अपने नाख़ूनों को थोड़ा गौर से देखिए. कैसे दिख रहे हैं? क्या आपके नाख़ूनों पर सफ़ेद रंग के छोटे-छोटे निशान हैं? या लंबी-लंबी लाइन्स दिख रही हैं? जैसे कुछ लोगों के नाख़ून पीले पड़ने लगते हैं. कुछ लोगों के नाख़ून बहुत ड्राई होकर टूटने लगते हैं. अब आपको पता है आपके नाख़ूनों की ये बदली हुई हालत एक मैसेज है. ये मैसेज आपको आपकी बॉडी दे रही है आपको. कि दया कुछ तो गड़बड़ है. तो सबसे पहले तो जान लेते हैं नाख़ूनों की ऐसी ही कंडीशंस के बारे में. साथ ही ये भी जानते है कि किस कारण ये निशान और लाइन्स वगैरह आपके नाख़ूनों पर पड़ रहे हैं?
ये हमें बताया डॉक्टर गोविंद भारतीय ने. स्किन के डॉक्टर हैं. औरंगाबाद में मेकओवर क्लिनिक चलाते हैं.

डॉक्टर गोविंद भारतीय, कॉस्मेटोलॉजिस्ट. मेकओवर क्लिनिक, औरंगाबाद
नाख़ूनों पर सफ़ेद धब्बे
-कई बार नाख़ूनों के ऊपर छोटे-छोटे सफ़ेद रंग के धब्बे आ जाते हैं. वक़्त के साथ वो बढ़ते जाते हैं
-इनको मेडिकल भाषा में ल्यूकोनाईकिया (Leukonychia) कहते हैं. इसमें छोटे से लेकर बड़े सफ़ेद धब्बे नाख़ूनों पर दिखते हैं

-ये शरीर में न्यूट्रीशन या एनीमिया का लक्षण बताते हैं
-कई बार लीवर, किडनी की बीमारी से संक्रमित लोगों के नाख़ूनों में ऐसा देखा जाता है
-स्ट्रेस या डिप्रेशन में भी ऐसा होता है
वर्टिकल लाइन्स
-कई बार नाख़ूनों पर सीधी खड़ी लाइन्स उभरती हुई दिखेंगी
-ये लाइन्स अलग-अलग रंग की होती हैं
-जब ये लाइन्स सफ़ेद होती हैं तो इसका मतलब शरीर में न्यूट्रीशन की कमी है
-जब ये लाल होती हैं तो किसी अंदरूनी चोट को दर्शाते हैं

-जब ये नीली होती हैं तो आपको हाई ब्लड प्रेशर, ब्लीडिंग से होने वाली बीमारियों की तरफ़ इशारा करती हैं
-जब जामुनी रंग के होते हैं तो फेफड़ों की बीमारी या लीवर संबंधित बीमारी को दर्शाते हैं
-जब ये लाइन्स काली या भूरी दिखती हैं तो ये मेलानोमा नाम के कैंसर का लक्षण हो सकता है
पीले रंग के नाख़ून
- फंगल इन्फेक्शन या जॉन्डिस
- आमतौर पर ज़्यादा नेल पॉलिश रिमूवर के इस्तेमाल से भी ऐसा होता है

-नाख़ून पीले होने के बाद टूट नहीं रहे हैं, कड़क हो रहे हैं, मोटे हो गए हैं तो ये फंगल इन्फेक्शन की निशानी है
बीयू लाइन्स (Beau's Lines)
-नाख़ूनों के अंदर अर्ध चन्द्र आकार की एक लाइन बन जाती है
-ये नाख़ून के किसी भी लेवल पर आ सकती है
-एक से ज़्यादा भी हो सकती हैं

-इसका मतलब है कि आपके शरीर में केराटिन की कमी है. केराटिन एक तरह का प्रोटीन होता है
-बालों का झड़ना, नाख़ूनों के विकास में होने वाली रुकावट इसके कारण होती है
खुरदुरे या आसानी से टूटने वाले नाख़ून
-कई बार नाख़ून बड़ी आसानी से टूटते हैं
-छोटी से छोटी चोट में भी बड़ा हिस्सा टूट जाता है, दर्द होता है

-ये थायरॉइड की बीमारी या लिवर की बीमारी का लक्षण माना जाता है
स्पून शेप के नाख़ून
-कई बार नाख़ून चम्मच के मुंह की तरह हो जाते हैं
-उनके एजेज़ बाहर की तरफ़ निकल जाते हैं
-ऐसे नाख़ून हाइपरक्रोमिक एनीमिया (hyperchromic anemia) का लक्षण होते हैं

देखा. हर चीज़ के पीछे एक वजह होती है. ऐसे ही नाख़ूनों पर बैठे-बिठाए निशान नहीं पड़ जाते हैं. अब वजहें तो समझ में आ गईं, पर इनका इलाज क्या है?
इलाज:
-नाख़ूनों को नियमित रूप से काटें. हर हफ़्ते काटें
-उनको छोटा और साफ़ सुथरा रखें
-इससे फंगल इन्फेक्शन को रोकने में काफ़ी मदद मिलती है
-मोज़े पहनें. मोज़ा पैरों के पसीने को सोख लेता है. नमी को कम करता है.
-नाख़ूनों के आसपास की स्किन को ज़्यादा ट्रिम न करें. इससे आपके नाख़ूनों के पास स्किन में इन्फेक्शन हो सकता है
--ये बीमारी नाख़ून की, एक इंसान से दूसरे इंसान में फैल सकती है, किसी के संक्रमित नाख़ून में हाथ लग जाए तो हाथ को अच्छे से धो लें और सुखा लें
-नाख़ूनों की बीमारी अंदरूनी बीमारियों का संकेत हो सकता है
-डॉक्टर की सलाह लेना कभी न भूलें
इन बातों का ध्यान रखिए. साथ ही अपने नाख़ूनों की सेहत को नज़रंदाज़ मत करिए.
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