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कॉमनवेल्थ गेम्स: भारत को मेडल दिलाने वाली इन लड़कियों को ठीक से जान लीजिए

मेडल जीत लौट रहे खिलाड़ियों का एयरपोर्ट से लेकर गली-मोहल्लों तक स्वागत किया जा रहा है.

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मेडल जीतने का जश्न/PTI

कॉमनवेल्थ गेम्स खत्म हो चुके हैं. पर जीत का जश्न जारी है. बर्मिंघम से लौट रहे भारतीय खिलाड़ियों का एयरपोर्ट से लेकर उनके गली-मोहल्लों तक स्वागत किया जा रहा है. इस बार कॉमनवेल्थ गेम्स में भारत ने 22 गोल्ड समेत कुल 61 मेडल जीते. इसमें 16 सिल्वर और 23 ब्रॉन्ज मेडल शामिल रहे. इनके साथ मेडल टैली में भारत चौथे नंबर पर रहा. सबसे ज्यादा मेडल कुश्ती और वेटलिफ्टिंग में आए हैं. भारत की महिला खिलाड़ियों के लिए इस बार का कॉमनवेल्थ गेम्स काफी ख़ास रहा. महिला हॉकी टीम ने 16 सालों के बाद इसमें मेडल जीता. दूसरी तरफ इस बार कॉमनवेल्थ के इतिहास में पहली बार महिला क्रिकेट का आयोजन हुआ. इसमें भी टीम इंडिया ने सिल्वर मेडल जीता. 12 दिनों तक चले दिन इस गेम्स में भारत की महिला खिलाड़ियों ने हर दिन अपनी काबिलियत साबित की है. क्या आप इस बार भारत को मेडल दिलाने वाली सभी खिलाड़ियों के बारे में जानते हैं? मालूम है थोड़ा मुश्किल है. लेकिन हमने भारत की मेडल विनर फीमेल प्लेयर्स की एक लिस्ट तैयार की है. वन बाई वन पढ़ते जाइये.

मीराबाई चानू/PTI

मीराबाई चानू

कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 में मीराबाई चानू ने भारत को पहला गोल्ड मेडल दिलाया . विमेन्स वेटलिफ्टिंग के 49 किलो भारवर्ग में मीराबाई चानू ने गोल्ड मेडल जीता. मीराबाई ने स्नैच में 88 किलो का वजन उठाया. वहीं क्लीन एंड जर्क में मीराबाई 113 किलो भार उठाने में सफल रहीं.  इम्फाल की रहने वाली मीराबाई चानू ने गोल्डकोस्ट में हुए 2018 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल जीता था. 2014 के कॉमनवेल्थ गेम्स में मीराबाई सिल्वर मेडल जीत कर आई थीं. टोक्यो ओलंपिक में भी मीराबाई सिल्वर मेडल जीत चुकी हैं. मीराबाई चानू  को पद्मश्री और मेजर ध्यानचंद खेल रत्न अवॉर्ड से नवाज़ा जा चुका है.

पीवी सिंधु/Getty
पीवी सिंधु

दो बार की ओलंपिक पदक विजेता पीवी सिंधु ने बैडमिंटन सिंगल्स फाइनल में कनाडा की मिशेल ली को हराकर कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड मेडल जीता. कॉमनवेल्थ गेम्स में पीवी सिंधु का ये पहला गोल्ड मेडल है. इससे पहले वो यहां सिल्वर और ब्रॉन्ज़ जीत चुकी हैं. गोल्ड मेडल वाले मैच से पहले पीवी सिंधु और मिशेल ली एक-दूसरे के खिलाफ 10 बार आमने-सामने आए थे. इसमें पीवी सिंधु ने आठ बार मुकाबला जीता, जबकि दो बार मिशेल को जीत मिली थी. अब सिंधु ने 9वीं बार मिशेल को शिकस्त दी है. भारत की सबसे सफल बैडमिंटन खिलाड़ियों में से एक पीवी सिंधु पद्म भूषण और पद्मश्री जैसे अवॉर्ड से सम्मानित किया जा चुका है.

मेडल जीतने के बाद साक्षी मलिक
साक्षी मलिक

कॉमनवेल्थ गेम्स में 5 अगस्त का दिन भारत के लिए काफी खास रहा. इस दिन भारत ने 3 गोल्ड समेत 6 मेडल जीते. ये सभी मेडल रेसलिंग से आए. रेसलर साक्षी मलिक ने भी 62 किलो भारवर्ग के फाइनल में कनाडा की एना गोडिनेज को हराकर गोल्ड पर कब्जा किया. हरियाणा के रोहतक में पैदा हुईं साक्षी मलिक अपने  दादा से मोटिवेट होकर रेसलिंग की दुनिया में आई. इससे पहले के कॉमनवेल्थ गेम्स में साक्षी सिल्वर और ब्रोन्ज मेडल जीत चुकी हैं. 

