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फैटी लिवर से परेशान लोग अपनी डाइट में किन चीज़ों को करें शामिल? डॉक्टर से जानें

Fatty Liver आज के समय में एक बहुत ही आम बीमारी है. इसमें शरीर का एक्स्ट्रा फैट लिवर पर जमा हो जाता है. इससे दूसरी बीमारियां होने का भी खतरा रहता है इसलिए अपनी डाइट सही रखना ज़रूरी है.

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फैटी लिवर

फैटी लिवर. आज के समय में आम बीमारी बन चुकी है. फैटी लिवर (Fatty Liver) में शरीर का एक्स्ट्रा फैट लिवर पर जमा हो जाता है. इससे दूसरी बीमारियां होने का भी खतरा रहता है. 

आमतौर पर शराब पीने से फैटी लिवर की दिक्कत होती है. हालांकि जो शराब नहीं पीते, उन्हें भी फैटी लिवर हो सकता है. इसे नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर कहते हैं. ऐसे लोगों में हेपेटाइटिस बी, सी, खराब लाइफस्टाइल, एक्सरसाइज़ न करने और बहुत ज़्यादा फैट खाने की वजह से ये बीमारी हो सकती है.

अब फैटी लिवर को कंट्रोल करने में डाइट का बहुत बड़ा हाथ होता है. फैटी लिवर से परेशान लोगों को अपनी डाइट में क्या खाना चाहिए? और, किन चीज़ों से परहेज़ करना चाहिए? ये हमने पूछा डॉक्टर पुनीत सिंगला से. 

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डॉ. पुनीत सिंगला, डायरेक्टर, लिवर ट्रांसप्लांट एंड एचपीबी सर्जरी, मारेंगो एशिया हॉस्पिटल्स, गुरुग्राम

डॉक्टर पुनीत कहते हैं कि जिन्हें फैटी लिवर है, उन्हें पत्तेदार सब्ज़ियां खानी चाहिए. खासकर पालक. इसमें नाइट्रेट और पॉलीफेनोल्स होते हैं. जो नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर का रिस्क कम करते हैं. हालांकि एक चीज़ का ध्यान रखें. फैटी लिवर को ठीक करने में कच्चा पालक ज़्यादा असरदार है. क्योंकि पालक को पकाने पर इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट कम हो सकते हैं. एंटीऑक्सीडेंट हमारे सेल्स को नुकसान से बचाते हैं और लंबे वक्त तक चलने वाली बीमारियों का रिस्क कम करते हैं.

फैटी लिवर वालों को गेहूं के आटे के बजाय मोटा आनाज खाना चाहिए. जैसे रागी. इसमें ढेर सारा फाइबर, विटामिंस और मिनरल्स होते हैं. ये शरीर में कोलेस्ट्रॉल लेवल को घटाता है. और, फैटी लिवर ठीक करने में मदद करता है. रागी में एंटीऑक्सीडेंट्स होते हैं. साथ ही, इसका ग्लाइसेमिक इंडेक्स भी कम होता है. यानी इसे खाने से शुगर लेवल तेज़ी से नहीं बढ़ता. और, हमारी इम्यूनिटी भी मज़बूत होती है.

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राजमा और एवोकाडो

आप चाहें तो राजमा खा सकते हैं. राजमा में प्रोटीन और फाइबर ज़्यादा होता है. सैचुरेटेड फैट, जिसे सेहत के लिए अच्छा नहीं माना जाता, वो कम होता है. इससे ब्लड शुगर कंट्रोल करने में मदद मिलती है. बैड कोलेस्ट्रॉल की मात्रा घटती है. ये दोनों ही चीज़ें फैटी लिवर का रिस्क बढ़ाती हैं. यानी अगर शुगर कंट्रोल में होगी, कोलेस्ट्रॉल कम होगा तो फैटी लिवर भी जल्दी ठीक होगा.

आप एवोकाडो भी खा सकते हैं. इसमें गुड कोलेस्ट्रॉल यानी HDL पाया जाता है. यानी ये नॉन अल्कोहॉलिक फैटी लिवर को ठीक करने में मददगार है. 

मेवों में आप बादाम खा सकते हैं. इसमें विटामिन ई होता है. जो शरीर को फैटी लिवर से बचाता है.

डॉक्टर पुनीत आगे कहते हैं कि फैटी लिवर के मरीज़ पिज़्ज़ा, रेड मीट और फ्राइड फूड को हाथ भी न लगाएं. इनमें ढेर सारा फैट और कैलोरी होते हैं. जो आपके लिवर के लिए सही नहीं हैं. आपको शराब पीने से भी बचना चाहिए क्योंकि फैटी लिवर की जड़ यही है. इसी तरह आपको ऐडेड शुगर वाली चीज़ें भी नहीं खानी-पीनी चाहिए. जैसे कैंडी, कुकीज़, सोडा और फ्रूट जूस. ये शरीर में जाकर शुगर का लेवल बढ़ाते हैं. जिससे फिर शरीर में फैट इकट्ठा होने लगता है.

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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