सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को एक बार फिर NDA एंट्रेंस एग्ज़ाम में लड़कियों को शामिल करने पर ज़ोर दिया था. कोर्ट ने कहा था कि NDA में लड़कियों की भर्ती को एक साल तक के लिए टाला नहीं जा सकता. इसलिए आगामी एंट्रेंस एग्ज़ाम, जो कि 14 नवंबर को होने वाले हैं, उसमें ही लड़कियों को शामिल होने दिया जाए. ये बात सुप्रीम कोर्ट ने मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस की तरफ से रखी गई एक मांग के जवाब में कही. दरअसल, NDA में अब तक लड़कियों को एंट्री नहीं थी. पिछले कई बरसों से ये मांग की जा रही थी कि लड़कियों को भी इसमें भर्ती किया जाए. इसे लेकर एक वकील कुश कालरा ने याचिका डाली थी. सुप्रीम कोर्ट ने 18 अगस्त को इसी याचिका पर सुनवाई करते हुए एक अंतरिम फैसला सुनाया था. कहा था कि NDA के आगामी एंट्रेंस एग्ज़ाम में लड़कियों को बैठने दिया जाए. इसी पर मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने मांग की थी कि आने वाले एंट्रेंस की बजाए मई 2022 में होने वाले एग्ज़ाम से लड़कियों को परमिशन दी जाए. ये दलील दी थी कि कई सारे नियमों में और फेसिलिटी में बदलाव करने होंगे, इसलिए वक्त चाहिए. हालांकि सुप्रीम कोर्ट ने 22 सितंबर को सीधे ये कह दिया कि वो 18 अगस्त का अपना फैसला रद्द नहीं कर सकते, कुछ हल निकाला जाए और 14 नवंबर को होने वाले एग्ज़ाम से ही लड़कियों को बैठने दिया जाए.
12वीं के बाद फौज में ऐसे अफसर बनो लड़कियों, सुप्रीम कोर्ट ने रास्ते खोल दिए हैं
NDA में जाने के लिए क्या पढ़ें और कैसे तैयारी करें?
कोर्ट ने और भी कई सारी बातें कही थीं. उसकी जानकारी हमने कल के हमारे शो में दी थी. उसे ज़रूर देखिएगा. फिलहाल हम बात करेंगे NDA एंट्रेंस एग्ज़ाम और उसकी प्रोसेस के बारे में. अब चूंकि सुप्रीम कोर्ट ने अपना फैसला बदलने से मना कर दिया है, तो काफी चांस है कि इसी एग्ज़ाम से लड़कियों के लिए NDA का दरवाज़ा खुल जाएगा. लेकिन हर परिक्षा में कामयाब होने के लिए सही जानकारी और कड़ी मेहनत बहुत ज़रूरी होती है. तो आज की बड़ी खबर में हम लड़कियों को यही बताएंगे कि सीधे 12वीं के बाद वो सेना में अफसर कैसे बनें. 12वीं के बाद इसलिए क्योंकि NDA में 12वीं के बाद दाखिला होता है. इस एग्ज़ाम का क्राइटेरिया क्या है? कब होता है? किन योग्यताओं की ज़रूरत है? कब नतीजे आते हैं? क्या प्रोसेस है? सबकी जानकारी हम आपको देंगे.
NDA क्या है? कैसे भर्ती होती है?
सबसे पहले बताते हैं कि NDA क्या है. ये ऐसी एकेडमी है, जो आपको इंडियन आर्म्ड फोर्सेस में जाने के लिए रेडी करती है. आप इसके ज़रिए इंडियन आर्मी, इंडियन एयरफोर्स और इंडियन नेवी में जा सकते हैं. ये एकेडमी इतनी खास इसलिए है क्योंकि इसमें आपको बहुत ही छोटी उम्र से ही ट्रेन्ड किया जाता है. 12वीं के बाद इसमें एडमिशन होता है. कोई बच्चा अगर 12वीं की पढ़ाई कर रहा है, तो वो इसका एग्ज़ाम दे सकता है. और जो 12वीं पास कर लिया है, वो भी दे सकता है. साल में दो बार एंट्रेंस एग्ज़ाम्स होते हैं, NDA-1, NDA-2. इस एकेडमी की आधिकारिक वेबसाइट के मुताबिक, पहला नोटिफिकेशन जनवरी में जारी होता है और दूसरा जून में. पहला एंट्रेंस एग्ज़ाम अप्रैल महीने के आस-पास कंडक्ट होता है और दूसरा सितंबर के आस-पास.
