने. इसलिए अगर आप में जो भी डिलीवरी के दौरान एपिड्यूरल का इस्तेमाल करना चाहता है, वो अपने डॉक्टर से बात कर के एक सही फ़ैसले पर पहुंचे. लोगों की सुनी-सुनाई बातों पर न जाएं.
वीडियो- वीगन डाइट सेहत के लिए कितनी फायदेमंद होती है?