(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
हेयर ट्रांसप्लांट से क्यों हो रही हैं मौतें?
ऐसे बहुत से मामले सामने आए हैं.

अथर रशीद 30 साल के थे. दिल्ली में रहते थे. हज़ारों, लाखों लोगों की तरह वो भी पतले बालों और गंजेपन का एक परमानेंट इलाज चाहते थे. अब हर वो इंसान, जो सब कुछ ट्राई करके हार चुका है, ऐसे में अक्सर हेयर ट्रांसप्लांट का सहारा लेता है. हेयर ट्रांसप्लांट एक ऐसा कॉस्मेटिक ट्रीटमेंट है, जिसमें एक टेक्नीक के ज़रिए सिर के गंजेपन को भरा जाता है.
हेयर ट्रांसप्लांट कैसे किया जाता है, इसके बारे में हम पहले बता चुके हैं. आप चाहें तो और जानकारी के लिए वो एपिसोड देख सकते हैं. खैर, वापस आते हैं अपने मुद्दे पर. तो अथर रशीद ने हेयर ट्रांसप्लांट करवाया. लेकिन उन्होंने सपने में भी नहीं सोचा होगा कि ये उनकी जान ले लेगा.
ट्रांसप्लांट के कुछ समय बाद ही उनके शरीर पर लाल-लाल चकत्ते हो गए. इससे पहले उनका कोई इलाज हो पाता, उनकी मौत हो गई. वजह थी मल्टीपल ऑर्गन फेलियर. यानी एक साथ शरीर के कई सारे अंगों ने काम करना बंद कर दिया. हेयर ट्रांसप्लांट करवाने के बाद होने वाली ये पहली मौत नहीं है. पहले भी ऐसे कुछ मामले सामने आए हैं. ऐसे में जो भी लोग हेयर ट्रांसप्लांट करवाना चाहते हैं, ज़रूरी है कि वो कुछ बातों का ध्यान रखें. ऐसे में, डॉक्टर्स से जानते हैं कि हेयर ट्रांसप्लांट से मल्टीप्ल ऑर्गन फेलियर का ख़तरा क्यों है और इससे कैसे बच सकते हैं.
हेयर ट्रांसप्लांट के हेल्थ रिस्कये हमें बताया डॉक्टर एरिका बंसल ने.

-जहां हेयर ट्रांसप्लांट किया जाता है, उस एरिया में दर्द रहता है
-सुन्न हो जाता है
-झनझनाहट हो सकती है
-ये ज़्यादा से ज़्यादा एक महीने तक होता है
-उसके बाद पूरी तरह से ठीक हो जाता है
-जिन लोगों का स्किन कलर लाइट है, उनमें 2-4 हफ़्ते तक स्किन लाल सी रहती है
-ऐसे लोगों को डायरेक्ट धूप में नहीं जाना चाहिए
-अगर तबियत ठीक नहीं है, डायबिटीज या ब्लड प्रेशर है और ऐसे में हेयर ट्रांसप्लांट किया है तो ज़्यादा परेशानी हो सकती है
-ये सर्जरी तभी करवाएं, जब डायबिटीज और हाइपरटेंशन कंट्रोल में हो
मल्टीप्ल ऑर्गन फेलियर का ख़तरा क्यों?-मल्टीप्ल ऑर्गन फेलियर के चांसेस कम हैं
-अगर पहले से पेशेंट को किसी दवा से एलर्जी है और वही दवा आपको सर्जरी के दौरान दे दी जाए
- तो ऐसे में सीवियर रिएक्शन हो सकता है

-अगर सर्जरी के बाद कोई इनफेक्शन हो जाए और ये इनफेक्शन शरीर में पूरी तरह फैल जाए
-तब मल्टीप्ल ऑर्गन फेलियर हो सकता है
-इसके अलावा किसी और कारण से मल्टीप्ल ऑर्गन फेलियर होना मुश्किल है
किन बातों का ध्यान रखें?-हेयर ट्रांसप्लांट से पहले सेहत पर ध्यान देना होगा
-आपको मेडिकली फिट होना चाहिए
-इसलिए ट्रांसप्लांट से पहले कुछ ब्लड टेस्ट किए जाते हैं
-देखा जाता है कि कोई लिवर और किडनी की बीमारी तो नहीं है
-शुगर, ब्लड प्रेशर दवाई से पूरी तरह कंट्रोल में होने चाहिए

-आपको हेयर ट्रांसप्लांट करवाना चाहिए या नहीं, ये जानने के लिए आपको एक स्किन स्पेशलिस्ट से मिलकर जांच करवानी होगी
-अगर आगे से गंजापन दिखने लगा है या पैच में गंजापन दिख रहा है तो ऐसे में हेयर ट्रांसप्लांट काम आता है
-अगर बाल केवल हल्के हुए हैं तो ऐसे में हेयर ट्रांसप्लांट ठीक नहीं है
-अगर उम्र 25 साल से कम है और बाल पतले हैं तो भी हेयर ट्रांसप्लांट आपके लिए ठीक नहीं है
-अगर पीछे के बाल पतले हैं जिसके कारण गंजापन दिख रहा है
-तो हेयर ट्रांसप्लांट काम नहीं आएगा
डॉक्टर्स का तो यही कहना है कि हेयर ट्रांसप्लांट सेफ़ है. लेकिन हां, हर इंसान इसके लिए नहीं बना है. इसलिए हेयर ट्रांसप्लांट करवाने से पहले, डॉक्टर की सलाह ज़रूर लें.
वीडियो- हेयर ट्रांसप्लांट से गंजापन नहीं गया, ग्राहक ने कंपनी से ऐसे बदला लिया!