आजकल सप्लीमेंट्स लेना एक ट्रेंड सा बन गया है. हर दूसरा इंसान कोई न कोई सप्लीमेंट लेता ही है. कोई कैल्शियम की गोलियां लेता है. कोई विटामिन डी के पाउच पीता है. और इसमें कोई बुराई भी नहीं है. सप्लीमेंट्स आपके लिए फ़ायदेमंद हैं. दिक्कत तब होती है जब लोग बिना डॉक्टर की सलाह के कोई भी सप्लीमेंट लेना शुरू कर देते हैं. आपने टीवी या सोशल मीडिया पर कोई एड देखा. उसको देखने के बाद वो सप्लीमेंट खाना शुरू कर दिया. बिना ये जाने कि आपको उस सप्लीमेंट की ज़रुरत है भी या नहीं. या ये आपको सूट करेगा भी या नहीं. कई केसेस में जो सप्लीमेंट आप ले रहे हैं, वो सूट नहीं करता. अब ये कैसे पता चलेगा, बताते हैं. उससे पहले ये जान लीजिए सप्लीमेंट्स लेने की ज़रुरत असल में कब पड़ती है?
हेल्दी रहने के लिए जो मल्टीविटामिंस लेते हैं? कहीं अपना नुकसान तो नहीं कर रहे?
इस उम्र के बाद ही मल्टी विटामिन लेनीं चाहिए.
ये हमें बताया डॉ. प्रशांति गंजी ने.
आजकल विटामिन और मिनरल सप्लीमेंट्स लेना बहुत ज़रूरी माना जाता है. लोगों को अपनी डाइट से सही पोषण नहीं मिल पाता. इसलिए सप्लीमेंट्स लेना ज़रूरी हो जाता है. हाल-फ़िलहाल में किए गए एक सर्वे के मुताबिक 19 साल की उम्र के बाद सप्लीमेंट्स लेने की सलाह डॉक्टर्स देते हैं. वैसे तो सप्लीमेंट्स लेना बहुत फ़ायदेमंद है. पर इसको सही तरीके से लेना भी उतना ही ज़रूरी है. अगर आप संतुलित आहार ले रहे हैं तो सप्लीमेंट्स लेने की ज़रुरत नहीं है. एक प्लेट में एक चौथाई फल, एक चौथाई सब्जियां, एक चौथाई प्रोटीन और एक चौथाई अनाज होना चाहिए. अगर आप किसी भी कारण से दिन में एक बार भी ऐसा संतुलित आहार नहीं ले पाते हैं तो सप्लीमेंट्स लेना फ़ायदेमंद है. डॉक्टर्स के मुताबिक सप्लीमेंट्स लेने की ज़रुरत प्रेग्नेंसी में पड़ती है. साथ ही अगर शराब का सेवन करते हैं. डाइट में 1200 से कम कैलोरीज़ खाते हैं या पेट से जुड़ी समस्याएं हैं तो सप्लीमेंट्स लेने की ज़रुरत पड़ती है.
सप्लीमेंट लेने के बाद अगर उल्टी, दस्त, घबराहट, सांस लेने में तकलीफ़, खुजली, गले, होंठ और मुंह पर सूजन हो तो इससे पता चलता है कि सप्लीमेंट्स सूट नहीं कर रहे.
बिना डॉक्टर की सलाह के सप्लीमेंट्स लेने के नुकसान-सप्लीमेंट्स लेना एक अच्छी बात है पर इसके कुछ नुकसान भी हैं
-जैसे विटामिन ए ज़्यादा लेने से कब्ज़ और लिवर की दिक्कत हो सकती है
-ज़्यादा विटामिन डी लेने से ब्रेन में कैल्शियम भी ज़्यादा डिपॉज़िट होता है
-जिससे दौरे का ख़तरा रहता है
-किडनी और पित्त की थैली में भी पथरी हो सकती है
-विटामिन ई ज़्यादा लेने से स्किन में एलर्जी हो सकती है
-विटामिन के ज़्यादा लेने से एनीमिया हो सकता है
-विटामिन बी ज़्यादा लेने से घबराहट, सांस लेने की तकलीफ़, बीपी कम होना, चक्कर आना, हाथ-पैर सुन्न पड़ जाना जैसी समस्याएं होती हैं
-ज़्यादा विटामिन सी लेने से दस्त और यूरिक एसिड के बढ़ने से जोड़ों में दर्द हो सकता है
आप जो सप्लीमेंट ले रहे हैं वो आपको सूट कर रहा है या नहीं, ये बताए गए लक्षणों से पता चल जाएगा. अगर ये लक्षण दिखें तो तुरंत वो सप्लीमेंट रोक दें. साथ ही बिना डॉक्टर की सलाह के कोई सप्लीमेंट ख़ुद लेना शुरू न करें.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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