सफ़ूरा ज़रगर. दिल्ली के जामिया मिल्लिया इस्लामिया की पीएचडी स्कॉलर. उम्र 27 बरस. इस वक्त तिहाड़ जेल में हैं. दिल्ली पुलिस ने एंटी टेरर एक्ट यानी अनलॉफुल एक्टिविटी प्रिवेंशन एक्ट (UAPA) के तहत केस दर्ज किया है. सफ़ूरा पर आरोप लगा है कि नॉर्थ-ईस्ट दिल्ली में फरवरी में दिनों जो हिंसा हुई थी, उसमें उनका भी हाथ था. उन्हें एक 'साजिशकर्ता' के तौर पर देखा जा रहा है. इन सबके बीच ये बात सामने आई कि सफ़ूरा दो महीने प्रेगनेंट हैं. सोशल मीडिया के धुरंधरों को मसाला मिल गया. शुरू हो गए अपनी 'जांच-पड़ताल' करने.
तिहाड़ में बंद प्रेगनेंट जामिया स्टूडेंट सफ़ूरा के जिस बच्चे को 'नाजायज़' कह रहे हैं, उसका सच
सफ़ूरा ज़रगर दिल्ली में दंगे भड़काने के आरोप में जेल में बंद हैं.
क्या जांच की और कैसी? ये जानने से पहले थोड़ा बैकग्राउंड जान लीजिए-
सफ़ूरा की गिरफ्तारी कब हुई?
कोरोना वायरस की वजह से देश में लॉकडाउन है. दूर-दूर रहने की सलाह दी जा रही है. इसी बीच दिल्ली पुलिस फरवरी में हुई हिंसा को लेकर गिरफ्तारियां कर रही है. सोशल डिस्टेंसिंग का पालन करते हुए घर पर रह रहे लोगों को जेल भेज रही है. 2 अप्रैल को जामिया के ही एक पीएचडी स्कॉलर मीरान हैदर को गिरफ्तार किया. उनके ऊपर भी UAPA लगाई. जवाहरलाल नेहरू यूनिवर्सिटी (JNU) के उमर खालिद को भी गिरफ्तार किया, UAPA लगाया. और भी कई लोगों की गिरफ्तारियां हुई हैं.
सफ़ूरा की गिरफ्तारी हुई 10 अप्रैल को. आरोप लगा कि फरवरी में जाफराबाद मेट्रो स्टेशन के नीचे नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ हुए प्रदर्शन को उन्होंने लीड किया. उनके वकील ने अगले ही दिन अधिकारियों को जानकारी दे दी कि सफ़ूरा प्रेगनेंट हैं. उनकी बेल की अपील की गई. उन्हें ज़मानत मिल भी गई. 13 अप्रैल को. लेकिन वो जेल से बाहर आ पातीं, उससे पहले ही दिल्ली पुलिस ने उन्हें दंगे भड़काने की साजिश करने का आरोप लगाते हुए गिरफ्तार कर लिया. 'स्क्रॉल डॉट इन' के मुताबिक, ये गिरफ्तारी 6 मार्च को हुई एक FIR के तहत हुई. इसके बाद सफ़ूरा पर लगा दी गई UAPA.
उसके बाद से ही ज़मानत की कोशिशें की जा रही हैं, लेकिन उनके वकील को कामयाबी नहीं मिल रही.