विनेश फोगाट

 


विनेश फोगाट

विनेश फोगाट ने कॉमनवेल्थ गेम्स में 'गोल्डन हैट्रिक' लगाई है. महिलाओं के 53 किग्रा वर्ग में श्रीलंका की चामोडिया केशानी मदुरावलागे डॉन को हराकर विनेश फोगाट ने भारत को गोल्ड मेडल दिलाया. कॉमनवेल्थ गेम्स में विनेश का यह लगातार तीसरा गोल्ड मेडल है. इससे पहले विनेश ने साल 2014 और 2018 कॉमनवेल्थ गेम्स में भी गोल्ड मेडल  जीता था. टोक्यो ओलंपिक में खराब प्रदर्शन के बाद विनेश फोगाट ने शानदार वापसी की है.

भाविना पटेल/Twitter
भाविना पटेल

गुजरात के मेहसाणा की रहने वाली भाविना पटेल ने पैरा टेबल टेनिस में गोल्ड मेडल जीता. फाइनल मैच में नाइजीरिया की खिलाड़ी को 3-0 से हराकर भाविना ने गोल्ड मेडल अपने नाम किया. पिछले साल टोक्यो पैरालिंपिक में भी भाविना पटेल ने सिल्वर मेडल जीता था.

नीतू घंघस
नीतू घंघस

भारतीय मुक्केबाज नीतू घंघस ने कॉमनवेल्थ गेम्स 2022 की महिलाओं के 45-48 किलो भार वर्ग में इंग्लैंड की रेस्जटान डेमी जेड को 5-0 से हराकर गोल्ड मेडल जीता. 21 नीतू ने पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया और गोल्ड मेडल झटक लिया. नीतू हरियाणा के भिवानी की रहने वाली हैं.

निकहत ज़रीन
निकहत जरीन

बॉक्सिंग में वर्ल्ड चैंपियन निकहत ज़रीन ने कॉमनवेल्थ गेम्स में भी अपना शानदार प्रदर्शन बरकरार रखा. कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार हिस्सा लेने वाली निकहत ने नॉर्थ आयरलैंड की खिलाड़ी कार्ले मैकनॉल को हराकर गोल्ड मेडल जीता. गोल्ड मेडल जीतने के बाद उन्होंने पीएम मोदी के साथ एक सेल्फी लेने की बात कही.

बिंदिया रानी देवी
बिंदिया रानी देवी

वेट लिफ्टर बिंदिया रानी देवी 55 किलो भार वर्ग में देश को सिल्वर मेडल दिलाया. मणिपुर की रहने वाली बिंदिया रानी टोटल 202 किलो वेट उठाकर सिल्वर मेडल जीती हैं. 23 साल की बिंदिया रानी को शुरुआत में ताइक्वांडो काफी पसंद था. काफी वक्त तक इसकी प्रैक्टिस करने के बाद बिंदिया ने वेटलिफ्टिंग में हाथ आजमाया और इसमें सफल भी हुईं.

सुशीला देवी
सुशीला देवी

जूडो में भारत की सुशीला देवी ने 48 किग्रा. कैटेगरी में सिल्वर मेडल अपने नाम किया.  मणिपुर की रहने वालीं 27 साल की सुशीला देवी का कॉमनवेल्थ गेम्स में यह दूसरा मेडल है, साल 2014 के कॉमनवेल्थ में भी सुशीला ने सिल्वर मेडल ही जीता था. सुशीला मणिपुर पुलिस में सब-इंस्पेक्टर के पद पर भी तैनात हैं.

हरजिंदर कौर/AP
हरजिंदर कौर

वेटलिफ्टर हरजिंदर कौर ने 71 किग्रा वर्ग में ब्रोन्ज मेडल जीता. हरजिंदर ने कुल 212 किलो वेट लिफ्ट कर देश को ब्रोन्ज  मेडल दिलाया. हरजिंदर ने फाइनल मुकाबले में स्नैच राउंड में 93 किलोग्राम और क्लीन एंड जर्क में 119 किलोग्राम वजन उठाया.

तूलिका मान
तूलिका मान

दिल्ली की रहने वाली जूडो प्लेयर तूलिका मान ने कॉमनवेल्थ गेम्स में सिल्वर मेडल अपने नाम किया. 23 साल की तूलिका मान जूडो की बेहतरीन खिलाड़ियों में से एक हैं. तूलिका जूडो में नेशनल और इंटरनेशनल लेवल पर कई मेडल जीत चुकी हैं.

