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मेट्रो की फ़र्श पर बैठी महिला के वायरल वीडियो का पूरा सच ये रहा

वीडियो आठ महीने पुराना है और हैदराबाद मेट्रो का है.

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कॉमेंट सेक्शन में ज़्यादातर कॉमेंट इसी टोन के थे कि यह ऐक्ट बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है (फ़ोटो - वायरल वीडियो का स्क्रीशॉट)

ट्विटर पर एक वीडियो वायरल है. Viral video में एक महिला फ़र्श पर बैठी है. अपने बच्चे के साथ. कोच में और भी लोग बैठे हुए हैं, लेकिन कोई अपनी सीट महिला को नहीं दे रहा है.

वैसे तो ये वीडियो अक्टूबर 2021 का है, लेकिन छत्तीसगढ़ काडर के IAS अफसर अवनीश शरन के ट्वीट करने के बाद फिर से वायरल हो रहा है. IAS शरन ने कैप्शन में लिखा,

"आपकी डिग्री सिर्फ़ एक काग़ज़ का टुकड़ा है, अगर वो आपके व्यवहार में न दिखे."

'इंसानियत कहां है?' के नाम पर वीडियो ख़ूब वायरल हुआ. 18 जून को पोस्ट हुआ ये वीडियो अभी तक 8 लाख से ज़्यादा बार देखा जा चुका है. ट्विटर की जनता ने कॉमेंट सेक्शन मानवता की ने आसपास बैठे लोगों की करुणा पर सवाल उठाए हैं.

भीम राजू नाम के ट्विटर यूज़र ने लिखा,

"मैं आपके साथ पूरी तरह से सहमत हूं सर. एक समाज के तौर पर हम दूसरों के दुख और तकलीफ़ के प्रति असंवेदनशील होते जा रहे हैं. मैं कोलकाता से में पला-बढ़ा हूं और मुझे याद है कि जब भी हम किसी भीड़ भरी बस में चढ़ते थे और किसी बुज़ुर्ग या महिला को देखते थे, तो तुरंत अपनी सीट से उठ जाते थे."

एक यूज़र ने लिखा,

"ताज्जुब की बात है कि किसी महिला ने भी अपनी सीट नहीं छोड़ी."

देवेंद्रन पिल्लई, जिनके ट्विटर अकाउंट के हिसाब से वो एक्स-आर्मी पर्सन हैं, उन्होंने बताया कि उन्हें देखकर भी युवा लड़के-लड़कियां अपनी सीट नहीं छोड़ते क्योंकि उनमें संस्कार नहीं है.

कॉमेंट सेक्शन में ज़्यादातर कॉमेंट इसी टोन के थे कि यह ऐक्ट बेहद शर्मनाक और दुर्भाग्यपूर्ण है. हालांकि एक यूज़र ने तो IAS पर ही तंज कसते हुए लिखा,

9 घंटे ऑफ़िस में काम कर के 2 घंटे घर पहुंचने में लगते हैं, तो आदमी सिर्फ़ अपने बारे में सोचता है. आपके पास सरकारी गाड़ी है, तभी आप इतना सोच पाते हो.

एक यूजर ने पूछ लिया कि नीचे बैठने में समस्या क्या है?

नीचे बैठने में समस्या क्या है? छोटा हो जाता है क्या कोई नीचे ज़मीन पर बैठकर? हो सकता है किसी ने सीट दी हो, लेकिन दीदी ने मना कर दी हो क्योंकि वह ज़्यादा आराम से बैठी हैं नीचे. आप तो बड़े अधिकारी हैं. क्या आपने ये सभी आयाम सोचे?

विक्रम जामवाल नाम के यूज़र ने पॉइंट आउट किया कि ये वीडियो पुराना है. लिखा,

"ये वीडियो बहुत पुराना है. और यह बात साफ़-साफ़ बताई गई थी कि इस महिला को कई लोगों ने अपनी सीट ऑफ़र की, लेकिन उसे सीट पर बैठना ही नहीं था क्योंकि फर्श पर बैठकर अपने बच्चे को गोद में लेटाना उसके लिए ज़्यादा सहज था. हर चीज़ उतनी ग़लत होती नहीं जितनी हम बना देते हैं."

तब की स्थानीय रिपोर्ट्स में भी ये बात है कि महिला ने बताया था कि फ़र्श पर बैठना उनके लिए ज़्यादा आरामदायक था. वहीं, कुछ रिपोर्ट्स में ये भी कहा गया कि कोविड के चलते महिला बाकी लोगों से अलग बैठना चाहती थीं. इसलिए उन्होंने मेट्रो के फर्श पर बैठकर यात्रा की.