कई बार हमारे चेहरे पर एकाएक दाने निकलने लगते हैं. और हमें समझ में नहीं आता ऐसा क्यों हो रहा है. हम सफ़ाई से मुंह धो रहे होते हैं. अपनी स्किन का ख्याल रख रहे होते हैं. अच्छी मात्रा में पानी भी पी रहे होते हैं पर इतनी मेहनत करने के बावजूद भी दाने निकलते ही रहते हैं. ठीक ऐसा ही कुछ हमारी पाठक कोमल के साथ हुआ. उनको समझ ही नहीं आ रहा था कि वो क्या करें. कौन-सी क्रीम लगाएं, क्या खाएं. जब कुछ काम नहीं किया तो उन्होंने स्किन के डॉक्टर को दिखाया. कुछ सेशन के बाद पता चला कि सारा दोष मसालेदार खाने का था जो कोमल को बहुत पसंद था. वो लगभग रोज़ फ्राइड मोमोज़, तीखी चटनी, चाउमीन, चाट वगैरह खाती थीं.
सबकुछ करने के बाद भी नहीं जा रहे पिंपल्स? 'असली समस्या' तो ये है
मसालेदार खाना तीखा होता है और शरीर में गर्मी पैदा करता है. इससे हमारी स्किन में मौजूद ऑयल ग्लैंड्स ज़्यादा तेल छोड़ने लगते हैं. फिर हमारे शरीर पर पिंपल्स निकलने लगते हैं.
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घर पर भी जो खाना बनातीं, उसमें खूब तेल, मिर्च, मसाला डालती थीं. और इन सबका नतीजा था मुंहासे. तो आज हम डॉक्टर से जानेंगे कि क्या मसालेदार खाना खाने से वाकई मुंहासे या पिंपल निकलने लगते हैं? आपकी स्किन ख़राब हो जाती है? ऐसी क्या चीज़ें हैं जो खाना अवॉइड करना चाहिए? और अपनी स्किन का ख्याल कैसे रखें.
क्या मसालेदार खाना खाने से दाने हो सकते हैं?
ये हमें बताया डॉ. रिंकी कपूर ने.

मसालेदार खाना सेहत के लिए अच्छा नहीं है. इससे शरीर में इन्फ्लेमेशन से जुड़ी तकलीफ हो सकती है. इन्फ्लेमेशन को हर बीमारी की जड़ माना जाता है. फिर चाहें वो मुंहासे हों या फिर कैंसर जैसी बड़ी बीमारी. मसालेदार खाने से इन्फ्लेमेशन की मात्रा शरीर में बढ़ जाती है. इन्फ्लेमेशन यानी हमारे शरीर का बाहरी पदार्थों के खिलाफ़ लड़ना. इसके बढ़ने से स्किन और शरीर में कई बीमारियां हो सकती हैं. मसालेदार खाना तीखा होता है और शरीर में गर्मी पैदा करता है. इससे हमारी स्किन में मौजूद ऑयल ग्लैंड्स (तेल की ग्रंथियां) ज़्यादा तेल छोड़ने लगती हैं. फिर हमारे शरीर पर पिंपल्स बढ़ने लगते हैं यानी मसालेदार खाने से सीधे तरीके से पिंपल नहीं आते. मगर रोज़ ऐसा खाने से धीरे-धीरे पिंपल ज़रूर बढ़ सकते हैं.
खाने की किन चीज़ों से रहें दूर?
कुछ पदार्थ ऐसे हैं जिन्हें बिल्कुल भी नहीं खाना चाहिए. इनमें प्रोसेस्ड डेयरी प्रोडक्ट्स शामिल हैं. जो सिर्फ दूध से नहीं बल्कि दूध में केमिकल डालकर बनाए जाते हैं. चीज़, मक्खन और चॉकलेट्स जैसी चीज़ों से परहेज़ करें. खासकर वो लोग जिन्हें ऐसे डेयरी प्रोडक्ट खाने के दो-तीन दिन बाद पिंपल आने लगते हैं. साथ ही, बहुत मीठी चीज़ें नहीं खानी चाहिए. ज़्यादा तला हुआ खाना भी न खाएं. अगर हॉर्मोनल दिक्कतों के कारण पिंपल हो रहे हैं तो मीठा खाने से तकलीफ बढ़ सकती है. मैदे से बने प्रोडक्ट नुकसान कर सकते हैं, इन्हें खाने से बचें. ये पदार्थ हमारे शरीर में ऐसे बदलाव करते हैं जिनसे पिंपल्स की समस्या बढ़ सकती है.

अपनी स्किन का कैसे रखें ध्यान?
रेगुलर स्किनकेयर करना आसान है. रोज़ अपना चेहरा धोना चाहिए. अपनी स्किनटाइप के आधार पर फेस वॉश इस्तेमाल करें. चेहरा गंदा नहीं रहना चाहिए, इससे पोर्स बंद हो जाते हैं. वहीं जो लोग मेकअप लगाते हैं, दिन खत्म होने पर मेकअप हटाकर मुंह धो लें. अगर बाहर ज्यादा घूमते हैं तो दिन में दो बार अपना चेहरा साफ करें ताकि स्किन पर जो पोर्स हैं वो बंद न हों. स्किन को साफ करने के लिए टोनर का इस्तेमाल कर सकते हैं.
साथ ही, चेहरे पर सनस्क्रीन और मॉइश्चराइज़र लगाना न भूलें. अगर चेहरे पर तेल काफी है तो मॉइश्चराइज़र हल्का उपयोग करें. वहीं अगर आपकी त्वचा ड्राई है तो हेवी ड्यूटी मॉइश्चराइज़र लगाएं. सनस्क्रीन लगाना भी अहम है क्योंकि वो सूरज की किरणों से हमारी स्किन को बचाता है. पिंपल्स से हुए काले धब्बों को कम करने और हटाने का काम भी सनस्क्रीन करती है. हफ्ते में एक से दो बार स्क्रब का इस्तेमाल करें ताकि डेड स्किन सेल्स निकल जाएं. वहीं, जिन्हें पिंपल्स ब्लैक हेड्स और वाइट हेड्स की वजह से होते हैं. उन्हें महीने में एक बार क्लीनअप ज़रूर करवाना चाहिए. ज़रूरी है कि आप मुंहासों को नोचें नहीं. नहीं तो गहरे निशान बन सकते हैं. अपनी डाइट सही रखें. एक्सरसाइज करें. इसके बावजूद भी समस्या दूर न हो, तो डॉक्टर को दिखाएं.
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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