अंशु मलिक
अंशु मलिक

रेसलर अंशु मलिक के लिए कॉमनवेल्थ गेम्स काफी अच्छा साबित हुआ. अंशु मलिक ने पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स में हिस्सा लिया और सिल्वर मेडल अपने नाम किया. अंशु मलिक ने 57 किलोग्राम भारवर्ग में अपने तीन में से दो मुकाबले सिर्फ 64 सेकेंड में जीते थे.

दिव्या काकरान
दिव्या काकरान

यूपी के मुजफ्फरनगर की रहने वाली दिव्या काकरान कुश्ती में ब्रॉन्ज मेडल जीतने में सफल रहीं. मेडल जीतने के बाद दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने दिव्या को बधाई दी थी. इसके बाद दिव्या ने अपना दर्द बयान करते हुए कहा था कि काफी सालों से उन्हें केवल आश्वासन दिया गया लेकिन अबतक दिल्ली सरकार से उन्हें इनामी राशि या कोई मदद नहीं मिली है.

प्रियंका गोस्वामी
प्रियंका गोस्वामी

महिलाओं की 10,000 मीटर रेस वॉक में भारत की प्रियंका ने सिल्वर मेडल अपने नाम किया. उन्होंने यहां अपना व्यक्तिगत सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करते हुए 43 मिनट 38.83 सेकंड का समय निकाला. प्रियंका गोस्वामी ऐसी पहली भारतीय महिला एथलीट बनी हैं जिसने कॉमनवेल्थ गेम्स में 10000 मीटर रेस वॉक कैटेगरी में भारत के लिए मेडल जीता है.

जैस्मीन लंबोरिया
जैसमीन लंबोरिया

हरियाणा के भिवानी की रहने वाली जैस्मीन लंबोरिया ने मुक्केबाज़ी में ब्रॉन्ज मेडल जीता. जैस्मीन ने पिछले साल दुबई में हुई एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में भी ब्रॉन्ज मेडल जीता था.

पूजा गहलोत
पूजा गहलोत

50 किलो भार वर्ग फ्री स्टाइल कुश्ती में पूजा गहलोत ने देश के लिए ब्रॉन्ज मेडल जीता. सफलता के बाद भी पूजा ने गोल्ड मेडल ना जीत सकने के लिए देश से माफी मांगी. इस पर पीएम मोदी ने प्रतिक्रिया देते हुए कहा-  'पूजा, आपका पदक जश्न मनाने के लिए कहता है, माफी के लिए नहीं.'

ट्रीसा जॉली-गायत्री गोपीचंद/AP
ट्रीसा जॉली  और गायत्री गोपीचंद

बैडमिंटन महिला डबल्स में ट्रीसा जॉली और गायत्री गोपीचंद ने मिलकर ब्रॉन्ज मेडल पर कब्जा किया. इस जोड़ी ने ऑस्ट्रेलिया की सुआन यू वेंडी चेन और सोमरविल की जोड़ी को लगातार गेमों में 21-15, 21-18 से हराया.

 

सौरभ घोषाल-दीपिका पल्लीकल
दीपिका पल्लीकल

दीपिका पल्लीकल और सौरव घोषाल की जोड़ी ने स्क्वैश के मिक्स्ड डबल्स में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया. भारतीय जोड़ी ने इस ब्रॉन्ज मेडल मैच में ऑस्ट्रेलिया की लोब्बन डोना और पिले कैमरून की जोड़ी को 2-0 से हराया. पल्लीकल और सौरव ने पहला गेम 11-8 और दूसरा गेम 11-4 से जीता था.

सिल्वर जीतने के बाद टीम इंडिया
महिला क्रिकेट टीम

कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार महिला क्रिकेट का आयोजन हुआ. भारत की महिला क्रिकेट टीम ने इसमें हिस्सा लिया और सिल्वर मेडल भी झटक लिया. भारत की महिला क्रिकेट टीम का आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ. मैच रोमांचक था. भारत की महिला क्रिकेटरों में पूरा दमखम भी दिखाया से लेकिन जीत ऑस्ट्रेलिया की हुई. 9 रन से मैच हारने के बाद टीम इंडिया के खाते में सिल्वर मेडल आया.

भारतीय महिला हॉकी टीम
महिला हॉकी टीम

भारत की महिला हॉकी टीम के लिए साल 2022 का कॉमनवेल्थ गेम्स काफी खास रहा. हॉकी टीम ने 16 सालों में पहली बार मेडल जीता.  न्यूजीलैंड को शूट आउट में 2-1 से हराकर भारत ने ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया.

ये सभी प्लेयर्स खास हैं. इन सबको बधाई. और बधाई उन खिलाड़ियों को भी जो अलग-अलग लेवल के ट्रायल क्वालिफाई करके उस मंच तक पहुंचे और अपना खेल दिखाया.

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