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पीरियड हमेशा देरी से क्यों आते हैं?

आमतौर पर 21-35 दिनों के अंतराल में दोबारा पीरियड्स हो जाते हैं.

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अगर 21 से पहले और 35 दिन के बाद पीरियड्स हो रहे हैं तो उसको अनियमित माहवारी यानी इरेग्युलर पीरियड्स कहते हैं

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

कृति 29 साल की हैं और अपने पीरियड्स से भयंकर परेशान हैं. उनके पीरियड्स हमेशा लेट होते हैं. यानी एक पीरियड और दूसरे पीरियड में लगभग 40 दिनों का अंतर होता है. उन्हें सबसे सुना था कि ऐसा PCOS या PCOD के कारण होता है. पर जब उन्होंने टेस्ट करवाए तो पता चला उन्हें दोनों ही नहीं हैं. न ही वो प्रेगनेंट हैं. ऐसे में वो समझ नहीं पा रही हैं कि उनके पीरियड्स इतने अनियमित क्यों हैं. वो चाहती हैं हम अपने शो पर इस बारे में बात करें. टाइम पर पीरियड्स न होने के कारण और इलाज बताएं. 

इस हफ़्ते हम बात कर रहे हैं औरतों से जुड़ी कुछ बहुत ही कॉमन हेल्थ प्रॉब्लम्स के बारे में. और डिलेड पीरियड्स एक बहुत ही आम समस्या है. हमारे देश में 33 प्रतिशत औरतों की पीरियड साइकिल इररेग्युलर चलती है. मैंने अपने आसपास कई महिलाओं से इस बारे में बात की. ज़्यादातर सबको यही समस्या है. अब ऐसा क्यों है, इसकी वजह जानने से पहले ये पता करते हैं कि कितने दिन पीरियड्स लेट होना नॉर्मल है?

कितने दिन पीरियड्स लेट होना नॉर्मल है?

ये हमें बताया डॉक्टर नुपुर गुप्ता ने.

Dr. Nupur Gupta | Obstetrics and Gynaecology Specialist in Gurgaon - Fortis  Healthcare
डॉक्टर नुपुर गुप्ता, डायरेक्टर, गायनेकोलॉजी, फ़ोर्टिस, गुरुग्राम

-नॉर्मल मेंसट्रूअल साइकिल में हर महीने आपकी डेट के आसपास ही पीरियड्स होंगे.

-21-35 दिनों के अंतराल में दोबारा पीरियड्स हो जाते हैं.

-पर अगर 21 से पहले और 35 दिन के बाद पीरियड्स हो रहे हैं तो उसको अनियमित माहवारी यानी इररेग्युलर पीरियड्स कहते हैं.

-अगर आपकी 28-30 दिन की साइकिल है और दो दिन भी पीरियड्स ऊपर हो जाएं तो उसको डिलेड पीरियड्स कहते हैं.

कारण

-सबसे आम कारण होता है प्रेग्नेंसी.

-पर अगर प्रेग्नेंसी नहीं है तो बहुत सारे कारण हो सकते हैं.

-पहला कारण है हॉर्मोनल इमबैलेंस.

-ऐसा ज़्यादातर थायरॉइड की वजह से होता है.

-चाहे वो हाइपोथायरॉइड की वजह से हो या हाइपरथायरॉइड की वजह से.

-थायरॉइड फंक्शन एक बहुत ही अहम रोल प्ले करता है पीरियड्स को रेग्युलर करने में.

-इसलिए अगर आपको हाइपो या हाइपर थायरॉइड है तो दवा लेने से न घबराएं.

-दूसरी चीज़ जो हॉर्मोनल इमबैलेंस का कारण बनती है वो है प्रोलैक्टिन लेवल.

-ये ब्रेन में मौजूद पिट्यूटरी ग्लैंड से रिलीज़ होता है.

-हाई प्रोलैक्टिन लेवल के कारण पीरियड्स लेट हो सकते हैं.

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नॉर्मल मेंसट्रूअल साइकिल में हर महीने आपकी डेट के आसपास ही पीरियड्स होंगे

-तीसरा कारण है PCOS यानी पॉलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम.

-इसको PCOD भी कहते हैं.

-PCOD के साथ थायरॉइड इमबैलेंस या हाई प्रोलैक्टिन लेवल भी देखा जाता है.

-कैसे पता चलेगा PCOS/PCOD हो रहा है?.

-इसमें पीरियड डिस्टर्ब होंगे.

-इसके अलावा वज़न बढ़ सकता है.

-एक्ने हो सकता है.

