The Lallantop

ज़्यादा स्ट्रेस लेने से इंसान कैसे जल्दी बूढ़ा होता है?

स्ट्रेस का बायोलॉजिकल उम्र पर बहुत असर पड़ता है.

post-main-image
जितना स्ट्रेस बढ़ता है, उतनी ही तेज़ी से बायोलॉजिकल उम्र बढ़ती है.

जब कोई 25-30 साल का इंसान मज़ाक-मज़ाक में ये कहता है कि हाय, बुढ़ापा जल्दी आ गया! तो उसे ख़ुद नहीं पता होता कि ये मज़ाक नहीं है. वाकई ऐसा हो रहा है. हम उम्र को नापते हैं अपनी पैदाइश से. पैदा हुए 20 साल हो गए या 30 साल हो गए. ये कागज़ पर हमारी उम्र होती है. शॉकर ये है कि कागज़ पर लिखी आपकी उम्र सिर्फ़ कागज़ी ही हो सकती है. हो सकता है आपका शरीर ख़ुद को उससे ज़्यादा बूढ़ा महसूस करता हो या अंदर से हो भी गया हो. ऐसा उन लोगों के साथ होता है जो ज़्यादा स्ट्रेस लेते हैं. अब ये सुनकर स्ट्रेस लेने वाले और स्ट्रेस में आ जाएंगे. घबराएं नहीं. आराम से पहले डॉक्टर साहब की बात जानिए. अच्छी बात ये है कि उम्र रिवर्स भी की जा सकती है. जानिए कैसे.

ज़्यादा स्ट्रेस लेने से इंसान जल्दी बूढ़ा होता है?

ये हमें बताया डॉक्टर अनुराग अग्रवाल ने.

Dr. Anurag Aggarwal - Internal Medicine | New Hospital in Delhi NCR –  Marengo QRG Hospital
डॉक्टर अनुराग अग्रवाल, कंसल्टेंट, इंटरनल मेडिसिन, फ़ोर्टिस एस्कॉर्ट्स, फ़रीदाबाद

हमारी दो तरह की उम्र होती है. एक होती है क्रोनोलॉजिकल ऐज. दूसरी होती है बायोलॉजिकल ऐज. क्रोनोलॉजिकल ऐज ये बताती है कि शरीर की आयु कितनी है. बायोलॉजिकल ऐज ये बताती है कि हमारा शरीर ख़ुद को किस उम्र का महसूस करता है. कितने वर्ष पुराना समझता है. स्ट्रेस का बायोलॉजिकल उम्र पर बहुत असर पड़ता है. जितना स्ट्रेस बढ़ता है, उतनी ही तेज़ी से बायोलॉजिकल उम्र बढ़ती है. ऐसे में शरीर ख़ुद को कम स्वस्थ और बूढ़ा महसूस करता है.

बायोलॉजिकल उम्र बढ़ने से शरीर में क्या होता है?

बायोलॉजिकल उम्र बढ़ने से कई बीमारियां भी बढ़ जाती हैं. जैसे बीपी, शुगर, मोटापा. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि स्ट्रेस के कारण शरीर में कुछ हॉर्मोन्स और केमिकल्स रिलीज़ होते हैं. जिससे शरीर की कोशिकाओं पर बुरा असर पड़ता है. कोशिकाओं की मरम्मत और विकास में दिक्कत आती है. इससे बायोलॉजिकल उम्र बढ़ जाती है. स्ट्रेस से DNA और क्रोमोज़ोन को बचाए रखने वाली प्रणाली पर भी बुरा असर पड़ता है. अच्छी बात ये है कि इसे ठीक किया जा सकता है.

How to tell when stress is a problem | CNN
जितना स्ट्रेस बढ़ता है, उतनी ही तेज़ी से बायोलॉजिकल उम्र बढ़ती है.
इसे कैसे ठीक किया जा सकता है?

अगर हम नियमित तौर पर एक्सरसाइज करें. हेल्दी खाना खाएं. स्ट्रेस कम करने वाले काम करें, जैसे कोई हॉबी. अगर ख़ुद को ऐसे कामों में लगाएं जिनसे स्ट्रेस कम होता है तो इससे बायोलॉजिकल उम्र भी कम होती है. शरीर पर पॉजिटिव असर पड़ता है.

बायोलॉजिकल उम्र क्या होती है, समझ गए. स्ट्रेस से ये उम्र क्यों बढ़ती है, ये भी समझ में आ गया. इसलिए ज़रूरी है स्ट्रेस को कंट्रोल करना और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करना. अगर आप स्ट्रेस नहीं हैंडल कर पा रहे तो ये एकदम नॉर्मल बात है. इंसान अपने हालात तो नहीं कंट्रोल कर सकता. पर हां, प्रोफेशनल मदद लेकर स्ट्रेस को मैनेज ज़रूर कर सकता है. इसलिए अगर ज़रुरत लगे, तो एक्सपर्ट्स से मिलें. 

(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

वीडियो: सेहत: रोज़ सुबह आंख खुलते ही मन और और मूड दोनों ख़राब लगता है? ये है वजह