मानसून चल रहा है. बाहर जितनी भी धुंआधार बारिश क्यों न हो रही हो. आपको मन मारकर ऑफिस जाना ही पड़ता है. आप तैयार होते हैं, जूते पहनते हैं और निकल जाते हैं. बारिश के पानी से आपके जूते भीगते हैं. मोज़े भीगते हैं. दिनभर पंजे गीले रहते हैं. जब आप घर जाकर जूते-मोज़े उतारते हैं तो पैरों से बदबू आ रही होती है.
पैरों में सफेद चकत्ते, भयंकर खुजली, इस इन्फेक्शन का लक्षण है! डॉक्टर से जानिए बरसात में कैसे बचें
फंगल इन्फेक्शन बारिश के मौसम में बहुत ही आम समस्या है. ऐसे में आज डॉक्टर से समझिए कि बरसात के मौसम में फंगल इन्फेक्शन क्यों होता है? इससे कैसे बच सकते हैं? हो जाए अगर, तो क्या करना चाहिए?
कई बार सफ़ेद रंग के चक्कते पड़ जाते हैं. भयानक खुजली होती है. ये फंगल इन्फेक्शन है जो बारिश के मौसम में बहुत ही आम समस्या है. ऐसे में आज डॉक्टर से समझिए कि बरसात के मौसम में फंगल इन्फेक्शन क्यों होता है? इससे कैसे बच सकते हैं? और, अगर आपको फंगल इन्फेक्शन हो गया है तो क्या करना चाहिए?
बारिश के मौसम में फंगल इन्फेक्शन क्यों हो जाता है?
ये हमें बताया डॉक्टर रिंकी कपूर ने.
बरसात के मौसम में एथलीट्स फुट नाम का फंगल इंफेक्शन होना बहुत आम है. बारिश में जूते पहनकर जाने से कई बार उनमें पानी भर जाता है. पैरों की उंगलियों के बीच पानी देर तक रहता है, जिससे स्किन गलने लगती है. उंगलियों के बीच सफेद चक्कते पड़ने लगते हैं. यह फंगल इंफेक्शन है और इसे एथलीट्स फुट कहा जाता है. ऐसा ही इंफेक्शन पैरों के तलवों पर भी हो सकता है.
बचाव और इलाज
इसका इलाज करवाने के लिए डर्मेटोलॉजिस्ट के पास जाएं. वो आपको खाने या पैरों पर लगाने के लिए दवाइयां देंगे. कुछ फंगल पाउडर भी दिए जाते हैं. इनका इस्तेमाल करने से फंगल इंफेक्शन ठीक हो सकता है. साथ ही पानी के संपर्क में कम से कम आएं. अपने पैरों को सूखा रखें. अगर आप बाहर से घूमकर आए हैं तो तुरंत पैरों को तौलिए से पोंछ लें. उंगलियों के बीच की जगह को सूखा रखें. जो लोग पूरे दिन जूते-मोज़े पहनते हैं, उन्हें पैरों में एंटी-फंगल पाउडर लगाने के बाद मोजे पहनने चाहिए.
देखिए, अगर आपने इस फंगल इन्फेक्शन पर ध्यान नहीं दिया. सही समय पर इलाज नहीं करवाया तो ये फैलेगा. नाखूनों तक जाएगा और यहां मामला बहुत सीरियस हो सकता है. इसलिए घर पर घरेलू इलाज न करें. किसी अच्छे स्किन के डॉक्टर को दिखाएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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