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लखीमपुर में बहनों का गैंगरेप हुआ, फिर गला दबाकर मार डाला- पोस्टमॉर्टम में हुआ खुलासा!

दोनों बहनों के शव 14 सितंबर को गांव के बाहर पेड़ पर लटकते मिले थे.

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लखीमपुर खीरी

लखीमपुर खीरी में 14 सितंबर को जिन दो नाबालिग दलित बहनों की लाश मिली थी, उनकी पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट आ गई है. रिपोर्ट में दोनों बहनों के रेप और गला दबाकर हत्या की पुष्टि हुई है. इस मामले में पुलिस ने 15 सितंबर की सुबह ही छह आरोपियों को गिरफ्तार किया है. पुलिस के मुताबिक, आरोपियों के नाम छोटू, जुनैद, सुहैल, हफीजुरहमान, करीमुद्दीन और आरिफ़ हैं. इनमें से एक आरोपी जुनैद को पुलिस कार्रवाई में पैर में गोली भी लगी है.

पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट की जानकारी ADG प्रशांत कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में दी. उन्होंने बताया कि इस मामले में अब गैंगरेप, हत्या और नाबालिगों को यौन हिंसा से बचाने वाले कानून POCSO एक्ट की संबंधित धाराएं जोड़ी जाएंगी. पहले आरोपियों के खिलाफ SC/ST एक्ट के तहत केस दर्ज किया गया था.

एडीजी प्रशांत कुमार ने कहा,

“14 सितंबर की दोपहर निघासन थाना क्षेत्र में सूचना मिली कि दो सगी बहनों के शव मिले हैं. पुलिस तुरंत मौके पर पहुंची और लखनऊ से भी अधिकारी मौके पर भेजे गए. मृतका की मां की शिकायत पर केस दर्ज किया गया. सभी पहलुओं को देखा गया और फॉरेंसिक एविडेंस कलेक्ट किए गए. 24 घंटे के अंदर छह अभियुक्त गिरफ्तार किए गए हैं. एक अभियुक्त पुलिस कार्रवाई में घायल हुआ है. पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिवार को सौंप दिए गए हैं.”

इस मामले में लड़कियों के परिवार ने आरोप लगाया था कि आरोपी लड़कियों को घर के बाहर से उठाकर ले गए हैं. वहीं, पुलिस ने पहले कहा था कि दोनों बहनों की आरोपियों से जान पहचान थी और वो दोनों आरोपियों के साथ अपनी मर्ज़ी से गई थीं. 

SP संजीव सुमन ने बताया था,

“मृतिका और आरोपी दोस्त थे. दोस्ती हाल की थी. हमें जांच में कुछ भी ऐसा नहीं मिला है, जो आपत्तिजनक हो. उनको बहला-फुसलाकर खेत में ले जाया गया था‌ और मृतकों की इच्छा के विरुद्ध उनसे शारीरिक संबंध बनाए गए. सोहेल और जुनैद मुख्य आरोपी हैं. सभी के कपड़ों का और सबका मेडिकल टेस्ट करवाया जा रहा है. ये सब हमारी प्रारंभिक पूछताछ में पता चला है.”

क्या है लखीमपुर खीरी मामला?

14 सितंबर की रात उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी में गांव के बाहर दो लड़कियों की लाश मिली थी. पेड़ से लटकती हुई. मृतकाएं दलित समुदाय से हैं. दोनों नाबालिग थीं. इसके बाद से ही इलाक़े में तनाव बना हुआ है. मृतक लड़कियों की मां का आरोप है कि 14 सितंबर की दोपहर में 3 लड़के उनकी बेटियों को उठाकर ले गए थे. और फिर हत्या कर शव पेड़ से लटका दिए. यह वारदात निघासन थाना इलाके के तमोलीन गांव की है. इस घटना की तुलना 2014 के बदायूं केस से हो रही है. उस केस में भी दलित परिवार की दो बहनों की हत्या करके उनके शव को पेड़ से लटका दिया गया था.

गैंगरेप-मर्डर मामले में विपक्ष ने यूपी सरकार को घेरा

दलित बहनों के रेप और हत्या मामले में विपक्ष के नेता यूपी सरकार और यूपी पुलिस को घेर रहे हैं. कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने ट्वीट किया,

“लखीमपुर में दो बहनों की हत्या की घटना दिल दहलाने वाली है. परिजन का कहना है कि उन लड़कियों का दिन दहाड़े अपहरण किया गया था. रोज़ अखबारों व टीवी में झूठे विज्ञापन देने से कानून व्यवस्था अच्छी नहीं हो जाती. यूपी में महिलाओं के खिलाफ जघन्य अपराध क्यों बढ़ते जा रहे हैं?”

सपा नेता और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने घटना की तुलना हाथरस की घटना से करते हुए लिखा,

"निघासन पुलिस थाना क्षेत्र में 2 दलित बहनों को अगवा करने के बाद उनकी हत्या और उसके बाद पुलिस पर पिता का ये आरोप बेहद गंभीर है कि बिना पंचनामा और सहमति के उनका पोस्टमार्टम किया गया. लखीमपुर में किसानों के बाद अब दलितों की हत्या ‘हाथरस की बेटी’ हत्याकांड की जघन्य पुनरावृत्ति है."

बसपा प्रमुख मायावती ने यूपी सरकार की प्राथमिकताओं पर सवाल उठाए. उन्होंने ट्वीट किया,

“लखीमपुर खीरी में मां के सामने दो दलित बेटियों का अपहरण व दुष्कर्म के बाद उनके शव पेड़ से लटकाने की हृदय विदारक घटना सर्वत्र चर्चाओं में है, क्योंकि ऐसी दुःखद व शर्मनाक घटनाओं की जितनी भी निन्दा की जाए वह कम है. यूपी में अपराधी बेखौफ हैं क्योंकि सरकार की प्राथमिकताएं गलत. यह घटना यूपी में कानून-व्यवस्था व महिला सुरक्षा आदि के मामले में सरकार के दावों की जबर्दस्त पोल खोलती है. हाथरस सहित ऐसे जघन्य अपराधों के मामलों में ज्यादातर लीपापोती होने से ही अपराधी बेखौफ हैं. यूपी सरकार अपनी नीति, कार्यप्रणाली व प्राथमिकताओं में आवश्यक सुधार करे.”

लखीमपुर खीरी मामले में सरकार ने क्या कहा?

इस मामले उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा,

"लखीमपुर की घटना दुर्भाग्यपूर्ण है. सभी आरोपियों के खिलाफ कड़ी से कड़ी कार्रवाई की जाएगी. मैं विपक्ष से चाहे वो अखिलेश यादव हों, प्रियंका गांधी हों या मायावती हों, अनुरोध करता हूं कि इस मुद्दे पर राजनीति करने की जगह शोकाकुल परिवार को सांत्वना दें."

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक ने इस मामले में कहा कि सरकार आरोपियों के खिलाफ ऐसा ऐक्शन लेगी कि उनकी आने वाली पीढ़ियां भी कांपेंगी.उन्होंने कहा कि इंसाफ होगा और फास्ट ट्रैक कोर्ट में मामले की सुनवाई की जाएगी.

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