शर्त ये है कि एग्ज़ाम देने वाले की उम्र साढ़े सोलह साल से साढ़े 19 साल के बीच होनी चाहिए. अविवाहित होना चाहिए. वैसे ये क्लॉज़ अलग से बताने की ज़रूरत नहीं है, क्योंकि अभी तक NDA में केवल लड़कों को ही लिया जाता है और लड़कों की शादी की लीगल उम्र 21 या उसके बाद की है.
लड़कियों के दाखिले को लेकर अभी तक केवल सुप्रीम कोर्ट का आदेश आया है. आधिकारिक तौर पर न तो NDA की वेबसाइट पर कोई जानकारी दी गई है और न ही मिनिस्ट्री ऑफ डिफेंस ने कोई गाइडलाइन्स जारी की हैं. और न ही UPSC ने कुछ जारी किया है. UPSC इसलिए, क्योंकि यही NDA के एग्ज़ाम्स कंडक्ट कराता है. इसका फुलफॉर्म है यूनियन पब्लिक सर्विस कमीशन.
एग्ज़ाम में किन बातों का ध्यान रखना चाहिए?
एग्ज़ाम के समय ही आपको डिसाइड करना होता है कि आप किस फोर्स में जाना चाहते हैं. अगर आप नेवी या एयरफोर्स में जाना चाहते हैं, तो 11वीं-12वीं में आपको मैथ्स-फिजिक्स लेकर पढ़ना होगा. अगर आप आर्मी में जाना चाहते हैं, तो किसी भी सब्जेक्ट से स्कूल की पढ़ाई पूरी कर सकते हैं. सबसे पहले लिखित एग्ज़ाम होता है, इसमें दो पेपर होते हैं. एक मैथ्स का दूसरा जनरल एबिलिटी टेस्ट का. सभी कैंडिडेट्स के लिए सेम रिटन एग्ज़ाम होता है. माने इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि आपने फॉर्म में आर्मी में जाना चुना है, या नेवा या एयफोर्स में जाना चुना है. जनरल एबिलिटी टेस्ट में करंट अफेयर्स और जनरल नॉलेज से लेकर इंग्लिश तक सब आता है. जनरल नॉलेज में फिजिक्स, कैमिस्ट्री, जनरल साइंस, सोशल स्टडीज़, ज्योग्राफी से लेकर करंट इवेंट्स तक शामिल होता है. जनरल एबिलिटी टेस्ट 600 नंबर का होता है. वहीं पेपर वन, यानी मैथ्स का टेस्ट 300 नंबर का होता है. यानी कुल रिटन टेस्ट 900 नंबर का होता है.
रिटन टेस्ट के बाद UPSC उन कैंडिडेट्स की लिस्ट तैयार करता है, जो सबसे ज्यादा नंबर लाते हैं. कमीशन के डायरेक्शन पर ही रिटन टेस्ट के लिए क्वालिफिकेशन मार्क्स तय किए जाते हैं. इसके बाद रिटन टेस्ट क्लीयर करने वाले कैंडिडेट्स का इंटरव्यू किया जाता है, इसे SSB यानी सर्विसेज़ सेलेक्शन बोर्ड कंडक्ट करता है. ये एक ऐसा ऑर्गेनाइज़ेशन है जो इंटरव्यू और सायकोलॉजिकल एप्टिट्यूड टेस्ट के ज़रिए इंडियन आर्म्ड फोर्सेज़ के लिए कैंडिडेट्स को सेलेक्ट करता है. NDA का लिखित पेपर क्लीयर करने वालों का इंटरव्यू भी SSB करता है. जो कैंडिडेट्स ये राउंड क्लीयर करते हैं, फिर उनका मेडिकल और फिटनेस टेस्ट किया जाता है. फिटनेस टेस्ट में हाइट वेट से लेकर, आई साइट वगैरह सब देखा जाता है. जो कैंडिडेट्स इस राउंड को भी क्लीयर कर लेते हैं, वो जाते हैं NDA.