अब बात सोशल मीडिया के धुरंधरों की
सफ़ूरा की प्रेग्नेंसी की बात कई दिन पहले सामने आ गई थी. लेकिन बीते तीन-चार दिनों में सोशल मीडिया के कुछ लोग उनकी प्रेग्नेंसी पर अनाप-शनाप सवाल उठाने लगे. कांग्रेस के एक नेता हैं सलमान निज़ामी. इन्होंने सफ़ूरा को बेल न मिलने पर विरोध जताया. एक ट्वीट किया,
'एक्टिविस्ट सफ़ूरा ज़रगर (प्रेगनेंट) रमज़ान के वक्त भी जेल में हैं, नफरत फैलाने वाले कपिल मिश्रा, जिन्होंने हिंसा भड़काई, वो आज़ाद हैं. मोदी के भारत में मुस्लिम होना अपराध है. कुछ तो शर्म करो. सफ़ूरा को रिलीज़ करो'
BJP नेता कपिल मिश्रा के ऊपर भड़काऊ भाषण देने का आरोप लगा था. ये कहा गया था कि उनके भाषण के बाद ही हिंसा भड़की. इसी वजह से सलमान निज़ामी ने उन्हें लेकर ट्वीट किया. अब इस ट्वीट पर कपिल मिश्रा ने ऐसा जवाब दिया कि उनकी सोच पर तरस आ रहा है. लिखा,
'प्लीज़ उनकी प्रेग्नेंसी को मेरी स्पीच से कनेक्ट मत करिए. ऐसे काम नहीं चलेगा.'
खैर, आगे बढ़ते हैं. कपिल मिश्रा के इस ट्वीट के बाद सोशल मीडिया पर #सफूरा_जरगर ट्रेंड करने लगा. उनकी प्रेग्नेंसी को लेकर लोगों ने गंदगी मचा डाली. किसी ने लिखा,
'सफ़ूरा अविवाहित हैं. शाहीन बाग के दंगों में शामिल हैं. लॉ स्टूडेंट हैं. जो जेल में बंद हैं. वहां उनका कोरोना टेस्ट हुआ, पता चला कि दो महीने की प्रेगनेंट हैं. भाई, ये क्या चल रहा है? अब बचाव में ये मत कहना कि ये भगवान का तोहफा है.'
लोग उनके होने वाले बच्चे को 'नाजायज़' कहने लगे. एक ने लिखा,
'शाहीन बाग की दंगाई सफ़ूरा ज़रगर प्रेगनेंट है. वो अविवाहिता है. उसके बच्चे के पिता का पता नहीं. शाहीन बाग का बा*** अगले छह महीने में पैदा हो जाएगा.'
सफ़ूरा ज़रगर के लिए किए जा रहे ट्वीट.
एक महाशय तो चार-पांच कदम आगे दौड़ पड़े. लिखा,
'तिहाड़ जेल में सफ़ूरा की कुछ तबीयत बिगड़ी, तो नियम के मुताबिक चेकअप हुआ. पता चला कि वो दो महीने की गर्भवती हैं. यानी देखा जाए तो वो शाहीन बाग के दौरान ही गर्भवती हुई थीं. मजे की बात तो ये है कि सफ़ूरा जामिया की छात्रा हैं, अभी शादीशुदा नहीं हैं. यानी हम सब जो कहते थे कि शाहीन बाग जो अय्याशी का अड्डा है, वो सच साबित हुआ. अब लोग कह रहे हैं उनकी सगाई हो गई थी और वो अपने मंगेतर के साथ लिव-इन में रहती थीं. जबकि जेल मैन्यूअल में उन्होंने बच्चे के पिता का नाम नहीं लिखवाया.'
ज़रा पढ़िए इनका लिखा हुआ. कुछ ऐसा भी लिखा, जिसे हम आपको पढ़ा नहीं सकते, इसलिए उसे छिपा दिया है.
अरे, अभी सिर मत पीटिए. एक और सज्जन हैं. नाम अभिजात मिश्रा हैं. ट्विटर पर ब्लू टिकधारी हैं. बायो में लिखा है कि भारतीय जनता युवा मोर्चा (BJYM) के जनरल सेक्रेटरी हैं. BJYM बिहार के इन्चार्ज हैं. इन्होंने लिखा,
'शाहीन बाग की दंगाई व जामिया की अविवाहित स्टूडेंट सफूरा ज़रगर 2 महीने की प्रेगनेंट पाई गई हैं. आखिर चल क्या रहा था शाहीन बाग में. किसने किया ये कुकृत्य? क्या ये मर्जी से हुआ या शोषण से? क्या इस तरह के शोषण से स्वरा व शेहला बची होंगी? CAA व NRC के नाम पर बेटियों का शोषण कब तक होगा?'
