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क्या सिर्फ खड़े रहने से भी घट सकता है वजन?

एक्सपर्ट से जानिए क्या सिर्फ खड़े रहने से भी घट सकता है वजन? क्या खड़े रहने से ज़्यादा कैलरी बर्न होती हैं?

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जिस व्यक्ति के शरीर में मसल मास यानी मांसपेशियां ज़्यादा होंगी वो ज़्यादा कैलोरीज़ बर्न करेगा. (सांकेतिक फोटो)

जो लोग वज़न घटाने की कोशिश कर रहे हैं, उन्होंने पक्का ये सुना होगा कि खड़े रहने से कैलरीज़ बर्न होती हैं. जिससे वज़न घटाने में मदद मिलती है. ऐसा ही कुछ सुना है हमारी व्यूअर अन्विता ने. 27 साल की हैं. ओवरवेट हैं, इसलिए वज़न घटाने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने सुना है कि अगर लंबे समय तक खड़े रहो तो कैलरीज़ बर्न होती हैं और वज़न घटता है. यहां तक कि उनके ऑफिस में कई लोग स्टैंडिंग डेस्क पर काम करते हैं ताकि कैलरीज़ बर्न कर सकें. स्टैंडिंग डेस्क यानी ऐसी डेस्क, जिसपर खड़े होकर काम हो सके. बस कुर्सी पर नहीं बैठना है. अन्विता जानना चाहती हैं कि क्या उनको भी स्टैंडिंग डेस्क पर काम करना चाहिए? क्या वाकई खड़े रहने से ज़्यादा कैलरीज़ बर्न होती हैं? अगर हां तो कितनी, और कितनी देर खड़े रहना चाहिए. चलिए एक्सपर्ट्स से जानते हैं.

क्या खड़े रहने से ज़्यादा कैलरी बर्न होती हैं?

ये हमें बताया फ़िटनेस एक्सपर्ट हिमांशु कौशिक ने.

(हिमांशु कौशिक, फ़िटनेस एक्सपर्ट, इक्वलिब्रियम प्रो जिम, फरीदाबाद)

अगर कैलरीज़ की बात करें, तो खड़े रहने से बैठने के मुकाबले ज़्यादा कैलरीज़ बर्न होती हैं. हालांकि दोनों ही स्थिति में बर्न होने वाली कैलरीज़ में ज़्यादा अंतर नहीं है. लेकिन खड़े रहना काफ़ी जरूरी है. बैठे रहने के दौरान शरीर कम एनर्जी का इस्तेमाल करता है. बॉडी के काम करने की एक थ्योरी है 'यूज़ इट और लूज़ इट'. यानी अगर दिमाग को ये लगता है कि किसी समय शरीर के किसी हिस्से की जरूरत नहीं है, तो दिमाग उसका इस्तेमाल नहीं करता. जैसे किसी के हाथ में फ्रैक्चर हो जाए, 2 महीने बाद प्लास्टर हटाने पर हाथ की मसल्स एकदम सिकुड़ जाती हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि वो व्यक्ति 2 महीनों से उस हाथ से कुछ काम नहीं कर रहा था. इसी तरह हमारा शरीर खड़े रहने पर एक्स्ट्रा काम करता है. क्योंकि खड़े होने के दौरान हमारे शरीर को बैलेंस बनाना पड़ता है.

वहीं कुर्सी या किसी और चीज़ पर बैठे रहने के दौरान शरीर को ज़्यादा मेहनत नहीं करनी पड़ती. लेकिन खड़े होने के दौरान शरीर की सभी जरूरी मसल्स बॉडी का बैलेंस बनाए रखने में लग जाती हैं. जैसे खड़े होने पर रीढ़ की हड्डी के आसपास मौजूद मसल्स हमें आगे गिरने से रोकती हैं. ऐसे ही पेट के दोनों  तरफ मौजूद ओब्लिक मसल्स शरीर को साइड में गिरने से बचाती हैं. इसलिए बैठे रहने के मुकाबले खड़े रहने से या चलने से ज़्यादा कैलरीज़ बर्न होती हैं.

कितनी कैलरीज़ बर्न हो सकती हैं?

कौन व्यक्ति कितनी कैलोरज़ बर्न करेगा ये कई चीजों पर निर्भर करता है. जैसे कि उम्र, लिंग और मसल मास. जिस व्यक्ति के शरीर में मसल मास यानी मांसपेशियां ज़्यादा होंगी वो ज़्यादा कैलोरीज़ बर्न करेगा. क्योंकि मांसपेशियों के लिए ये कहा जाता है कि ये मेटाबॉलिकली एक्टिव टिशू है. यानी जब शरीर आराम कर रहा होता है, तब भी मांसपेशियां कैलरीज़ बर्न करती रहती हैं. लेकिन फैट के साथ ऐसा नहीं है.

आमतौर पर एक वयस्क व्यक्ति जिसका वज़न 70 से 75 किलो के बीच है, वो 1 घंटे में बैठे-बैठे 120 से 130 कैलरीज़ बर्न करता है. वहीं अगर यही व्यक्ति एक घंटा खड़ा रहेगा तो उसकी 175 से 200 कैलरीज़ बर्न होंगी. एक घंटे में दोनों में ज़्यादा अंतर देखने को नहीं मिलता लेकिन कोई अगर 3 से 4 घंटे खड़ा है, तो वो काफ़ी कैलरीज़ बर्न करेगा. लेकिन ये जरूर ध्यान रखें कि किसी भी चीज की अति नुकसानदायक होती है. इसलिए ज़्यादा समय के लिए खड़े न रहें.

ज़्यादा खड़े रहने से शरीर में एनर्जी की कमी महसूस हो सकती है. शरीर के निचले हिस्से में सूजन भी आ सकती है, इसलिए अपने शरीर की सुने. अगर लंबे समय के लिए बैठ रहे हैं, तो 3 से 5 मिनट के लिए खड़े होकर शरीर को जरूर स्ट्रेच करें. क्योंकि लंबे समय तक बैठे रहने से मांसपेशियों का बैलेंस बिगड़ने लगता है. इस वजह से कुछ समय बाद मांसपेशियों में दर्द की समस्या होने लगती है. मसल्स टाइट हो जाती हैं, जिससे दूसरी दिक्कतें भी सामने आती हैं.

कैलरीज़ बर्न करने के लिए कितनी देर खड़े रहना चाहिए?

खड़े होने के दौरान शरीर का वजन रीढ़ की हड्डी पर एक समान बंट जाता है. कौन कितनी कैलरी बर्न करेगा, ये जेंडर पर भी निर्भर करता है. महिलाओं के मुकाबले पुरुष ज़्यादा कैलरीज़ बर्न करते हैं. क्योंकि पुरुषों के शरीर में मसल मास ज़्यादा होता है. और ज़्यादा मसल मास का मतलब है ज़्यादा कैलरीज़ बर्न होना. अगर आप ट्रेन या बस से ऑफिस जाते हैं, तो कैलरी बर्न करने के लिए, बैठने के बजाए खड़े होकर सफर करें. इस तरह ज़्यादा कुछ न करते हुए भी आप शरीर को थोड़ा फिट रख सकते हैं. घर पर हैं तो खाने के बाद 10 से 15 मिनट टहलें. ऑफिस में काम कर रहे हैं तो स्टैंडिग डेस्क के जरिए खड़े रहकर भी काम कर सकते हैं, कई ऑफिसों में ये सुविधा होती है.  

(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

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