The Lallantop

पता चल गया, हमें अनहेल्दी चीज़ें खाने का इतना मन क्यों करता है?

कहीं आप प्यास को भूख समझकर ज्यादा खाना तो नहीं खा रहे?

post-main-image
नींद पूरी ना हो तब भी होती है जंक फ़ूड की क्रेविंग

कल मैं ऑफिस में काम कर रही थी और मैंने ये डिसाइड किया कि अब मैं जंक फ़ूड नहीं खाऊंगी. इसके बाद मैं ऑफिस से निकल गई. थोड़ी ही देर में मुझे कुछ खाने की क्रेविंग होने लगी. मेरा भयंकर मन होने लगा कि मैं एक बर्गर या मोमोज़ या कुछ भी खरीद कर खा लूं. मेरे बैग में एप्पल रखा हुआ था लेकिन मुझे वो खाने का मन नहीं हुआ. कह दिया तो कह दिया वाला ड़ायलॉग याद करके मैंने खुद को जंक खाने से रोक लिया. पर मुझे लगा कि ऐसा क्यों होता है कि हमें जंक खाने की इतनी क्रेविंग होती है और हेल्दी खाना हमें पसंद नहीं आता.

डायटीशियन काजल और बुशरा ने इसके कारणों के बारे में बताया:

- हमें ये लगता है कि हेल्दी और न्यूट्रिशियस खाना टेस्टी नहीं होता है. जो खाना हमें बचपन में नहीं पसंद होता था वो हम आज भी खाने से बचते ही हैं. जैसे फल और सब्जियां. हमें बचपन में जो लगता था हम आज भी वही मान कर बैठे हैं लेकिन आपको पता है हर 5-6  साल में हमारे टेस्ट बड्स चेंज होते हैं. अगर आपको किसी भी चीज़ का टेस्ट डेवेलप करना है तो वो एक बार में नहीं होगा. कई आपके टेस्ट बड को चीज़ पसंद आने में टाइम लगता है. आप 10-12 बार उसे खा लेंगे तो आपको वही खाना अच्छा लगने लगेगा.

- कई रिसर्च बताती हैं कि अगर आप अपने शरीर की ज़रूरत से कम सोते हैं और आपकी नींद पूरी नहीं हो पाती है तब भी आपको अनहेल्दी खाने की क्रेविंग ज्यादा होती है. हाल ही में एक रिसर्च हुई. उसमें दो तरह के लोगों की दिमागी गतिविधियों को ट्रैक किया गया. एक वो जो दिन में 9 घंटे सोते थे और दूसरे वो जो दिन भर में सिर्फ 4 घंटे की नींद लिया करते थे. इन सब लोगों को जब आइसक्रीम और पिज़्ज़ा की फोटो दिखाई तो जो लोग सिर्फ चार घंटे सोते थे उनके दिमाग का वो हिस्सा जो प्लेजर से जुड़ा हुआ होता है, एकदम जगमग हो गया. वहीं जब उन्हें सब्जियां और फल दिखाए गए तो उनके दिमाग में ख़ुशी मिलने का कोई संकेत नहीं दिखा. इसका मतलब अगर आप ढंग से सोते नहीं हैं तो आपको जंक फ़ूड खाने का मन ज्यादा होता है.

- जब भी आप तनाव में होते हैं तो शरीर से स्ट्रेस हॉर्मोन रिलीज़ होता है जिसे कहते हैं कोर्टिसोल. ऐसा माना जाता है कि फैट और शुगर आपको अच्छा फील करवाते हैं. ऐसी कई रिसर्च भी हुई हैं. इसलिए जब आप परेशान होते हैं या स्ट्रेस में होते हैं तो आपका जंक फ़ूड खाने का बहुत मन करता है.

- मेरी मम्मी हमेशा कहती हैं, आराम से चबा-चबाकर खाना खाओ.  एक ग्रास को कम से कम 32 बार चबाया करो. ये करना बहुत मुश्किल है क्योंकि फिर ऑफिस के लिए लेट हो जायेंगे और मुझमें तो इतना पेशेंस भी नहीं है कि मैं इतनी देर तक खाना ही खाती रहूं. अगर अनहेल्दी खाना खाने से बचना है तो खाने को आराम से चबा कर खाना ही पड़ेगा. जल्दी-जल्दी खाने से दिमाग को गलत सिग्नल जाता है और पेट और दिमाग के बीच में मिसकम्युनिकेशन हो जाता है. जिसका रिज़ल्ट होता है ओवरईटिंग.

- कई बार हमें प्यास लगी होती है लेकिन दिमाग इस सिग्नल को गलत समझ लेता है और हमें लगता है कि भूख लग रही है. अगर हम दिन भर शरीर की ज़रूरत के हिसाब से पानी नहीं पियेंगे तो हंगर पैंग्स होंगे और हम अनहेल्दी खाना खाने लगेंगे. 

सेहत: क्या होता है बायोटिन जो झड़ते बालों के लिए जादू है?