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"कोर्ट में महिला वक़ील बाल न ठीक करें, काम अटकता है" - आदेश आया, वापिस चला गया

सीनियर एडवोकेट इंदिरा जयसिंह ने पूछा- महिला वकीलों की वजह से किसका ध्यान भटक रहा है और क्यों?

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सांकेतिक फोटो, Pexels

यह बार-बार देखा गया है कि महिला वकील अक्सर अपने बालों को ओपन कोर्ट में सुलझाती हैं. यह कोर्ट के कामकाज को डिस्टर्ब करता है. इसलिए महिला वकीलों को इस तरह के कृत्य से परहेज करने के लिए सूचित किया जाता है.

ये नोटिस कथित तौर पर पुणे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट ने 20 अक्टूबर को महिला वकीलों के लिए जारी किया था. इस नोटिस की फोटो सोशल मीडिया पर वायरल  है. तस्वीर के मुताबिक, ये नोटिस पुणे डिस्ट्रिक्ट कोर्ट के रजिस्ट्रार के आदेश पर जारी किया गया था.

'महिला वकीलों से किसका ध्यान भटक रहा!'

वरिष्ठ वकील इंदिरा जयसिंह ने 23 अक्टूबर को नोटिस की फोटो ट्वीट करते हुए लिखा,

देखो! महिला वकीलों की वजह से किसका ध्यान भटक रहा है और क्यों!

बार एंड बेंच की रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से बताया गया है कि आपत्ति जताए जाने के बाद शनिवार, 22 अक्टूबर को नोटिस वापस ले लिया गया था. वहीं इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक,  पुणे बार एसोसिएशन का कहना है कि उनकी जानकारी में ऐसा कोई नोटिस आया ही नहीं था.

रिपोर्ट के मुताबिक पुणे बार एसोसिएशन के अध्यक्ष एडवोकेट पांडुरंग थोर्वे ने बताया कि वकीलों को जारी किए जाने वाले सभी नोटिस पुणे बार एसोसिएशन को पहले भेजे जाते हैं. थोर्वे के मुताबिक, उनके ऑफिस को ऐसा कोई नोटिस नहीं मिला.  

थोर्वे ने बताया कि महिला वकीलों के लिए जारी कथित नोटिस के बारे में पता चलने के बाद वे कोर्ट परिसर की कुछ जगहों को चेक करने गए थे, लेकिन उन्हें वहां ऐसा कोई नोटिस लगा नहीं दिखा. उन्होंने कहा,

हालांकि कुछ रिपोर्टों में कहा गया है कि शनिवार (22 अक्टूबर) को नोटिस वापस ले लिया गया, लेकिन यह ध्यान देने की जरूरत है कि शनिवार को दिवाली की छुट्टियां शुरू होने से पहले शुक्रवार को अदालत के कामकाज का आखिरी दिन था.

थोर्वे ने बताया कि इस मामले की जानकारी जुटाई जा रही है और सभी डिटेल वेरिफाई करने के बाद ही आगे कुछ कहा जा सकता है.

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