(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
नंदन 45 साल के हैं. कानपुर के रहने वाले हैं. उनको एंजाइना की शिकायत है. एंजाइना पेन सीने में उठने वाले दर्द को कहते हैं, जो दिल को सही मात्रा में खून नहीं मिलने के कारण होता है. यानी इसमें ब्लड फ्लो कम होता है. जिसके कारण नंदन को सीने में बहुत प्रेशर फील होता है. भारीपन लगता है. हाल-फ़िलहाल में उनके कई टेस्ट हुए थे. ब्लड टेस्ट में पता चला उन्हें हाई कोलेस्ट्रॉल की समस्या है. डॉक्टर ने उन्हें अपने कोलेस्ट्रॉल पर कंट्रोल करने की सलाह दी है. ऐसा न कर पाने पर उन्हें दिल सी जुड़ी बीमारियां हो सकती हैं. यहां तक की हार्ट अटैक तक पड़ सकता है. नंदन चाहते हैं हम कोलेस्ट्रॉल पर बात करें. ये किन कारणों से बढ़ जाता है, इसे कम करने के लिए क्या किया जा सकता है, डॉक्टर्स से पूछकर लोगों को बताएं.
वैसे आपने कोलेस्ट्रॉल शब्द कई बार सुना होगा. अमूमन कोलेस्ट्रॉल एक बुरी चीज़ माना जाता है. जिसके बढ़ने से दिल से जुड़ी दिक्कतें हो सकती हैं. पर ये सही नहीं है. कोलेस्ट्रॉल हमेशा बुरा नहीं होता. अच्छा कोलेस्ट्रॉल भी होता है. दोनों में क्या फ़र्क है, ये समझेंगे, पर उससे पहले जान लेते हैं कोलेस्ट्रॉल होता क्या है.
कोलेस्ट्रॉल क्या होता है?
ये हमें बताया डॉक्टर विवेका कुमार ने.
डॉक्टर विवेका कुमार, प्रिंसिपल डायरेक्टर, कार्डियक साइंस, मैक्स हेल्थकेयर
-दिल की बीमारियों में कोलेस्ट्रॉल का बहुत बड़ा हाथ होता है.
-कोलेस्ट्रॉल एक सैचुरेटेड फैट (अनहेल्दी फैट) होता है.
बढ़ा हुआ कोलेस्ट्रॉल सेहत के लिए कैसे खराब है?
-कोलेस्ट्रॉल दिल की धमनियों में जमा हो जाता है और रुकावट पैदा करता है.
-अगर कोलेस्ट्रॉल धमनियों को 70 प्रतिशत से ज़्यादा ब्लॉक करता है तो वहां खून का बहाव नहीं हो पाता.
-जिससे हार्ट अटैक हो सकता है.
-ब्रेन स्ट्रोक हो सकता है.
-अगर कोलेस्ट्रॉल किडनी की धमनियों में जमा हो जाता है तो ब्लड प्रेशर बढ़ता है.
-स्टडी में पाया गया है कि अगर कोलेस्ट्रॉल कम किया जाए तो दिल की नसों में ब्लॉकेज कम होती है.
-कुछ केसेस में दवाइयां खाने से दिल की नसों में आई ब्लॉकेज को कम भी किया जा सकता है.
-अगर किसी के परिवार में कोलेस्ट्रॉल की हिस्ट्री रही है तो सतर्क रहना ज़रूरी है.
-क्योंकि लंबे समय तक कोलेस्ट्रॉल की समस्या होने से ये दिल की नसों में जमा होने लगता है.
अगर कोलेस्ट्रॉल धमनियों को 70 प्रतिशत से ज़्यादा ब्लॉक करता है तो वहां खून का बहाव नहीं हो पाता
-जिससे आगे जाकर दिल की बीमारियां होती हैं.
कैसे पता चलेगा कोलेस्ट्रॉल बढ़ा हुआ है?
-लिपिड प्रोफाइल ब्लड टेस्ट से पता चलता है कि कोलेस्ट्रॉल कितना है.
-एंजियोग्राफ़ी से पता चलता है कि दिल की नसें कितनी ब्लॉक हैं.
-ब्रेन में ब्लॉकेज है तो ब्रेन की नसों की एंजियोग्राफ़ी की जाती है.
