‘ऊंचे तकिए पर मत सो, गर्दन में दर्द होगा.’ ‘कमर दर्द नहीं जा रहा, अपना तकिया बदल कर देखो.’ ये बातें आपने कभी न कभी ज़रूर सुनी होंगी. गर्दन और कमर दर्द होने पर अक्सर लोगों को ये सलाह दी जाती है. ऐसे में सवाल उठता है कि हमारा तकिया गर्दन और कमर दर्द के लिए कैसे ज़िम्मेदार है? ज़्यादा ऊंचे तकिए पर सोने के क्या नफ़ा-नुकसान हैं? बहुत पतले तकिए पर क्यों नहीं सोना चाहिए और खराब तकिए पर सोने से क्या समस्याएं हो सकती हैं? चलिए, डॉक्टर से समझते हैं.
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अगर आप बहुत ऊंचा तकिया इस्तेमाल करते हैं तो आपकी गर्दन में दर्द हो सकता है. रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट करने वाली मांसपेशी भी खराब होने लगती है.
कमर, गर्दन के दर्द में तकिए का रोल है?
ये हमें बताया डॉक्टर सुरभि भगत ने.
कमर, गर्दन में दर्द होना आजकल बहुत आम है. अगर गर्दन में दर्द रहता है तो हर छह महीने में तकिया बदलें. अगर फिर भी दर्द दूर न हो तो डॉक्टर से मिलें. जांच में पता चल जाएगा आपको तकिया बदलने की ज़रूरत है या और टेस्ट की. वहीं पीठ में दर्द रहता है तो हर छह महीने में मैट्रेस बदलें. हालांकि अगर कमर दर्द लंबे समय से बना हुआ है और वो ठीक नहीं हो रहा तो जांच ज़रूर करवाएं.
ज़्यादा ऊंचे तकिए पर सोने के क्या नफा-नुकसान हैं?
ज़्यादा ऊंचे तकिए पर सोने के फायदे कम और नुकसान ज़्यादा हैं. अगर आपको स्लीप एपनिया (Sleep apnea) की दिक्कत है, रात में सांस रुक जाती है, सर्दी, खांसी, ज़ुकाम या साइनस है तो ऊंचा तकिया आपको थोड़ी देर के लिए राहत दे सकता है.
हालांकि अगर आप लंबे वक्त तक ऊंचे तकिए पर सोते हैं तो आपकी गर्दन में दर्द हो सकता है. जोड़ों में आर्थराइटिस (arthritis) की दिक्कत हो सकती है. रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट करने वाली मांसपेशी ख़राब होने लगती है. अगर आपको लंबे समय से दर्द हो रहा है तो अल्ट्रासाउंड या किसी अडवांस तकनीक से जांच ज़रूर करवाएं. इससे आपको पता चल जाएगा कि असल में दर्द कहां से आ रहा है.
बहुत पतले तकिए पर क्यों न सोएं?
- बहुत सारे मरीज़ों को तकिया न लगाने या बहुत पतला तकिया इस्तेमाल करने की वजह से गर्दन में दर्द होने लगता है.
- जब हम तकिया नहीं लगाते तो गर्दन का नेचुरल कर्व भी नहीं बना रहता.
- हड्डियां एक के ऊपर एक आने लगती हैं, इससे जॉइंट्स में आर्थराइटिस की दिक्कत होने लगती है.
- फिर दर्द लंबे समय तक रहता है.
- ऐसे में अगर आपको गर्दन में दर्द है तो डॉक्टर के पास जाकर सलाह ज़रूर लें.
खराब तकिए पर सोने से क्या समस्याएं हो सकती हैं?
कई मरीज़ों की गर्दन या कमर में दर्द होता है. फिर जांच करने पर पता चलता है कि ये दर्द सिर्फ ख़राब पॉश्चर की वजह से ही नहीं, बल्कि तकिया सही न होने की वजह से भी है. इसलिए जांच बहुत ज़रूरी है. आजकल कई एडवांस मशीनें हैं जो मांसपेशियों के मोशन की रेंज और उनकी ताकत बता सकती हैं.
कुछ मरीज़ों की जांच अल्ट्रासाउंड से भी की जाती है. फिर जांच के बाद डॉक्टर बता सकते हैं कि कौन-सा तकिया उनके लिए सही रहेगा. दर्द से निपटने के लिए कुछ सर्जरी भी हैं, जैसे रीजेनरेटिव सर्जरी. ये सर्जरी करवाकर और सही तकिया लगाकर मरीज़ काफी राहत पा सकते है.
आपका तकिया न बहुत मोटा हो. न ही बहुत पतला. उसकी ऊंचाई 4 से 6 इंच के बीच की होनी चाहिए. साथ ही, तकिया ऐसा हो जो आपकी गर्दन, रीढ़ की हड्डी को सपोर्ट करे. ऐसा देखा गया है कि जिन तकियों में हल्की रुई भरी होती है, वो तकिए रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल भी सपोर्ट नहीं करते. इसलिए, ठोस मैटेरियल से भरा तकिया इस्तेमाल करें.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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