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पीरियड लेट हो रहे हैं, कहीं आप ज्यादा स्ट्रेस तो नहीं ले रहीं?

क्या स्ट्रेस की वजह से पीरियड्स लेट हो सकते हैं या स्किप हो सकते हैं? या ये केवल एक मिथक है.

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स्ट्रेस महिलाओं की पीरियड साइकिल को बिगाड़ सकता है. (सांकेतिक फोटो)

पीरियड्स कुछ दिन लेट हो गए. अब आप स्ट्रेस में हैं. प्रेग्नेंसी नहीं है, ये कन्फर्म हो गया है. फिर भी पीरियड्स हैं कि होने का नाम ही नहीं ले रहे. इधर जितने दिन निकलते जा रहे हैं, आपका स्ट्रेस उतना ज़्यादा बढ़ता जा रहा है. अब ऐसे में आपने ये बहुत सुना होगा कि 'ज़्यादा स्ट्रेस मत लो, स्ट्रेस लेने से पीरियड्स और नहीं होंगे.'

अब क्या वाकई ये सच है? क्या स्ट्रेस की वजह से पीरियड्स लेट हो सकते हैं या स्किप हो सकते हैं? या ये केवल एक मिथक है. और अगर वाकई ऐसा होता है, तो इसके पीछे वजह क्या है? इन सारे सवालों के जवाब जानेंगे डॉक्टर्स से.

क्या ज़्यादा स्ट्रेस लेने से पीरियड्स लेट होते हैं?

ये हमें बताया डॉक्टर रितु सेठी ने.

( डॉक्टर रितु सेठी, सीनियर कंसल्टेंट, गायनेकोलॉजी, क्लाउडनाइन हॉस्पिटल, गुरुग्राम )

तनाव महिलाओं की पीरियड साइकिल पर बुरा प्रभाव डालता है. इसके कारण पीरियड आने में देरी हो सकती है. माहवारी की साइकिल बिगड़ सकती है. जब तक महिला तनाव में रहेगी, उसे पीरियड बिल्कुल भी नहीं आएंगे. स्ट्रेस महिलाओं के माहवारी चक्र को प्रभावित करता है

कारण

ब्रेन में हाइपोथैलेमस पिट्युटरी ग्रंथि ( Hypothalamus pituitary gland) होती है. इस ग्रंथि से रीप्रोडक्टिव हॉर्मोन निकलते हैं. महिलाओं में ये हॉर्मोन्स रिलीज होकर सीधे ओवरी को मैसेज देते हैं. इसके बाद ओवरी हर महीने एक अंडा रिलीज करती है. और इसके बाद आमतौर पर हर महीने पीरियड्स आते हैं. अगर महिला किसी भी कारण से तनाव में है, तो समय पर हॉर्मोन्स रिलीज नहीं हो पाते. क्योंकि इस समय स्ट्रेस हॉर्मोन्स की मात्रा शरीर में ज्यादा है. ये स्ट्रेस हॉर्मोन्स होते हैं कोर्टिसोल (Cortisol ) और एंडोर्फिन (Endorphin). ये स्ट्रेस हॉर्मोन दिमाग से रिलीज होने वाले हॉर्मोन्स को काम करने से रोकते हैं. जिससे माहवारी चक्र बिगड़ जाता है. ये शरीर के काम करने का तरीका है ताकि सही समय पर रीप्रोडक्टिव हॉर्मोन न रिलीज हों. इसलिए क्योंकि महिला काफी स्ट्रेस से जूझ रही है. अगर रीप्रोडक्टिव हॉर्मोन समय से रिलीज नहीं होंगे तो प्रेग्नेंसी होने की संभावना भी कम से कम होगी.

समय पर पीरियड्स होने के लिए क्या टिप्स फॉलो करें?

महिलाओं को हेल्थ और डाइट का ध्यान रखना बेहद जरूरी है. हरी पत्तेदार सब्जियां, साबुत अनाज खाएं. प्रोसेस्ड फूड से दूर रहें. मीठा और तला-भुना खाना कम से कम खाएं. बॉडी को हाइड्रेट रखें, 2-3 लीटर पानी जरूर पिएं. एक्सरसाइज करना हर महिला के लिए जरूरी है. हफ्ते में 5 दिन करीब 40 से 45 मिनट एक्सरसाइज जरूर करें. एक्सरसाइज करने से बॉडी में स्ट्रेस हॉर्मोन कम होते हैं. हैप्पी हॉर्मोन रिलीज होते हैं. ये स्ट्रेस हॉर्मोन्स को कम करने में मदद करते हैं. 

यही नहीं 6 से 8 घंटे की नींद लेना भी बहुत जरूरी है. योग और ध्यान भी स्ट्रेस को कम करने में मदद करते हैं. अपने आसपास एक खुशनुमा माहौल बनाकर रखें. स्ट्रेस के दौरान परिवार और दोस्तों के साथ अपनी प्रॉब्लेम शेयर करें. ताकि आपकी समस्या का समाधान हो सके. किसी के साथ प्रॉब्लेम शेयर करने से आपकी समस्याएं कुछ हद तक कम हो सकती है.

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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