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सर्दियों में खांसी से परेशान, लेकिन ये समझे बिना दवाई मत खाना!

डॉक्टर के बताया कि सर्दियों में खांसी क्यों इतनी कॉमन है. साथ ही गीली और सूखी खांसी का फर्क भी समझाया.

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खांसी दो तरह की होती है. (सांकेतिक तस्वीर)

सर्दियों के मौसम में लोग अक्सर खांसी से परेशान रहते हैं. कुछ लोगों को थोड़ी सी ठंड लगते ही खांसी शुरू हो जाती है. ये खांसी काफ़ी दिनों तक चलती है. आपने एक चीज़ नोटिस की होगी, खांसी दो तरह की होती है. सूखी और गीली. दोनों में उतना ही फर्क है, जितना ज़मीन और आसमान का. क्योंकि इनके होने की वजह एकदम अलग-अलग है. डॉक्टर से जानिए सर्दियों में लगातार, ज़ोरदार खांसी की समस्या क्यों होती है? सूखी खांसी और गीली खांसी में क्या फर्क है?  ये दोनों किन वजहों से होती हैं? और इसका बचाव और इलाज क्या है.

सर्दियों में लगातार खांसी की समस्या क्यों होती है?

(जानिए डॉ. रवि शेखर झा से)

 


(डॉ. रवि शेखर झा, डायरेक्टर, पल्मोनोलॉजी, फॉर्टिस, फ़रीदाबाद )

सर्दियां आते ही हवा ठंडी और ड्राई हो जाती है. ड्राई हवा सांस की नली और फेफड़ों के लिए अच्छी नहीं होती.  ड्राई हवा से एलर्जी हो सकती है. जैसे गला ड्राई हो जाना और उसकी वजह से सूखी खांसी आना. सर्दियों में सूखी खांसी का एक कारण वायरल इन्फेक्शन भी है. अगर किसी को पहले से ब्रोंकाइटिस या न्यूमोनिया है, तब सर्दियों में गीली खांसी बढ़ सकती है.

सूखी खांसी और गीली खांसी में क्या फर्क है?

सूखी खांसी में बलगम नहीं आता. कभी-कभी बहुत ही कम बलगम आ सकता है. गीली खांसी में खांसी के साथ सफ़ेद या पीले रंग का बलगम निकलता है. सफ़ेद बलगम का मतलब आपको एलर्जी हुई है और पीला बलगम है तो इन्फेक्शन हुआ है.

ऐसा क्यों होता है?

दोनों के कारण अलग-अलग हैं. सूखी खांसी का सबसे बड़ा कारण एलर्जी है. इसके अलावा गले में मैकेनिकल इर्रिटेशन, साइनस या वायरल इन्फेक्शन हो सकता है. अगर आप अस्थमा के मरीज हैं, तब सूखी खांसी हो सकती है. गीली खांसी के बहुत से कारण हैं. जैसे बैक्टीरियल न्यूमोनिया. ये सर्दियों में एक कॉमन इन्फेक्शन है. इसके अलावा सर्दियों में टीबी और उभर कर सामने आता है. अगर आपको बहुत ज्यादा साइनसाइटिस की दिक्कत है, तब भी गीली खांसी परेशान करती है. बलगम साइनस से निकलकर गले में गिरता है, जिसके कारण गीली खांसी आती है.

बचाव और इलाज

सूखी खांसी से बचने के लिए हर साल डॉक्टर की सलाह के बाद फ्लू वैक्सीन लगवा लें. स्टीम लेते रहें.  इससे गले में ड्राईनेस नहीं आएगी.  गरारा भी करें.  गीली खांसी से बचने के लिए डॉक्टर से सलाह लेकर न्यूमोनिया की वैक्सीन लगवाए.  अगर गीली खांसी के साथ पीले बलगम के लक्षण आते हैं, तो डॉक्टर की सलाह से एंटीबायोटिक्स शुरू करें.

अब समझे, गीली और सूखी खांसी में क्या फर्क है. दोनों की केस में अगर खांसी लंबी चल रही है तो डॉक्टर को दिखाना ज़रूरी है.