हिमांशी का सात महीने का बेटा है. वो बहुत ज्यादा रोने लगा है, सोता नहीं है. उसे हल्का बुखार भी रहता है. हिमांशी उसे लेकर डॉक्टर के पास गईं, तो डॉक्टर ने बताया कि घबराने की बात नहीं है. बच्चे के दांत निकल रहे हैं. इसलिए ये सारी चीज़ें हो रही हैं. बच्चों के जब दांत निकलते हैं तो उन्हें काफ़ी दर्द होता है. उन्हें संभालना थोड़ा मुश्किल हो जाता है. ऐसे में मां-बाप को कुछ तरीके आज़माने पड़ते हैं. तो आज बात करते हैं बेबी टीथिंग यानी बच्चों के दांत निकलने के बारे में. बच्चों के दांत निकलते समय दर्द क्यों होता है? ये हमें बताया डॉक्टर तारीक़ ने.
डॉक्टर तारीक़ कमाल, एमबीबीएस, एमडी, रीवा
निकलने वाले दांत मसूड़ों को काटते हुए बाहर निकलते हैं, इसलिए दांत निकलते वक्त बच्चों को दर्द होता है, उनके मसूड़ों में सूजन होती है और वो बेचैन रहते हैं. बच्चों के दांत कब निकलना शुरू होते हैं? ज़्यादातर बच्चों में पहला दांत छह-सात महीने में आ जाता है. कुछ बच्चों में ये थोड़ा पहले हो जाता है जैसे पांच-छह महीने के आसपास. वहीं कुछ में दांत निकलने की प्रक्रिया थोड़ी लेट शुरू होती है. 11-12 महीने के आसपास.
बीच के दांत छह से 12 महीने के बीच में निकलते हैं. बीच के दांत के बगल वाले दो दांत नौ से 16 महीने के बीच में निकलते हैं. नुकीले वाले दांत 16 से 24 महीने के बीच में निकलते हैं.
लक्षण
-दांत निकलते समय बच्चे थोड़े चिड़चिड़े हो जाते हैं
-खाना-पीना कम कर देते हैं
-मसूड़ों में सूजन आ जाती है
-मसूड़े लाल हो जाते हैं
-बच्चों के मुंह में थूक ज़्यादा बनता है और लार निकलने लगती है
ज़्यादातर बच्चों में पहला दांत छह से 12 महीने की उम्र में निकलता है
-इस समय बच्चा हर चीज़ को अपने मुंह की तरफ़ ले जाने की कोशिश करता है, मुंह में डालता है.
-चीज़ों को मसूड़ों से दबाने की कोशिश करता है क्योंकि उसके मसूड़ों में सुरसुराहट यानी एक अलग तरह की सेंसिटिविटी होती है. टीथिंग के वक़्त बच्चों को किस तरह की परेशानी होती है? इस समय बच्चा हर एक चीज़ मुंह में डालता है इसलिए उसके शरीर में इन्फेक्शन बहुत जल्दी पहुंच जाता है. इसलिए इस समय उसे दस्त लग जाते हैं. सर्दी-खांसी, ज़ुकाम, बुख़ार हो जाता है. उल्टियां भी हो सकती हैं. दांत निकलते समय क्या करें, क्या न करें? -बच्चा हर चीज़ मुंह में डालता है इसलिए इस समय उसकी साफ़-सफ़ाई पर ज़्यादा ध्यान दें, जितने भी खिलौने हैं उन्हें अच्छे से साफ़ करें
-दिन में चार-पांच बार बच्चे के हाथ गीले कपड़े या साबुन पानी से धोएं
-दर्द से निजात दिलाने के लिए हलके हाथों से मसूड़ों की मालिश कर सकते हैं
-थोड़ी ठंडी चीज़ें बच्चों को खाने के लिए दे सकते हैं
-हल्के पेनकिलर भी डॉक्टर दे सकते हैं
-साथ ही विटामिन डी और कैल्शियम के सप्लीमेंट भी देते हैं
दांत निकलते समय बच्चे थोड़े चिड़चिड़े हो जाते हैं
-अगर बच्चे को उल्टी-दस्त हो रहे हैं तो डॉक्टर को दिखाएं
-कई बार लोग इस समय बच्चे को ग्राइप वॉटर देना शुरू कर देते हैं, ये न करें
-बच्चों की दांत बैठवाने की प्रक्रिया न करें
-कई लोग अल्कोहोल या बेंजोकेन का जेल लगा देते हैं ताकि मसूड़े शांत हों, पर ये भी नहीं करना चाहिए
चलिए, उम्मीद है डॉक्टर ने जो टिप्स बताई हैं वो आपके बच्चे के काम ज़रूर आएंगी.
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