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एक्सपायर हो चुकी दवा खा ली तो क्या होगा?

ये भी जान लीजिए दवाइयों में एक्सपायरी डेट दी क्यों जाती है?

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जब भी दवाई ख़रीदें तो कोशिश करें कि केमिस्ट से पूरा पत्ता लें.

हम लोग अक्सर दवाई खाते वक़्त पत्ता ऐसे फाड़ते हैं कि उसकी एक्सपायरी डेट भी साथ में फटकर फिक जाती है. फिर वो पत्ता लंबे वक्त तक चलता रहता है. खाने वाले को ये पता भी नहीं चलता कि दवाई एक्सपायर कर गई है. ऐसे में उस दवा को खाने से क्या होता है, डॉक्टर्स से जानते हैं. पर उससे पहले ये जान लीजिए दवाइयों में एक्सपायरी डेट दी क्यों जाती है.

दवाइयों की एक्सपायरी डेट क्यों होती है?

ये हमें बताया डॉक्टर राजेश कुमार बुधिराजा ने.

Dr Rajesh Budhiraja - BW Healthcare
डॉक्टर राजेश कुमार बुधिराजा, एसोसिएट डायरेक्टर, इंटरनल मेडिसिन, एशियन हॉस्पिटल, फ़रीदाबाद

आपने नोट किया होगा दवाइयों पर एक मैन्युफैक्चरिंग डेट होती है. साथ ही एक्सपायरी डेट लिखी होती है. जिस तारीख को दवाई बनी है वो मैन्युफैक्चरिंग डेट है. कंपनी एक्सपायरी डेट तक ये गैरंटी लेती है कि उस दिन तक दवाई असर भी करेगी और सेफ़ भी है.

एक्सपायरी डेट के बाद दवाई में किस तरह का बदलाव आता है?

धीरे-धीरे दवाई की गुणवत्ता कम होने लगती है. इसीलिए एक्सपायरी डेट फ़िक्स की जाती है. एक्सपायरी डेट से पहले तक दवाई असरदार है. एक्सपायरी डेट के बाद दवाई असरदार नहीं रह जाती. दवाई में समय के साथ केमिकल बदलाव आते हैं. इसलिए दवाई असर नहीं करती. एक्सपायरी डेट के बाद दवाई का सेवन नहीं करना चाहिए.

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अगर एक्सपायरी डेट निकलने के बाद दवाई खा लेते हैं तो पैनिक न करें.
एक्सपायरी डेट के बाद दवाई खाने से क्या होता है?

अगर एक्सपायरी डेट निकलने के बाद दवाई खा लेते हैं तो पैनिक न करें. हां पर ये दवाइयां नुकसान कर सकती हैं, क्योंकि दवाई असरदार नहीं रह जाती. इसीलिए जिस कारण से दवाई खा रहे हैं, वो उस पर काम ही नहीं करेगी. चाहे यूरिन इन्फेक्शन हो, निमोनिया हो, पेट का इन्फेक्शन हो. 

कई बार एक्सपायरी के बाद दवाइयां नुकसान भी करती हैं. दवाइयों में बैक्टीरियल ओवरग्रोथ हो सकता है. ये अपने आप में इन्फेक्शन का कारण बन सकता है. 

बगैर डॉक्टर की सलाह के दवाई न लें. दवाई लेते हुए एक्सपायरी डेट ज़रूर चेक करें. अगर बुखार की दवा खरीदनी है और वो दो महीने बाद एक्सपायर हो जाएगी तो उस दवाई को लेने का कोई फायदा नहीं है. वो एक्सपायरी के नज़दीक है. 

दवाई लेते समय ध्यान दें कि एक्सपायरी डेट जितनी लंबी हो, उतना अच्छा.

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 एक्सपायरी डेट से पहले तक दवाई असरदार है. 
किन बातों का ध्यान रखें?

जब भी दवाई ख़रीदें तो कोशिश करें कि केमिस्ट से पूरा पत्ता लें. उसकी एक्सपायरी डेट चेक करें. जहां दवाई की एक्सपायरी डेट लिखी है, वहां से दवाई खाना शुरू न करें. दूसरी तरफ़ से दवाई खाना शुरू करें ताकि अगली बार जब भी दवाई का सेवन करें तो पत्ते पर एक्सपायरी डेट लिखी हो. न ही वो मिटे न ही ख़राब हो.

दवाइयों पर एक्सपायरी डेट क्यों छापी जाती है ये तो आप समझ ही गए. इसीलिए अगली बार आप केमिस्ट से कोई दवाई ख़रीदने जाएं तो डॉक्टर साहब की बताई गई टिप्स ज़रूर याद रखें. काम आएंगी. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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