हमारे देश में जितनी बड़ी समस्या डायबिटीज़ है. उतनी ही बड़ी समस्या हाई ब्लड प्रेशर भी है. यानी हाइपरटेंशन (Hypertension). WHO के मुताबिक, भारत में करीब 22 करोड़ लोगों को हाइपरटेंशन है. इसके बावजूद हर 10 में से 3 भारतीय अपनी पूरी ज़िंदगी में कभी भी बीपी की जांच ही नहीं कराते. जी, ICMR की एक स्टडी में ये बात सामने आई है.
हाई ब्लड प्रेशर हो सकती है सुबह पैरों में सूजन, सिरदर्द और सांस फूलने की वजह! डॉक्टर से जानें कैसे करें बचाव
High Blood Pressure कंट्रोल करना ज़रूरी है वरना स्ट्रोक आ सकता है. आंखों की रोशनी जा सकती है या फिर सुनाई देना कम हो सकता है. इतना ही नहीं, Heart Attack आने के भी चांस हैं.
अब जब पता ही नहीं चलेगा कि बीपी हाई है तो इसका इलाज होगा कैसे? और, हाई बीपी से सिर्फ़ घबराहट, सांस फूलना, धड़कने तेज़ होना, मुंह सूखना जैसी समस्याएं नहीं होतीं. दिल की बीमारियों और स्ट्रोक का खतरा भी होता है.
हाई बीपी के शुरुआती लक्षण बहुत साफ़ तौर पर पता नहीं चलते. लेकिन सुबह के वक़्त कुछ लक्षण आपको ऐसे ज़रूर महसूस होते हैं, जिनसे आसानी से पता लगाया जा सकता है कि बीपी हाई है. क्या हैं ये लक्षण, आज डॉक्टर साहब से जानेंगे. ये भी पता करेंगे कि हेल्दी ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए? हाई ब्लड प्रेशर किन कारणों से होता है? हाई ब्लड प्रेशर से शरीर को क्या नुकसान पहुंचता है? और, इसका बचाव और इलाज क्या है?
हेल्दी ब्लड प्रेशर कितना होना चाहिए?
ये हमें बताया डॉक्टर अजय कुमार गुप्ता ने.
- नॉर्मल ब्लड प्रेशर 120/80 से नीचे होना चाहिए
- वहीं अगर आपका ऑफिस या क्लिनिक में नापा गया ब्लड प्रेशर 140/90 से ज़्यादा है या घर में आपका ब्लड प्रेशर 135/85 से ऊपर है
- तब इसे ब्लड प्रेशर की बीमारी कहा जाता है
- अगर आपका बीपी लगातार तय मानक से ऊपर है तो आपको इलाज की ज़रूरत है
हाई ब्लड प्रेशर किन कारणों से होता है?
करीब 98 फीसदी लोगों में हाई ब्लड प्रेशर का कोई पुख्ता कारण नहीं होता. अमूमन हमारी खराब दिनचर्या, कम एक्सरसाइज़ करना, दूषित चीज़ें खाना और प्रोसेस्ड फूड ज़्यादा खाना ही इसके कारण होते हैं.
सिर्फ दो प्रतिशत लोगों में ही हाई बीपी के पुख्ता कारण दिखाई देते हैं. अगर किसी को हॉर्मोनल डिसऑर्डर (Hormonal disorders), किडनी की बीमारी या दिमाग से जुड़ी कोई बीमारी है तो ऐसे लोगों को सेकेंडरी हाइपरटेंशन (Secondary Hypertension) हो सकता है. सेकेंडरी हाइपरटेंशन यानी जब हाई ब्लड प्रेशर किसी मेडिकल कंडिशन की वजह से हो.
हाई ब्लड प्रेशर से शरीर को क्या नुकसान पहुंचता है?
- स्ट्रोक आ सकता है
- आंखों की रोशनी कम हो सकती है
- कई बार आंख से खून भी आ सकता है
- नाक से ब्लीडिंग हो सकती है
- मुंह में, चेहरे पर सूजन आ सकती है
- हमारे सुनने की शक्ति कम हो सकती है
- हार्ट अटैक पड़ सकता है
- एंजाइना हो सकता है (जब सीने का दर्द दिल से जुड़ा हो)
- हाई ब्लड प्रेशर वालों को पेट से जुड़ी दिक्कतें भी ज़्यादा होती हैं
- उन्हें फैटी लिवर, क्रोनिक लिवर डिज़ीज़ हो सकती है
- एक्यूट किडनी इंजरी या किडनी फेलियर हो सकता है
- इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है
- हमारी नसें कमज़ोर हो सकती हैं
- हाथ-पैरों में झुनझुनाहट और सुन्नपन बढ़ सकता है
- कुल मिलाकर हाई ब्लड प्रेशर से हमारा विकास और मांसपेशियों के काम करने की क्षमता कम हो सकती है
सुबह कौन-से लक्षण हाई ब्लड प्रेशर की ओर इशारा करते हैं?
- अगर सुबह-सुबह आपके पैरों में सूजन है
- सिरदर्द है
- ठीक से नींद नहीं आ रही
- कभी-कभी दिल की धड़कन तेज़ हो जाती है, खासकर सुबह
- आप कोई काम करते हुए जल्दी थक जाते हैं
- सांस फूलने लगती है
- तो, इसका मतलब आपको अपना ब्लड प्रेशर चेक करा लेना चाहिए
बचाव और इलाज
बचाव के लिए आपको सबसे पहले अपनी दिनचर्या सुधारनी पड़ेगी. समय पर उठें, एक्सरसाइज करें और समय पर ही खाना खाएं. खाने में प्रोसेस्ड फूड और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट्स कम से कम हों. वहीं हाई फाइबर, हरी पत्तेदार सब्ज़ियां और रंग-बिरंगे फल ज़्यादा होने चाहिए. दिन में एक बार फल और स्प्राउट्स ज़रूर खाएं. यही सारी चीज़ें आपको हाई ब्लड प्रेशर से बचा सकती हैं.
हाई ब्लड प्रेशर का दूसरा बड़ा कारण स्ट्रेस है. आजकल परफॉर्मेंस प्रेशर की वजह से लोगों को स्ट्रेस बहुत हो रहा है, इसलिए डिस्ट्रेसिंग एक्सरसाइज़ करें. समय पर छुट्टी लें और समय पर काम करें. शाम को ध्यान लगाएं, प्राणायाम या योगा करें जिससे आप स्ट्रेस कम करके अपना बीपी कंट्रोल में रख पाएं.
अगर आपको कोई बीमारी नहीं है, तब भी साल में एक बार अपने ब्लड प्रेशर की जांच ज़रूर कराएं. वहीं अगर आपको कोई बीमारी है. जैसे हाइपरटेंशन, डायबिटीज़, मोटापा है. किडनी या दिल की कोई समस्या है. या परिवार में बीपी की हिस्ट्री रही है, तब तो आपको डॉक्टर से सलाह लेकर बीपी की जांच करवाते रहना चाहिए. हाई बीपी के लक्षण इग्नोर मत करिए. बीपी को कंट्रोल में रखना सेहत के लिए बहुत ज़रूरी है.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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