डिजीज एक्स (Disease X), पिछले कुछ दिनों से ये बीमारी काफी सुनाई दे रही है. गूगल करने पर इससे जुड़े तमाम दावे सामने आ रहे हैं. कहीं लिखा जा रहा है कि डिजीज एक्स एक नई महामारी है (Disease X pandemic), तो कोई कह रहा है कि कोरोना के मुकाबले डिजीज एक्स से ज्यादा तबाही मचेगी. इन सब को पढ़कर तो कोविड 19 का दौर आंखों के सामने आ जाता है. और मन में ये सवाल उठता है कि क्या फिर से वही सब दोहराया जाएगा. अगर ये बीमारी इतनी खतरनाक है तो इसकी रोकथाम के लिए क्या कदम उठाए जा रहे हैं? और क्या इसका इलाज भी मुमकिन है? आज डिजीज एक्स से जुड़े इन्हीं सवालों के जवाब डॉक्टर से जानने की कोशिश करेंगे.
कोरोना से भी भयानक बताई जा रही डिजीज एक्स क्या है? क्या इसका इलाज मुमकिन है?
कहीं लिखा जा रहा है कि डिजीज एक्स एक नई महामारी है, तो कोई कह रहा है कि कोरोना के मुकाबले डिजीज एक्स से ज्यादा तबाही मचेगी. आज जानें सबकुछ.

ये हमें बताया डॉक्टर नेहा रस्तोगी पांडा ने.

- किसी मच्छर या जानवर के जरिए बीमारी फैलाने वाला कोई भी कीटाणु, जो पहले से मौजूद हो या लैब में बनाया गया वायरस हो, और बड़ी तेजी से फैलने की क्षमता रखता हो, उसे डिजीज एक्स कहते हैं. हर वायरस और या इंफेक्शन को फैलने के लिए तीन चीजें चाहिए-
- पहला है होस्ट यानी इंफेक्शन को फैलाने वाला जीव (इंसान या जानवर),
- दूसरी चीज है वायरस की फैलने की क्षमता,
- तीसरी चीज है वातावरण, यानी क्या इंफेक्शन के फैलने के लिए वातावरण ठीक है या नहीं.
- इसका मतलब है कोई भी ऐसा वायरस या दूसरा इंफेक्शन जिसे फैलने के लिए ये तीनों चीजें मिलें, वो डिजीज एक्स है.
- यानी डिजीज एक्स कोई नई बीमारी नहीं है, बल्कि कोई भी बीमारी जिसे तेजी से फैलने के लिए सभी चीजें मिलें और ये भारी तबाही मचा सके उसे डिजीज एक्स कहते हैं.
क्या ये खतरनाक है?- कोविड-19 के दौरान फैला डेल्टा स्ट्रेन, एक तरह से डिजीज एक्स ही था.
- इबोला और जीका वायरस भी डिजीज एक्स का ही उदाहरण हैं.
- यानी कोई भी ऐसा इंफेक्शन जिसमें वैश्विक महामारी बनने की क्षमता है, वो डिजीज एक्स है.
- डिजीज एक्स किसी बीमारी के बारे में एक तरह की जानकारी है.
- जिससे इसके फैलने की क्षमता, कितने लोग गंभीर रूप से बीमार हो सकते हैं और कितनी जाने जा सकती हैं, इसके बारे में पता चलता है.
- डिजीज एक्स डबल्यूएचओ के द्वारा दिया गया नाम है जिससे किसी बीमारी की गंभीरता का पता चलता है.
लक्षण- इस तरह की ज्यादातर बीमारियां सांस के जरिए फैलती हैं.
- इसके बाद इबोला जैसे वायरस आते हैं जो मल-मूत्र और खून के जरिए फैलते हैं.
- इस तरह की बीमारियों में बुखार, जुकाम, खांसी, सांस में दिक्कत जैसे लक्षण दिखते हैं.
- ये स्थिति गंभीर होती है तो ऑक्सीजन की जरूरत भी पड़ सकती है.
- इसके बाद बारी आती है इबोला और लासा वायरस की.
- इनमें बुखार के साथ हाथ-पैरों पर लाल चकत्ते और खुजली हो सकती है.
- कुछ समय बाद शरीर के कई हिस्सों से खून निकलने लगता है.
इलाज- डिजीज एक्स से बचाव ही इसका इलाज है.
- क्योंकि ज्यादातर वायरस से होने वी बीमारियों की वैक्सीन नहीं है, इसलिए इसे दुनियाभर में फैलने से रोकना जरूरी है.
- इसके लिए समय-समय पर एयरपोर्ट पर यात्रियों की जांच करना जरूरी है.
- साथ ही WHO जैसे संस्थाएं भी तेजी से फैल रही बीमारी पर नजर रखें ताकि वो डिजीज एक्स न बने.
- जब भी वातावरण के साथ छेड़छाड़ होती है, वायरस के अंदर म्यूटेशन होता है.
- सही समय पर वैक्सीन लगवाकर डिजीज एक्स के गंभीर नतीजों से बचा जा सकता है.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से जरूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको ख़ुद से कोई दवाई लेने की सलाह नहीं देता.)