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क्रिकेट में सिल्वरः कॉमनवेल्थ गेम्स के इतिहास में हमेशा के लिए दर्ज हुईं ये लड़कियां

कॉमनवेल्थ गेम्स में पहली बार क्रिकेट खेला गया, टीम इंडिया ने रचा इतिहास.

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सिल्वर मेडल जीतने के बाद टीम इंडिया/PTI

16 अगस्त साल 1930. ये दिन इतिहास में दर्ज है. इस तारीख को पहली बार कॉमनवेल्थ गेम्स का आयोजन हुआ था. इसके पूरे 92 सालों के बाद कॉमनवेल्थ गेम्स (commonwealth games)में पहली बार महिला क्रिकेट का आयोजन हुआ. भारत की महिला क्रिकेट टीम ने इसमें हिस्सा लिया और सिल्वर मेडल भी झटक लिया. भारत की महिला क्रिकेट टीम का आखिरी मैच ऑस्ट्रेलिया के साथ हुआ. मैच रोमांचक था. टीम इंडिया ने पूरा दमखम दिखाया लेकिन जीत ऑस्ट्रेलिया (Australia) की हुई. 9 रन से मैच हारने के बाद टीम इंडिया के खाते में सिल्वर मेडल आया.

 टीम इंडिया/PTI

भारत और ऑस्ट्रेलिया की महिला क्रिकेट टीम का फाइनल मैच 7 अगस्त को इंग्लैंड के बर्मिंघम में हुआ. टॉस जीतकर ऑस्ट्रेलिया ने पहले बल्लेबाजी करने का फैसला किया. बेथ मूनी की 61 रनों की पारी की वजह से ऑस्ट्रेलिया ने 8 विकेट पर 161 रन बनाए. जवाब में भारतीय टीम 19.3 ओवरों में 152 रनों पर ही सिमट गई. टीम इंडिया के लिए कप्तान हरमनप्रीत कौर ने 43 बॉल पर 65 रनों की शानदार पारी खेली, लेकिन वह वह टीम को जीत नहीं दिला सकीं. मैच के बाद आज तक से बातचीत में हरमनप्रीत ने कहा,

'देखा जाए तो सिल्वर मेडल भी बहुत बड़ी उपलब्धि होती है. हम लोग पहली बार खेल रहे थे. ऐसे में सिल्वर जीतना बड़ी बात है. एक बार ऐसी स्थिति आ गई थी कि हम मैच भी जीत सकते थे, लेकिन आखिरी 4-5 ओवर जैसा हम सोच रहे थे, वैसे नहीं रहे. यही इस खेल की खूबसूरती है कि कभी आप गेम में होते हैं, तो कुछ ही समय में मैच आपके हाथ से निकल जाता है. अगर हम सिंगल-डबल पर काम करते औऱ विकेट बचाते तो सही रहता.'

फाइनल मैच हारकर टीम इंडिया (Team India)भले ही गोल्ड मेडल पाने से चूक गई हो लेकिन कप्तान हरमनप्रीत कौर अपनी टीम की परफॉर्मेंस से खुश हैं. अब बात उस प्लेइंग 11 की जिसके शानदार प्रदर्शन के चलते भारत कॉमनवेल्थ गेम्स के फाइनल में पहुंचा और सिल्वर मेडल भी अपने नाम किया. शुरुआत कप्तान हरमनप्रीत कौर से करते हैं.

ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ शॉट खेलतीं हरमनप्रीत/PTI
हरमनप्रीत कौर

हरमनप्रीत कौर का जन्म 8 मार्च 1989 को पंजाब के मोगा में हुआ. हरमन के पिता हरमंदर सिंह भी स्पोर्ट्स पर्सन हैं. हरमन ने बचपन में कोच कमलदीश सिंह सोढ़ी से क्रिकेट की बारीकियां सीखनी शुरू कीं. औपचारिक तौर पर हरमनप्रीत कौर ने क्रिकेट में अपना डेब्यू 20 साल की उम्र में किया था. साल 2009 में पाकिस्तान महिला क्रिकेट अर्क राइवल्स के खिलाफ हरमनप्रीत ने मैच खेला था. हरमनप्रीत ने अपना पहला अंतर्राष्ट्रीय T20 मैच साल 2009 में इंग्लैंड के खिलाफ खेला. साल 2012 में वीमेन टी-20 एशिया कप के फाइनल मैच में हरमन ने भारतीय टीम की कप्तानी की और पाकिस्तान को हराकर एशिया कप भी जीता. हरमनप्रीत ऑलराउंडर खिलाड़ी हैं. हरमनप्री पिछले कई सालों से क्रिकेट में बेहतर प्रदर्शन कर रही हैं.

