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'मानना चाहता हूं महिलाएं मेरे लिए लकी चार्म हैं' डार्लिंग्स के एक्टर विजय ऐसा क्यों बोले?

विजय ने कहा कि आलिया की वजह से डार्लिंग्स फिल्म सफल हुई है.

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एक्टर विजय वर्मा, डार्लिंग्स मूवी का स्क्रीन शॉट (साभार: सोशल मीडिया)

"हमज़ा जैसे किरदार दिखाने के लिए महिलाओं के पास समझ, आर्ट सेंस और नजरें हैं."

ये बात विजय वर्मा ने कही है. न्यूज एजेंसी PTI को इंटरव्यू देते हुए. विजय वर्मा ने डार्लिंग्स में हमज़ा का किरदार निभाया है. हमज़ा के किरदार में विजय ने एक हिंसक और कंनिंग पति को पर्दे पर उतारा है. विजय ने महिलाओं पर आगे बात करते हुआ कहा,

"मैं वास्तव में विश्वास करना चाहता हूं कि महिलाएं मेरे लिए लकी चार्म हैं. महिलाएं मुझे ऐसा मजेदार किरदार देती हैं, जो मैं निभा सकता हूं. उनका देखने का तरीका भी बहुत ज़रूरी होता है. इसलिए हमज़ा जैसे हैवान को उन्होंने पर्दे पर देखने लायक बनाया है. मेरी PR, मेकअप टीम में सभी महिलाएं हैं. मेरे पास एक मां है, जिसने मुझे एक्टर बनने के लिए प्रेरित किया है. मेरी भतीजी हैं, जिन्हें मैंने अपने हाथों से पाला है. मैं उनसे बहुत कुछ सीखता हूं. महिलाओं के पास टेस्ट, एस्थेटिक्स और ब्यूटी होती है. महिलाओं के पास पुरुषों के लिए बहुत सी चीज़ें हैं, जो मैं चाहता हूं."

विजय वर्मा (साभार: इंस्टाग्राम)

विजय वर्मा का जन्म हैदराबाद में हुआ था. उन्होंने 'पिंक', 'शी' और 'मिर्जापुर' में भी काम किया है. विजय वर्मा ने आगे कहा कि एक कलाकार जेंडर से परे होता है. ये एक ऐसी इकाई है, जो लोगों को जोड़ती है. इस महीने की शुरुआत में नेटफ्लिक्स पर प्रीमियर हुई 'डार्लिंग्स', आलिया भट्ट द्वारा निभाई गई भोली भाली सी बदरुनिसा और हमज़ा की कहानी है. हमज़ा ऐसा पति है, जो दिन में प्यार करता है और रात में एक शैतान की तरह व्यवहार करता है. हमज़ा के किरदार के लिए विजय ने कहा कि ये दिलचस्प है. उन्होंने कहा,

"जब मैंने पहली बार ये फिल्म देखी तो ऐसा लगा जैसे ये एक जीव पर बनाई गई है, जहां हर कोई अपने दिमाग और ऊर्जा को एक राक्षस को वश में करने के लिए लगा रहा है. ये दिलचस्प है कि लोग इस फिल्म को अलग तरह से कैसे देख रहे हैं."

डार्लिंग्स मूवी का स्क्रीन शॉट (साभार: सोशल मीडिया)

डार्लिंग्स में अपने रोल के बारे में विजय वर्मा ने कहा कि पर्दे पर बुरे किरदार निभाने की भी अच्छी कीमत चुकानी पड़ती है. उन्होंने बताया कि ऐसे किरदार निभाने से उन्हें डर लगता है. क्योंकि उन्हें पता है कि ऐसे किरदार निभाने के लिए उन्हें खुद को खोना पड़ता है. उन्होंने आगे बताया, 

"मैं इन किरदारों को करता हूं क्योंकि मुझे लगता है कि अगर इस तरह की चीज़ें जीवन में मौजूद हैं, तो इसे स्क्रीन पर देखने की जरूरत है. कोई भी ट्रॉमा अगर ठीक से दिखाया जाए तो एक अच्छा मैसेज होता है. जब मैं स्क्रीन पर ऐसे नेगेटिव किरदार निभाता हूं तो मैं लोगों को दिखाना चाहता हूं कोई भी व्यक्ति ऐसे लोगों को जल्दी पहचान ले. जब आप इन फिल्मों की शूटिंग कर रहे होते हैं, तो अपनों के साथ समय बिताना जरुरी होता है क्योंकि आप दिन में 12-14 घंटे सेट पर बिता रहे होते हैं. हमज़ा का किरदार निभाते वक्त मैं हर समय गुस्से में रहता था, क्योंकि मुझे विजय के रूप में समय नहीं मिल रहा था."

आलिया की तारीफ में क्या कहा?

विजय वर्मा ने आलिया की तारीफ करते हुए कहा कि एक एक्टर के रूप में आलिया जबरदस्त काम करती हैं. उन्होंने कहा कि आलिया जो कुछ भी छू रही हैं, वो सोने में बदल रहा है. उनकी वजह से डार्लिंग्स सफल हुई है. वहीं शेफाली की तारीफ करते हुए विजय वर्मा ने कहा,

"शेफाली के लिए मेरे मन में सम्मान है. उन्हें इस तरह गैर-सीरियस किरदार में देखना एक सुखद अनुभव था. और रोशन इतने प्यारे को-एक्टर हैं."

विजय वर्मा ,आलिया भट्ट और शेफाली शाह (साभार: इंस्टाग्राम)

विजय ने आगे बताया कि डार्लिंग्स में जो दिखाया गया, वो एक आम बात है. जहां लोग बुरी तरीके से बिहेव करते हैं और फिर प्यार करते हैं, हेरफेर करते हैं और झूठ बोलते हैं. वो बदलने की बातें करते हैं, ताकि दूसरा व्यक्ति भ्रमित हो जाए. समाज के दबाव, ससुरालवालों और पुलिस के बारे में सोचकर लोग चुप हो जाते हैं. उन्होंने कहा कि फिल्म में पुलिस के पास जाना एक बात थी. और फिल्म से शायद लोग भी सोचें कि ऐसा भी एक तरीका होता है इन चीज़ों से बचने का.  

वीडियो: आलिया भट्ट, शेफाली शाह, विजय वर्मा की 'डार्लिंग्स' बहुत सही मुद्दा उठा रही है

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