गुड कोलेस्ट्रॉल और बैड कोलेस्ट्रॉल में क्या फ़र्क होता है?
-कोलेस्ट्रॉल दो तरह का होता है.
-अच्छा कोलेस्ट्रॉल जिसको HDL (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कहा जाता है.
-ये दिल की बीमारियों और स्ट्रोक के रिस्क को कम करने में मदद करता है.
-एक्सरसाइज करने से, अखरोट और बादाम खाने से अच्छा कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है.
-हार्ट अटैक का रिस्क कम होता है.
-बुरे कोलेस्ट्रॉल को LDL (लो डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कहा जाता है.
-ये ऑक्सीडाइज (किसी वस्तु में ऑक्सीजन मिलना) होकर धमनियों में जमा हो जाता है.
-इससे एंजाइना हो सकता है.
-हार्ट अटैक भी पड़ सकता है.
अच्छा कोलेस्ट्रॉल जिसको HDL (हाई डेंसिटी लिपोप्रोटीन) कहा जाता है
-इसलिए डाइट में अच्छा कोलेस्ट्रॉल ज़्यादा होना चाहिए.
-बुरा कोलेस्ट्रॉल कम होना चाहिए.
-जेनेटिकली हिन्दुस्तानियों में अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम होता है, बुरा कोलेस्ट्रॉल ज़्यादा होता है.
-इसे ठीक करना है.
कोलेस्ट्रॉल को ठीक करने के लिए क्या करें?
-कोलेस्ट्रॉल को कंट्रोल करने के लिए दवाइयां खानी पड़ती हैं.
-जिसको स्टेटिन कहते हैं.
-लाइफस्टाइल में बदलाव करना चाहिए.
-एक्सरसाइज करनी चाहिए.
-सैचुरेटेड फैट (अनहेल्दी फैट) और मिठाइयों का सेवन कम करें.
-एक्सरसाइज और हेल्दी डाइट सबसे अच्छा बचाव है.
-डाइट में अच्छे कोलेस्ट्रॉल को बढ़ाएं.
-बुरे कोलेस्ट्रॉल को कम करें.
-इस तरह के लाइफस्टाइल से दिल की बीमारियां कम की जा सकती हैं.
-जितनी भी एरोबिक एक्सरसाइज होती हैं जैसे रनिंग, जॉगिंग, स्विमिंग, साइकिलिंग, उनसे कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है.
-सफ़ेद शुगर, सफ़ेद नमक, आलू कम लें.
-कार्बोहाइड्रेट, फैट, घी को कम करने से कोलेस्ट्रॉल कम किया जा सकता है.
-अगर बहुत ही हाई कोलेस्ट्रॉल होता है तो इंजेक्शन दिए जाते हैं.
-इन चीज़ों को लेने से कोलेस्ट्रॉल को नॉर्मल रेंज में लाया जा सकता है.
-कोलेस्ट्रॉल जितना कम होगा, ख़ासकर बुरा कोलेस्ट्रॉल, उतना ही बेहतर है.
जेनेटिकली हिन्दुस्तानियों में अच्छा कोलेस्ट्रॉल कम होता है, बुरा कोलेस्ट्रॉल ज़्यादा होता है.
-LDL कोलेस्ट्रॉल को 50 से कम होना चाहिए.
-कोलेस्ट्रॉल को कम करने में तीन चीज़ों का रोल है.
-लाइफस्टाइल.
-खान-पान.
-दवा.
कोलेस्ट्रॉल को आप दीवार फ़िल्म के शशि कपूर और अमिताभ बच्चन समझ लीजिए. एक भाई अच्छा यानी गुड कोलेस्ट्रॉल. दूसरा भाई बुरा बैड कोलेस्ट्रॉल. आपको अच्छे कोलेस्ट्रॉल से नहीं डरना है. बैड कोलेस्ट्रॉल से डरना है. अगर आपको हाई कोलेस्ट्रॉल की शिकायत रहती है तो अंडे के पीले भाग, चिकन, मक्खन, चीज़, प्रोसेस्सेड मीट, शुगर और फ़ास्ट फ़ूड से दूर रहें. अपनी डाइट में गुड कोलेस्ट्रॉल शामिल करिए. जैसे दाल, ओट्स, बींस, भिंडी, नट्स और सोयाबीन. सेहत अच्छी रहेगी.