शेफाली वर्मा/@BCCI
शेफाली वर्मा

भारतीय महिला क्रिकेट टीम की ताबड़तोड़ बल्लेबाज़ शेफाली वर्मा का जन्म साल 2004 में हरियाणा के रोहतक जिले में हुआ था. शेफाली के पिता संजीव वर्मा की क्रिकेट में काफी दिलचस्पी रही. शेफाली ने शुरुआत में अपने पिता से ही क्रिकेट के गुर सीखने शुरू किया. आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक शेफाली का किसी क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन नहीं हो रहा था. 9 साल की उम्र में जब शेफाली ने बॉयकट बाल कटाए तब जाकर शेफाली को एक क्रिकेट एकेडमी में एडमिशन मिला. शेफाली वर्मा ने महज 15 साल की उम्र में 2019 में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में डेब्यू किया. भारत की तरफ से महिला अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में इतनी कम उम्र में डेब्यू करने वाली वह पहली महिला खिलाड़ी बनी हैं.

 

स्मृति मांधना/GETTY 

 

स्मृति मांधना

स्मृति मांधना मौजूदा वक्त में दुनिया की सबसे शानदार महिला क्रिकेटरों में से एक हैं. स्मृति मांधना का जन्म 18 जुलाई 1996 को मुंबई में हुआ था. स्मृति जब दो साल की थीं तब उनका परिवार मुंबई से महाराष्ट्र के सांगली में शिफ्ट हो गया. स्मृति का जन्म ऐसे परिवार में हुआ था जहां लोग क्रिकेट के दीवाने थे. स्मृति के भाई और पिता भी क्रिकेट खेला करते थे. स्मृति मंधाना काफी कम उम्र से ही क्रिकेट खेल रही हैं छोटे-बड़े कई रिकॉर्ड्स इनके नाम हैं. क्रिकेट के सभी फॉर्मेट में  शानदार प्रदर्शन के लिए आईसीसी यानी इंटरनेशनल क्रिकेट काउंसिल ने स्मृति मांधना को 2021 की बेस्ट महिला क्रिकेटर के तौर पर चुना है.

 

जेमिमा रोड्रिगेज़/Twitter
जेमिमा रोड्रिगेज़

भारतीय क्रिकेट टीम में टॉप ऑर्डर पर बल्लेबाज़ी करने वालीं जेमिमा रोड्रिगेज़ का जन्म 5 सितंबर साल 2000 को मुंबई में हुआ. जेमिमा बचपन में हॉकी और क्रिकेट दोनों खेलों की शौकीन थीं. जेमिमा ने महाराष्ट्र की अंडर-17 हॉकी टीम के लिए मैच भी खेले. लेकिन करियर के तौर पर जेमिमा ने क्रिकेट को ही चुना. जेमिमाह रोड्रिग्स ने अपने इंटरनेशनल करियर का आगाज टी-20 के साथ किया था. उन्होंने फरवरी 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ पहला टी-20 मैच खेला था. क्रिकेट के अलावा जेमिमा को म्यूज़िक का भी शौक है. जेमिमा को गिटार बजाना काफी पसंद है.

 

पूजा वस्त्राकर/Twitter
पूजा वस्त्राकर

ऑलराउंडर पूजा वस्त्राकर मध्य प्रदेश के शहडोल की रहने वाली हैं. आज तक की एक रिपोर्ट के मुताबिक 6 भाई-बहनों में सबसे छोटी पूजा वस्त्राकर बचपन में कपड़े धोने वाली मुगरी से क्रिकेट खेलती थीं. कई पड़ावों को पार करने के बाद आखिरकार साल 2018 में पूजा ने साउथ अफ्रीका के खिलाफ इंटरनेशनल वनडे मैच में डेब्यू किया.

