क्या बैठे-बिठाए आपके पैरों में भी ऐंठन होने लगती है? या अगर ज़्यादा देर खेल लिया, चल लिया या खड़े रहे तो ऐंठन के साथ दर्द उठता है? वैसे ये समस्या गर्मियों में ज़्यादा बढ़ जाती है. इसे आम बोल-चाल की भाषा में कहते हैं लेग क्रैम्प्स. बहुत ही आम समस्या है, पर पैरों में ऐंठन और दर्द एक भविष्यवाणी है. आगे जाकर पैरों की नसों को होने वाले नुकसान की. इसलिए डॉक्टर इसे हल्के में ना लेने की सलाह देते हैं. साथ ही इस दर्द से निपटने के लिए हर बार पेन किलर खाने से भी मना किया जाता है. इससे कैसे बचें, डॉक्टर से जानते हैं.
पैरों में दर्द, ऐंठन नसों की किस गंभीर समस्या का संकेत हैं?
पैरों में होने वाली ऐंठन को इग्नोर न करें.

ये हमें बताया डॉक्टर मनीष पेंडसे ने.

लेग क्रैम्प्स मतलब पैरों की मांसपेशियां कुछ समय के लिए सिकुड़ जाती हैं और वैसी ही रहती हैं. इस कारण पेशंट को तेज़ दर्द होता है. ये दर्द ऐंठन के साथ होता है. ऐसे में पेशंट पैरों को हिला नहीं पाता. पैरों की उंगलियों को हिलाने में समस्या होती है.
सबसे बड़ा कारण है डिहाइड्रेशन. जब किसी भी कारण से शरीर में पानी की मात्रा कम हो जाती है तब मांसपेशियां एकदम अकड़ जाती हैं जिसके कारण दर्द होता है. कुछ और कारण भी हैं. जैसे क्रोनिक बीमारियां, मसलन डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, हाइपोथायरॉडिज्म. इनमें भी ये समस्या होती है.
विटामिंस की कमी, जैसे विटामिन बी 12 और विटामिन डी. कैल्शियम की कमी. विटामिन ई की कमी. इन सब कारणों से भी लेग क्रैम्प्स हो सकते हैं.
जब भी ऐसे लक्षणों की शुरुआत हो तो अपने नज़दीकी डॉक्टर से जांच करवाएं. लेग क्रैम्प्स का डायग्नॉसिस जल्दी होना ज़रूरी है क्योंकि ये बड़ी बीमारी का संकेत हो सकता है. अगर पैरों की नसें सूख जाने वाली हैं या उनमें कोई तकलीफ़ होने वाली है तो शुरुआती तौर पर लेग क्रैम्प्स जैसे लक्षण देखने को मिलते हैं.

इससे बचने के लिए पानी अच्छी मात्रा में पीना है. अगर हम ज़्यादा समय के लिए बाहर काम करते हैं ख़ास तौर पर उमस और गर्मी में. ज़्यादा पसीना आने के कारण शरीर से पानी का लॉस होता है. ऐसे में हमें ज़्यादा पानी पीने की ज़रुरत पड़ती है. 4-5 लीटर पानी दिन में पीना ज़रूरी है. लेकिन अगर बाहर ज़्यादा काम करते हैं तो इसे बढ़ाना पड़ता है.
लेग क्रैम्प्स कुछ पोषक तत्वों की कमी से भी होता है. जैसे विटामिंस. इसके लिए कैल्शियम, विटामिन डी, थाइरॉयड की दवाइयां लेनी पड़ती हैं. डॉक्टर जांच कर के बताते हैं कि किस चीज़ की कमी है. ऐसे लक्षण दिखने पर डॉक्टर से ज़रूर संपर्क करें. ऐसी सिचुएशन में पेन किलर नहीं खाना चाहिए. ज़्यादा पेन किलर लेने से इलेक्ट्रोलाइट और किडनी से जुड़ी समस्या हो सकती है. इसलिए इससे बचाव ज़्यादा बेहतर विकल्प है.
पैरों में होने वाली ऐंठन को इग्नोर न करें, क्योंकि ये शुरुआती लक्षण हो सकते हैं नसों को होने वाले नुकसान के. लेग क्रैम्प्स क्यों हो रहे हैं, इसकी जांच ज़रूर करवाएं.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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