अब NDA में अंदर किस तरह की ट्रेनिंग होती है, आगे क्या नियम-कानून हैं. ये बताने से पहले आप एग्ज़ाम के बारे में थोड़ा और डीटेल में जानिए हमारे एक्सपर्ट से. एग्ज़ाम पैटर्न कैसा होता है. और मेडिकली किस तरह की फिटनेस ज़रूरी है, ये हमें बताया सेना से रिटायर्ड कर्नल अमरदीप सिंह ने. उन्होंने कहा-
"पहले आप रिटन एग्ज़ाम क्लीयर करते हैं. फिर जो शॉर्ट लिस्ट होते हैं, उन्हें SSB इंटरव्यू के लिए बुलाया जाता है. इंटरव्यू में जो पास हो जाते हैं, उनका मेडिकल होता है. लास्ट में इंटरव्यू और रिटन के नंबर्स को मिलाकर मेरिट बनती है. 1800 नंबर्स में से मेरिट बनती है. 900 का रिटन और 900 का इंटरव्यू होता है. 1800 में से आप मानकर चलिए कि साढ़े 900 कटऑफ जाते हैं. तो आपको रिटन में ज्यादा से ज्यादा नंबर लाने की कोशिश करनी चाहिए. और जो मेरिट में आ जाते हैं, उन्हें ही NDA कॉल लेटर भेजता है. जिस बच्चे ने SSB क्लीयर कर लिया है वही मेडिकल के लिए जाता है. मेडिकल में भी क्या होता, या तो आप फिट पाए जाते हैं या दो तरह का रिजेक्शन होता है. एक परमानेंट रिजेक्शन एर टेम्परेरी रिजेक्शन. मान लीजिए कि आप बहुत मोटे हैं, या बहुत पतले हैं, तो आप आर्मी के वज़न के पैमाने को मीट नहीं करते. आप टेम्परेरी रिजेक्शन का सामना करते हैं. तो आपको 30 दिन का समय दिया जाएगा, आप इस समय में इससे निजात पाइए और वापस मेडिकल दीजिए. एक होता है परमानेंट रिजेक्शन. इसमें मेडिकल बोर्ड कुछ परमानेंट एबनॉर्मेबिलिटी पाता है, तो आपको परमानेंट रिजेक्ट कर दिया जाता है. आप इसके लिए अपील कर सकते हैं. दो बार अपील का मौका होता है. दस फीसद केस ऐसे हैं, जो परमानेंट रिजेक्ट होने के बाद भी अपील मेडिकल बोर्ड में फिट पाए जाते हैं और वो जॉइन कर लेते हैं."
NDA में जाने के बाद क्या होता है?
NDA को JNU से मान्यता मिली हुई है. यहां जाने के बाद कैंडिडेट्स की प्रॉपर ट्रेनिंग होती है. आर्मी वाले कैंडेट्स को बी.ए, बी.एस सी की डिग्री मिलती है और नेवी-एयरफोर्स के कैडेट्स को बी.टेक की डिग्री. तीन साल की ट्रेनिंग पूरी होने के बाद आर्मी वाले कैडेट्स जाते हैं इंडियन मिलिट्री एकेडमी यानी IMA, एयरफोर्स वाले जाते हैं एयरफोर्स एकेडमी यानी AFA और नेवी वाले जाते हैं इंडियन नेवल एकेडमी यानी INA. फिर यहां दो साल की ट्रेनिंग होती है. इसके बाद पोस्टिंग दी जाती है.
जैसे एक नॉर्मल कॉलेज में होता है न कि ग्रेजुएशन के शुरुआती साल आपको हर सब्जेक्ट पढ़ाए जाते हैं, वैसे ही NDA में भी होता है. शुरुआती दो साल आपको सारे सब्जेक्ट्स पढ़ाए जाते हैं. तीसरे साल स्पेसिफिक सब्जेक्ट्स की पढ़ाई होती है. ये सब्जेक्ट्स इस पर निर्भर करते हैं कि आप इंडियन आर्मी में जाना चाहते हैं या नेवी में या एयफोर्स में. इसी हिसाब से आपकी ट्रेनिंग भी होती है. दूसरा साल खत्म होने के बाद, जब आप अपने स्पेसिफिक आर्म्ड फोर्स की तरफ कदम बढ़ाते हैं, तब भी ये देखा जाता है कि आप उस फोर्स के लायक हैं या नहीं. हर फोर्स के हिसाब से सैनिकों के फिटनेस का दायरा थोड़ा बदलता रहता है. जैसे एयरफोर्स में पायलेट के लिए आपकी हाइट से लेकर आपकी आई-साइट तक, सब एकदम परफेक्ट चाहिए. लेकिन अगर आपकी आई-साइट थोड़ी कमज़ोर है, तो हो सकता है कि आपसे कहा जाए कि आप आर्मी में चले जाइए. तब आपको डिसाइड करना होगा कि आप आर्मी में जाना चाहते हो या फिर NDA ही छोड़ना चाहते हो. कर्नल अमरदीप सिंह ने इस सिलसिले में भी हमें बहुत अहम जानकारी दी है. उन्होंने कहा-
"मैंने जब NDA का फॉर्म भरा मैं नेवल कैंडिडेट था. नेवी के लिए SSB दिया. लेकिन मुझे नहीं पता था, मेरी आई-साइट थोड़ी कमज़ोर हो गई है. जब मेरा मेडिकल हुआ तो जो एग्ज़िक्यूटिव ब्रांच जो नेवी की है, उसमें बिना चश्मे के 6 बाई 6 ज़रूरत होती है. तो मुझे नेवी के लिए अनफिट कर दिया और आर्मी के लिए फिट मान लिया. तो मेरी सर्विस नेवी से आर्मी में कर दी गई. ऐसा हो जाता है. NDA में +- 3.5 आई-साइट अलाउड है आर्मी के लिए. NDA में सर्जरी अलाउ नहीं है. सर्जरी से आप आई-साइट ठीक नहीं करा सकते. 18 साल तक आप सर्जरी नहीं करा सकते. तो अगर आपकी आई-साइट इस ब्रैकेट से बाहर है तो मेरी रेकेमेंडेशन होगी कि आप NDA की तैयारी न करें, और ग्रेजुएशन के बाद के एग्ज़ाम की तैयारी करें, क्योंकि उसमें आपको सर्जरी अलाउ है. बशर्ते वो सर्जरी आपके एग्ज़ाम से एक साल पहले हो गई हो."