दीप्ती शर्मा/Twitter
दीप्ती शर्मा

यूपी के आगरा की रहने वाली दीप्ती शर्मा ऑलराउंडर हैं. दीप्ति के भाई क्रिकेटर थे. भाई को क्रिकेट खेलता देख दीप्ति का इंटरेस्ट भी क्रिकेट में जागा. राज्य  स्तर के कई मैचों में शानदार प्रदर्शन करने के बाद दीप्ति ने साल 2014 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला. साल 2020 में दीप्ति को अर्जुन पुरुस्कार से नवाज़ा गया.

 

स्नेह राणा/Twitter
स्नेह राणा

टीम इंडिया की स्पिनर स्नेह राणा का जन्म साल 1994 में देहरादून के एक किसान परिवार में हुआ. स्नेहा ने साल 2014 में श्रीलंका के खिलाफ वनडे और टी20 मैचों में डेब्यू किया. साल 2016 में एक मैच के दौरान स्नेह के घुटने में चोट लगी, जिसका उन्हें ऑपरेशन  कराना पड़ा था. चोट लगने के बाद भी स्नेह राणा ने बेहतरीन वापसी की और वो अब तक कई मैचों में धमाकेदार पारियां खेल चुकी हैं.

 

राधा यादव

टीम इंडिया की गेंदबाज़ राधा यादव मुंबई की रहने वाली हैं. राधा के पिता की एक छोटी सी दुकान थी.  राधा यादव ने साल 2018 में साउथ अफ्रीका के खिलाफ अपना पहला इंटरनेशनल मैच खेला. शुरुआती दिनों में, राधा ने मुंबई से खेलना शुरू किया था. लेकिन फिर उन्हें 2014-15 में वड़ोदरा में शिफ़्ट कर दिया गया. राधा गुजरात की पहली महिला थीं, जिन्होंने इंटरनेशनल स्टेज पर भारत की तरफ़ से खेला था. 7 अगस्त को ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेले गए मैच में राधा यादव की फील्डिंग की काफी तारीफ़ हो रही है.

 

यास्तिका भाटिया
यास्तिका भाटिया

बल्लेबाज और विकेटकीपर यास्तिका भाटिया गुजरात के वडोदरा शहर की रहने वाली हैं. यास्तिका ने पिछले साल यानी 2021 से अपना इंटरनेशनल करियर शुरू किया. ESPN को दिए एक इंटरव्यू में यास्तिका ने कहा था कि उन्हें खाने में बटर चिकन और रोटी बहुत पसंद हैं.

 

मेघना सिंह
मेघना सिंह

यूपी के बिजनौर के एक छोटे से गांव की रहने वाली मेघना सिंह बॉलर हैं. आज तक की रिपोर्ट के मुताबिक शुरुआत में मेघना मोहल्ले के बच्चों के साथ क्रिकेट खेलती थीं.  इलाके में महिलाओं की कोई क्रिकेट टीम ना होने की वजह से मेघना ने काफी समय तक लड़कों के साथ क्रिकेट खेला और अपनी स्किल्स निखारी. डिस्ट्रिक्ट लेवल से करियर शुरू करने वालीं मेघना अब टीम इंडिया में अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं

 

रेणुका सिंह
रेणुका सिंह

26 साल की रेणुका सिंह तेज़ गेंदबाज़ हैं. रेणुका जब काफी छोटी थीं तब उनके पिता का स्वर्गवास हो गया था. शिमला की रहने वाली रेणुका के पिता क्रिकेट के इतने शौकीन थे कि उन्होंने अपने बड़े बेटे का नाम क्रिकेटर विनोद कांबली के नाम पर रखा था. कॉमनवेल्थ गेम्स में ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ हुए फाइनल मैच में रेणुका ने 2 विकेट चटकाए थे.

28 जुलाई को शुरू हुए कॉमनवेल्थ गेम्स 8 अगस्त को खत्म हो गए. कॉमनवेल्थ गेम्स में इस बार भारतभारत ने 22 स्वर्ण, 16 रजत और 23 कांस्य समेत कुल 61 पदक जीते हैं. 
 

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