अरविंद अलीगढ़ के रहने वाले हैं. 35 साल के हैं. कुछ महीने पहले उन्हें अपने पेट के पास एक छोटी-सी गांठ महसूस हुई. पेट में सूजन भी रहती थी. शरीर भारी लगता था. देर तक खड़े नहीं रह पाते थे. कई बार तो अचानक पेट में तेज़ दर्द शुरू हो जाता था. पेट दर्द से निपटने के लिए उन्होंने मेडिकल स्टोर से दवाई खरीदकर भी खाई लेकिन कोई असर नहीं हुआ. समस्या जस की तस रही. फिर जब परेशानी बढ़ने लगी तो उन्होंने डॉक्टर को दिखाया.
पेट, जांघ के ऊपर गांठ 'हर्निया' हो सकती है! डॉक्टर से समझिए, क्यों होती है ये दिक्कत और बचें कैसे?
हर्निया होने की वजह हमारे पेट की अंदरूनी परत यानी एब्डॉमिनल वॉल का कमज़ोर होना है. ये परत हमारे आंतों के बाहर होती है. जब ये कमज़ोर होती है तो बाहर की ओर बढ़ने लगती है. इसके साथ छोटी या बड़ी आंत भी बढ़ने लगती है. इसे हर्निया कहा जाता है. हर्निया कई तरह का होता है. जैसे पेट और जांघ के बीच, कमर और नाभि के पास. यह किसी बड़ी सर्जरी के बाद भी हो सकता है.
कुछ जांचों के बाद डॉक्टर ने बताया कि उन्हें हर्निया हो गया है. इसमें जांघ के ऊपर, पेट, कमर या नाभि के आसपास उभार आ जाता है. बहुत दर्द होता है. कई और लक्षण भी महसूस होते हैं. हर्निया गंभीर बीमारी तो नहीं है. लेकिन, समय पर उपचार न हो तो सर्जरी तक करनी पड़ती है.
डॉक्टर ने अरविंद को बताया कि उन्हें कब्ज़ की वजह से हर्निया हुआ है. ये सुनकर अरविंद चौंक गए. दरअसल उन्हें लंबे समय से कब्ज़ की शिकायत तो थी पर उन्होंने इसे बहुत गंभीरता से नहीं लिया था. डॉक्टर्स के मुताबिक, लंबे समय से कब्ज़ हर्निया का एक बड़ा कारण है. ऐसे में आज समझिए कि हर्निया क्या है? लगातार कब्ज़ के कारण हर्निया का जोखिम क्यों होता है? साथ ही जानेंगे कि हमें किन वजहों से कब्ज़ की शिकायत रहती है? और, हर्निया और कब्ज़ से बचाव और इलाज कैसे किया जाए?
हर्निया क्या होता है?
ये हमें बताया डॉ. मंगेश बोरकर ने.
हर्निया होने की वजह हमारे पेट की अंदरूनी परत (एब्डॉमिनल वॉल) का कमज़ोर होना है. ये परत हमारे आंतों के बाहर होती है. जब ये कमज़ोर होती है तो बाहर की ओर बढ़ने लगती है. इसके साथ छोटी या बड़ी आंत भी बढ़ने लगती है. इसे हर्निया कहा जाता है. हर्निया कई तरह का होता है. जैसे पेट और जांघ के बीच में इनगुइनल हर्निया (Inguinal Hernia) होता है. हर्निया अगर नाभि के पास हो तो उसे अम्बिलिकल हर्निया (Umbilical Hernia) कहते हैं. अगर यह किसी बड़ी सर्जरी के बाद हो तो उसे इंसिज़नल हर्निया (Incisional Hernia) कहते हैं.
लगातार कब्ज़ की समस्या से हर्निया का जोखिम क्यों है?
इसके लिए हमें हर्निया के कारणों को समझना होगा. पहला और आम कारण लगातार कब्ज़ (Constipation) का होना है. अगर किसी को बहुत सालों से कब्ज़ है तो इससे हमारा इंट्रा-एब्डोमिनल प्रेशर बढ़ जाता है. यानी पेट के अंदर का दबाव. इस वजह से पेट की परत कमज़ोर हो जाती है और फिर हर्निया हो सकता है. इसके अलावा, हर्निया दूसरे कारणों से भी होता है. जैसे लंबे समय से बनी हुई कफ की समस्या (Cough). प्रेग्नेंसी (Pregnancy ) या किसी बड़ी सर्जरी के बाद भी हर्निया हो सकता है.
किन वजहों से कब्ज़ की शिकायत रहती है?
- पहला कारण उम्र से जुड़ा है
- उम्र के साथ खाना पचाने की गति कम हो जाती है
- अगर लंबे समय से डायबिटीज़ कंट्रोल (How To Control Diabetes) में नहीं है तो कब्ज़ की शिकायत हो सकती है
- थायरॉइड (Thyroid) की वजह से कब्ज़ हो सकता है
- किसी दवा के कारण भी ऐसा हो सकता है
बचाव और इलाज
हर्निया से बचाव के लिए उसके कारणों से बचना होगा. जैसे अगर कोई एक्सरसाइज़ कर रहा है और इससे पेट के अंदर का दबाव काफी बढ़ रहा है. तो, एक्सरसाइज़ सही तकनीक से करें. इससे पेट के अंदर दबाव थोड़ा कम होगा. अगर कोई बीमारी है, जैसे डायबिटीज़ या थायरॉइड तो इसका इलाज कराएं. खूब पानी पिएं. डाइट में फाइबर की मात्रा बढ़ाएं. अगर हर्निया होता है तो उसका उपचार सर्जरी से भी किया जा सकता है.
हर्निया का इलाज व्यक्ति की स्थिति और बीमारी के स्टेज पर निर्भर करता है. परहेज़ और सतर्कता बरतने पर कुछ मामलों में ये अपने आप ठीक हो जाता है. लेकिन, अगर हर्निया का पता चलने में बहुत देर हो जाए. तो, सर्जरी के अलावा कोई और रास्ता नहीं बचता. इसकी सर्जरी में 50 हज़ार से लेकर 1 लाख तक का खर्च आ सकता है. हालांकि कुछ मामलों में ये खर्च और ज़्यादा बढ़ सकता है. इसलिए, आप सावधानी बरतें. शरीर में कहीं भी गांठ या उभार लगे तो डॉक्टर को दिखाएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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