भारतीय रेलवे (Indian Railway) के इतिहास में पहली बार एक महिला रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी बनी हैं. इनका नाम है जया वर्मा सिन्हा (Jaya Verma Sinha). रेल मंत्रालय(Ministry of Railway) ने ट्वीट कर इसकी जानकारी दी. उन्होंने लिखा,
जया वर्मा सिन्हा की कहानी, जिन्होंने रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष बन इतिहास रच दिया
रेलवे 166 साल पुराना लेकिन रेलवे बोर्ड की शुरुआत 1905 में हुई थी. अब पहली बार कोई महिला अध्यक्ष और CEO बनी है.
"जया वर्मा सिन्हा ने एक सितंबर को रेलवे बोर्ड की CEO और अध्यक्ष के तौर पर अपना कार्यभार संभाला. वे रेलवे बोर्ड की पहली महिला अध्यक्ष हैं. उनके पास रेलवे के अलग-अलग क्षेत्रों के प्रशासन और प्रबंधन का लंबा अनुभव है."
केंद्र सरकार ने 31 अगस्त को ही आदेश जारी कर इसकी जानकारी दी थी. न्यूज एजेंसी ANI ने इसकी फोटो ट्विटर पर शेयर की. आदेश में लिखा गया,
"कैबिनेट की नियुक्ति समिति (ACC) ने भारतीय रेलवे प्रबंधन सेवा (IRMS) में जया वर्मा सिन्हा की नियुक्ति को मंजूरी दे दी है. वे ऑपरेशंस एंड बिज़नेस डेवलपमेंट विभाग की सदस्य हैं. अब से वे रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष और मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) होंगी."
भारत में रेलवे की शुरुआत को 166 साल हो चुके हैं. रेलवे बोर्ड की बात की जाए तो इसकी स्थापना 1905 में हुई थी. अब 118 साल बाद कोई महिला इसके शीर्ष पद तक पहुंची हैं. रेलवे बोर्ड की अध्यक्ष बनने से पहले जया वर्मा सिन्हा ऑपरेशंस एंड बिज़नेस डेवलप्मेंट विभाग की सदस्य थीं.
बालासोर में हुई ट्रेन दुर्घटना के बाद स्थिति को संभालने में वे सबसे आगे थीं. उन्होंने मुश्किल सिग्नलिंग सिस्टम के बारे में लोगों को बताया था. इस दुर्घटना में 291 लोगों की मौत हुई थी.
ये भी पढ़ें-
वंदे भारत का किराया होगा सस्ता, रेलवे ने बताया और किस-किस ट्रेन में लागू होगी स्कीम
सीट पर कब्जा, गंदगी और बवाल... ये ऐप डाउनलोड कीजिए, रेलवे वाले दौड़े चले आएंगे!
रेलवे सलाहकार रह चुकी हैं जया वर्मा सिन्हाजया वर्मा सिन्हा से पहले रेलवे बोर्ड के अध्यक्ष अनिल कुमार लाहोटी थे. वे 31 अगस्त 2024 तक रेलवे की अध्यक्ष और CEO रहेंगी. जया वर्मा सिन्हा एक अक्टूबर को रिटायर होने वाली हैं. हालांकि, उनके शेष कार्यकाल के लिए उन्हें उसी दिन फिर से नियुक्त किया जाएगा.
जया वर्मा सिन्हा ने इलाहबाद विश्वविद्यालय से पढ़ाई की है. उन्होंने 1988 में भारतीय रेलवे की ट्रैफिक सर्विस (IRTS) से अपने करियर की शुरुआत की थी. उन्होंने उत्तर, दक्षिणी और पूर्व रेलवे में काम किया है. इसके साथ ही वे सेंटर फॉर रेलवे इलेक्ट्रिफिकेशन (CORE) में भी काम कर चुकी हैं. वे पूर्व रेलवे के सियालदाह डिवीज़न की मंडल रेल प्रबंधक (DRM) भी रह चुकी हैं.
बांग्लादेश में भारत के उच्चायोग में रेलवे सलाहकार के रूप में भी जया वर्मा सिन्हा ने काम किया है. वे यहां 4 साल के लिए पदस्थ थीं. इसी दौरान कोलकाता से ढाका तक मैत्री एक्सप्रेस शुरू की गई थी.
वीडियो: नीति आयोग के सीईओ ने रेलवे बोर्ड के चेयरमैन को पैसेंजर ट्रेन पाइवेट करने के लिए चिट्ठी लिखी है