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वजन घटाने के लिए एक्सरसाइज़ जरूर करें, लेकिन इन बातों को जानें बिना बिल्कुल नहीं

ज़्यादा इंटेंस वर्कआउट करने से मसल्स और जोड़ों पर तनाव पड़ता है. इसकी वजह से चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है.

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ज़्यादा इंटेंस वर्कआउट करने से शरीर पर भी ज्यादा तनाव पड़ता है.

एक्सरसाइज करना हेल्दी रहने के लिए ज़रूरी है. ये आप पहले से जानते हैं. पर कितनी? कहीं आप वज़न घटाने और फ़िट बॉडी की चाह में अपना नुकसान तो नहीं कर रहे हैं? एक्सरसाइज के फायदों पर तो हमेशा बात होती है. आज हम ज़्यादा एक्सरसाइज और गलत एक्सरसाइज करने के नुकसानों पर बात करेंगे. साथ ही एक्सपर्ट से जानेंगे कि उम्र और शरीर के हिसाब से, आपके लिए बेस्ट एक्सरसाइज कौन सी है. और अगर वर्कआउट करते हुए तबियत ख़राब महसूस हो, तो तुरंत क्या करना चाहिए?

कैसे तय करें कि किसे कितनी एक्सरसाइज करनी चाहिए

ये हमें बताया डॉक्टर कुशल पाल सिंह ने.

(कुशल पाल सिंह, फ़िटनेस एंड परफॉरमेंस एक्सपर्ट, एनीटाइम फ़िटनेस)  

- कुछ नहीं करने से कुछ करना बेहतर होता है. अपनी क्षमता के मुताबिक ही एक्सरसाइज़ प्लान करें.

- कितनी एक्सरसाइज़ करनी चाहिए, इसके बारे में WHO ने अपनी गाइडलाइन में बताया है.

- 17 साल तक की उम्र के लोगों को कम से कम 60 मिनट फिज़िकल एक्टिविटी करनी चाहिए.

- इसमें आप मॉडरेट से लेकर इंटेंस एक्सरसाइज़ कर सकते हैं.

- मसल्स और हड्डियों की मजबूती के लिए हफ्ते में कम से कम तीन दिन फिज़िकल एक्टिविटी करनी चाहिए.

- 18 से 64 साल तक की उम्र के लोगों को हफ़्ते में ढाई घंटे से पांच घंटे मॉडरेट एक्सरसाइज़ करनी चाहिए.

- वहीं इंटेंस एक्सरसाइज़ आप हफ़्ते में सवा घंटे से ढाई घंटे तक कर सकते हैं.

- साथ ही हफ्ते में 2 दिन मसल्स को मजबूत करने वाली एक्सरसाइज़ भी करनी चाहिए.

- अगर आपकी उम्र 65 साल से ज्यादा है तो ऐसी एक्सरसाइज़ करें जिससे शरीर को बैलेंस बनाने में मदद मिले. इससे बुढ़ापे में लड़खड़ाने और गिरने का खतरा कम हो जाता है.

ज़्यादा इंटेंस वर्कआउट करने से क्या दिक्कतें हो सकती हैं?

- ज़्यादा इंटेंस वर्कआउट आजकल काफी प्रचलित है.

- लेकिन ज़्यादा इंटेंस वर्कआउट करने से कई सारी मुश्किलें हो सकती हैं.

- मसल्स और जोड़ों पर तनाव पड़ता है.

- इसकी वजह से चोट लगने का खतरा बढ़ जाता है.

- ज़्यादा इंटेंस वर्कआउट करने से शरीर पर भी ज्यादा तनाव पड़ता है.

- इस वजह से शरीर में ज्यादा स्ट्रेस हॉर्मोन रिलीज होता है. जिससे पेट से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं.

- इम्यूनिटी भी कमजोर हो सकती है.

- कुछ मामलों में ओवर ट्रेनिंग और बर्न आउट के लक्षण भी दिख सकते हैं. भूख न लगना, नींद न आने जैसे लक्षण दिख सकते हैं.

- ट्रेनिंग के दौरान की गई प्रोग्रेस कम हो जाती है और कुछ लोग तो एक्सरसाइज़ करना बंद भी कर देते हैं.

वर्कआउट करते हुए किन लक्षणों का खास ध्यान रखें?

- वर्कआउट के दौरान कुछ लक्षणों को बिल्कुल भी नजरंदाज नहीं करना चाहिए.

- जैसे कि अचानक से वजन घट जाना, लगातार बुखार रहना,

- अचानक से सांस फूल जाना,

- पेट साफ होने में दिक्कत होना. जैसे कि लंबे समय तक कब्ज या दस्त होना,

- फोकस करने में दिक्कत होना,

- कम खाना खाने पर भी पेट भरा हुआ लगना.

एक्सरसाइज करते हुए चक्कर आए, बेचैनी हो तो क्या करें?

- वर्कआउट के दौरान कुछ लोगों को बेचैनी होती है या चक्कर आ जाता है.

- ऐसा होने की वजह है लो ब्लड प्रेशर, लो शुगर लेवल और शरीर का तापमान ज्यादा बढ़ जाना.

- अगर ऐसा कभी भी हो तो तुरंत वर्कआउट को बंद कर दें.

- कहीं बैठ जाएं या जमीन पर लेटकर अपने पैरों को थोड़ा ऊपर की तरफ़ उठा लें.

- ऐसा करने से दिमाग में ब्लड सप्लाई बढ़ेगी.

- थोड़ा पानी पिएं, कुछ ऐसा खाएं जिसमें कार्बोहाइड्रेट ज्यादा हो.

- जैसे कि पीनट बटर के साथ एक केला या एक ग्रेनोला बार खाएं.

- अगर अचानक से शरीर का तापमान बढ़ गया है तो रुमाल, तौलिए को पानी में भिगोकर गर्दन या सिर के चारों तरफ लपेटें.

- इससे शरीर का तापमान जल्दी कम हो जाता है.

- साथ ही लंबी और गहरी सांस लें.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)