कर्नल अमरदीप बताते हैं कि NDA में भी बाकी कॉलेजों की तरह बैक लगने और दोबारा टर्म का एग्ज़ाम देने की सुविधा है. वैसे तो एकेडमी की ट्रेनिंग और कोर्स तीन साल का होता है, लेकिन अगर किसी टर्म में किसी सब्जेक्ट में आप फेल हो जाते हैं, तो दोबारा आपको उस टर्म को रिपीट करने का मौका मिलता है. ऐसा मौका अधिकतम दो बार दिया जाता है. यानी आप अधिकतम चार साल तक NDA में रह सकते हैं. लेकिन उसके बाद भी अगर आप पास नहीं होते, तो आपको बाहर निकाल दिया जाता है.
सवाल उठता है कि NDA की तैयारी कबसे करनी चाहिए? तो इसका जवाब ये है कि आप 9वीं से ही इसकी तैयारी शुरू कर दें. क्योंकि तैयारी जितनी अच्छी रहेगी फायदा उतना ज्यादा होगा. कोशिश कीजिए कि आप 11वीं और 12वीं मैथ्स-फिजिक्स लेकर पढ़ें. इससे ये होगा कि आप एयरफोर्स और नेवी के लिए भी एलिजिबल होंगे. और अगर आगे चलकर आप आर्मी में जाना चाहें, तो NDA में आप इसे स्विच भी कर सकते हैं. यानी आपके लिए फिर तीनों सेनाओं के दरवाज़े खुले रहेंगे. और अगर आपने पहले ही डिसाइड कर लिया है कि इंडियन आर्मी में जाना है, तो आप कोई भी सब्जेक्ट लेकर 11वीं-12वीं पढ़ें, इससे कोई फर्क नहीं पड़ता. UPSC की वेबसाइट पर प्रिवियस एंट्रेंस एग्ज़ाम के क्वेश्चन पेपर उपलब्ध हैं, उसे भी सॉल्व करते रहिए. कर्नल अमरदीप बताते हैं कि अगर आप 12वीं में हैं, तो आपके लिए ये बेस्ट होगा कि आप सितंबर में होने वाला एंट्रेंस एग्ज़ाम, जो इस बार 14 नवंबर को होगा, उसे अच्छी तैयारी के साथ दीजिए. क्योंकि रिटन टेस्ट, फिर इंटरव्यू और फिर फिजिक्स-फिटनेस टेस्ट होते-होते, फाइनल नतीजा आते-आते कम से कम छह महीने लग ही जाते हैं. यानी अगर आप किसी पर्टिकुलर साल में NDA-2 एंट्रेंस एग्ज़ाम देते हैं, तो दाखिला होते-होते अगले साल का जुलाई महीना आ जाएगा. ऐसे में 12वीं के तुरंत बाद आप एकेडमी में जा सकोगे. और हां 12वीं में पास होना बहुत ज़रूरी है.
NDA में दाखिले के लिए लड़कियों की हाइट और वेट को लेकर अभी कोई आधिकारिक सूचना नहीं आई है. लेकिन हमने आपको एग्ज़ाम के पैटर्न और ट्रेनिंग के बारे में जानकारी देने की पूरी कोशिश की है. उम्मीद है कि 14 नवंबर को होने वाले NDA एंट्रेंस एग्ज़ाम में लड़कियां भी शामिल हो सकेंगी और हम जुलाई 2022 में पहली बार लड़कियों को इस एकेडमी में ट्रेनिंग के लिए कदम रखते देखेंगे.