-शरीर पर ज़्यादा हेयर ग्रोथ हो सकती है.

-ये लक्षण दिखने पर डॉक्टर से जांच करवानी चाहिए.

- चौथा कारण है आपका वज़न.

-अगर आप ओवरवेट हैं या अंडरवेट हैं, इन दोनों ही सूरतों में पीरियड लेट हो सकते हैं  .

-पोषण की कमी भी एक बड़ी वजह है.

-महिलाओं में देखा गया है कि साईकोलॉजिकल स्ट्रेस भी मेंसट्रूअल साइकिल पर असर करता है.

-ज़्यादा स्ट्रेस लेने से पीरियड्स कभी जल्दी हो जाते हैं और कभी लेट.

-क्योंकि स्ट्रेस ब्रेन में मौजूद पिट्यूटरी ग्लैंड को ट्रिगर करता है.

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अगर आप ओवरवेट हैं या अंडरवेट हैं, इन दोनों ही सूरतों में पीरियड लेट हो सकते हैं  

-उससे जो हॉर्मोन निकलते हैं वो एंडोक्राइन सिस्टम को डिस्टर्ब करते हैं.

-उससे पीरियड भी डिस्टर्ब हो जाते हैं.

-इसके अलावा अगर आप मैनोपॉज़ के आसपास हैं यानी 40 साल के आसपास.

-ऐसे में पीरियड टाइम पर न होना नॉर्मल बात होती है.

-कुछ लोगों को कम उम्र में मैनोपॉज़ हो जाता है जिसे अर्ली मैनोपॉज़ कहते हैं.

-इसके लिए डॉक्टर से मिलकर हॉर्मोनल टेस्ट करवाने पड़ेंगे.

-तभी साफ़ तौर पर पता चलेगा.

-अगर आपको मैनोपॉज़ हो रहा है तो आपको हॉट फ़्लैशेस हो सकते हैं यानी भयंकर गर्मी लग सकती है.

-पेशाब से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.

-नींद कम आ सकती है.

-मूड स्विंग्स हो सकते हैं.

-आख़िरी बात. अगर आपको कोई क्रोनिक बीमारी, डायबिटीज, कुपोषण या कोई भी मेडिकल डिसऑर्डर है जैसे लिवर, किडनी, ब्रेन की बीमारी या ब्लड कैंसर तो ऐसे में हॉर्मोनल साइकिल बिगड़ती है.

-पीरियड्स लेट हो सकते हैं.

डॉक्टर को कब दिखाना चाहिए?

-अगर साइकिल टाइम पर नहीं हो रही है तो ये पहला संकेत है.

-दूसरी बात अगर पीरियड बहुत हैवी हैं या दो पीरियड्स के बीच में भी खून आ रहा है.

-सेक्स करने के बाद खून आ रहा है.

-अगर बहुत ज़्यादा दर्द है तो ऐसी सभी सिचुएशन में आपको डॉक्टर को दिखाना चाहिए.

इलाज

-पीरियड साइकिल हॉर्मोन्स के कारण होती है.

-ये हॉर्मोन्स हैं एस्ट्रोजेन, प्रोजेस्ट्रोन, टेस्टोस्टेरोन, LH, FSH, प्रोलैक्टिन और थायरॉइड.

-इन सभी हॉर्मोन्स को बैलेंस में रखना ज़रूरी है.

-उसके लिए स्ट्रेस को कंट्रोल करें.

-अगर साइकिल बार-बार डिस्टर्ब हो रही है.

-फैमिली में थायरॉइड की हिस्ट्री है.

-तो थायरॉइड का चेकअप करें.

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आमतौर पर 21-35 दिनों के अंतराल में दोबारा पीरियड्स हो जाते हैं

-विटामिन डी को सही लेवल पर रखें.

-अगर प्रोलैक्टिन हाई है तो उसकी दवा लें.

-बहुत ज़्यादा एक्सरसाइज करने की वजह से भी पीरियड्स डिले हो सकते हैं.

-कई बार महिलाएं हॉर्मोनल पिल यानी i-pill या हॉर्मोनल IUD इस्तेमाल करती हैं.

-तो उससे भी पीरियड डिले हो सकते हैं.

अब तक तो आपको पता चल ही गया होगा कि आपके पीरियड्स टाइम पर क्यों नहीं होते हैं. बहुत सारी वजहे हैं. पर अगर आपके दो पीरियड्स के बीच में 35 दिन से ज़्यादा गैप है तो डॉक्टर से जांच ज़रूर करवाएं ताकि सही वजह पता चल सके. 

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