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गुजरात: लड़की पैदा हुई तो उसे खेत में गाड़ दिया, घंटों बाद ज़िंदा निकली बच्ची

घटना गुजरात के साबरकांठा की है, बच्ची डॉक्टरों की निगरानी में है और खतरे से बाहर है.

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पुलिस ने बच्ची के माता-पिता के ख़िलाफ़ भी केस दर्ज किया है. (फोटो - एजेंसी)

गुजरात के साबरकांठा में एक नवजात बच्ची को ज़मीन में ज़िंदा दफना दिया गया. दफनाने के कई घंटे बाद एक शख्स की नज़र उस बच्ची पर पड़ी. उसे वहां से निकाला गया और अब उसे डॉक्टरों की निगरानी में रखा गया है. पुलिस बच्ची के माता-पिता का पता लगाने में जुट गई है, साथ ही इस बात की जांच चल रही है कि उसे दफनाया किसने.

'घंटों मिट्टी में दबी रही बच्ची'

घटना गुजरात के साबरकांठा जिले के गांभोई गांव की है. 4 अगस्त की सुबह एक स्थानीय किसान अपने खेत पहुंचा, तो उसे ज़मीन में एक हाथ दिखाई दिया. खेत के ठीक बग़ल में बिजली वितरण कंपनी का ऑफिस है, किसान ने वहां के कर्मचारियों को बुलाया. कर्मचारियों में से एक ने मिट्टी हटाई, तो वहां एक नवजात बच्ची मिली. ज़िंदा थी. लगातार रो रही थी. इसके बाद किसान ने एंबुलेंस बुलाई और नवजात को हिम्मतनगर सिविल अस्पताल ले गया.  

डॉक्टर्स के मुताबिक़, ज़मीन के अंदर दबे होने की वजह से नवजात को सांस लेने में थोड़ी परेशानी हुई थी, लेकिन वो ख़तरे से बाहर है. डॉक्टर्स बच्चे के स्वास्थ्य पर नज़र बनाए हुए हैं.

इस मामले की जानकारी के बाद पुलिस मौक़े पर पहुंची और नवजात के माता-पिता को खोजना शुरू किया. पुलिस ने माता-पिता के ख़िलाफ़ बच्चे की हत्या के प्रयास का मामला भी दर्ज किया है. गंभोई के DSP सी. एफ. ठाकोर ने स्थानीय मीडिया को बताया,

"हमें सूचना मिली थी कि हितेंद्र सिंह नाम के एक शख्स के खेत में एक शिशु को जिंदा दफ़नाया गया था. शिशु को बचा लिया गया है और अस्पताल में उसका इलाज चल रहा है. पुलिस ने हितेंद्र सिंह और अन्य स्थानीय लोगों के बयान दर्ज कर लिए हैं. जांच चल रही है."

मामले की प्रारंभिक जांच में यही बात सामने आ रही है कि बच्ची कुछ घंटों तक ज़मीन में दबी हुई थी. हितेंद्र सिंह ने बताया है कि गड्ढा गहरा नहीं था, इसका मतलब है कि किसी ने इसे 4 अगस्त की सुबह ही दफ़नाया होगा.

गुजरात में ऐसी ही एक और घटना हुई

दूसरी घटना दाहोद जिले के गरबाड़ा गांव की है. यहां एक बच्ची को कुएं में फेंक दिया गया था, लेकिन वो बच गई. नवभारत टाइम्स में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक़, गांव में जोखला हाथीला नाम के एक किसान अपने जानवरों को चारा दे रहे थे. उनके घर के पास एक कुंआ है. सूखा हुआ. कुएं से उन्हें किसी बच्ची के रोने की आवाज़ सुनाई दी. कुएं में झांक कर देखा तो अंदर एक बच्ची पड़ी दिखी. गांव वालों को आवाज़ लगाई. फिर रस्सी के ज़रिए कुएं में उतरे और रस्सी में टोकरी बांधकर बच्ची को बाहर निकाला गया.

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