एक और ब्लू टिकधारी हैं. नाम है प्रशांत पटेल उमराओ. ट्विटर पर लिखा है कि सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिसिंग एडवोकेट हैं. कवर फोटो में पीएम नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह की तस्वीर के साथ तस्वीर लगाई हुई है. इन्होंने सलमान निज़ामी के ट्वीट पर लिखा,
'कुदरती बच्चा?'
हवा-हवाई बातों के बाद तथ्यों पर आते हैं.
- पहली बात सफ़ूरा शादीशुदा हैं. 2018 में शादी हुई थी. उनके पति से भी हमारी बात हुई, लेकिन वो मीडिया के सामने आना नहीं चाहते. इसलिए जो लोग ये कह रहे हैं कि वो अविवाहिता हैं, वो चुप रहें तो बेहतर होगा.
- अगर अविवाहिता भी होतीं और प्रेगनेंट हो जातीं, तो ये उनको किसी भी तरह बुरा कैसे बनाता है?
- सफ़ूरा जामिया जामिया कोऑर्डिनेशन कमिटी (JCC) की मेंबर हैं. उनके लिए मीडिया कोऑर्डिनेटर का काम करती थीं. कमिटी के एक सदस्य ने जानकारी दी कि जामिया के स्टूडेंट्स का शाहीन बाग में हुए प्रदर्शन से लेना-देना नहीं था. भले ही दोनों जगह CAA का विरोध ही हो रहा था, लेकिन जामिया के स्टूडेंट्स का प्रदर्शन शाहीन बाग से जुड़ा हुआ नहीं था. सफ़ूरा शाहीन बाग मुश्किल से एक या दो बार गई होंगी. वो भी केवल प्रदर्शन देखने उसमें शामिल होने नहीं. वो जामिया के स्टूडेंट्स के प्रदर्शन के लिए मीडिया कोऑर्डिनेटर का काम करती थीं. इसलिए शाहीन बाग से उनका नाम जोड़ना गलत होगा.
- शाहीन बाग़ पर चले आंदोलन में अय्याशी (पढ़ें: सेक्स) होता था, ये आंदोलन के विरोध में तर्क नहीं, कुतर्क है.
- 'कुदरती बच्चा'?
सफ़ूरा का परिवार क्या कहता है?
इस वक्त सफूरा के पति, बहन और माता-पिता उनके और उनके बच्चे की सेहत की फिक्र में हैं. दिन-रात उनकी ज़मानत पाने की कोशिश कर रहे हैं. इधर ट्विटर पर ऐसा माहौल देख उनकी बहन समीया ने उनके लिए खत लिखा. ट्विटर पर डाला. जिसमें वो उम्मीद जता रही हैं कि जल्द ही सब ठीक हो जाएगा. वो सफ़ूरा को मजबूत बने रहने के लिए कह रही हैं.
'द प्रिंट' की एक रिपोर्ट के मुताबिक, पुलिस का कहना है कि उनके पास सफ़ूरा के खिलाफ सबूत हैं. आगे का काम न्यायतंत्र का है. तिहाड़ जेल के अधिकारियों का कहना है कि उन्हें प्रॉपर मेडिकल केयर दी जा रही है.
न्यायतंत्र अपना काम कर रहा है. सच जो है वो सामने आ ही जाएगा.
बाकी सफूरा प्रेगनेंट हैं जैसे करोड़ों महिलाएं होती हैं. वो एक बच्चे की मां बनेंगी. ठीक उसी तरह जिस तरह हमारी, आपकी या उन ट्रोल्स की मांएं होती हैं. कानूनी तौर पर उनके ऊपर जो भी आरोप साबित हों, या न हों. मगर किसी महिला का राजनैतिक रूप से आपका विरोधी होना उसके बच्चे को 'नाजायज़' नहीं बना सकता.
दुनिया में कुछ भी किसी बच्चे के जन्म को. या सहमति से बने किसी यौन संबंध को 'नाजायज़' नहीं बना सकता.
वीडियो देखें: कश्मीरी फोटो जर्नलिस्ट मसरत जहरा पर UAPA के तहत मामला दर्ज किया गया, पर क्यों?