कोविड का एक नया सब-वेरिएंट आ गया है. इसका नाम है एरिस. ये यूके में तेज़ी से फैल रहा है. इसके बढ़ते केसेज को देखते हुए बाकी देशों की चिंताएं भी बढ़ सकती हैं. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या भारत को किसी तरह का ख़तरा है? दरअसल महाराष्ट्र में कोविड के केसेज दोबारा बढ़ने लगे हैं. टाइम्स ऑफ़ इंडिया में छपी ख़बर के मुताबिक, भारत में एरिस का पहला केस मई में पकड़ा गया था. पर पिछले दो महीनों में कोई चिंताजनक बदलाव नहीं आया है.
कोविड के नए वेरिएंट 'एरिस' ने बढ़ाई US-UK की चिंताएं, भारत में कितना खतरा?
महाराष्ट्र में कोविड के केसेज दोबारा बढ़ने लगे हैं.

आज हम तफ़्सील से बात करेंगे एरिस के बारे में. क्या ये ओमिक्रोंन का ही एक रूप है या ये एकदम अलग है? इससे किस तरह का ख़तरा हो सकता है? इसके लक्षण क्या हैं? इलाज क्या है? इन सारे सवालों के जवाब जानेंगे डॉक्टर्स से.
कोविड का नया वेरिएंट 'ओमिक्रोन' से अलग है?ये हमें बताया डॉ. अवि कुमार ने.

- कोविड के नए वेरिएंट के मामले भारत में कम हैं, लेकिन अमेरिका और इंग्लैंड में इसके कई केस सामने आए हैं.
- इस वेरिएंट का नाम 'कोविड EG.5' है.
- अमेरिका के वैज्ञानिकों ने इसका नाम 'एरिस' (Eris) रखा है.
- इस वक्त अमेरिका के अस्पतालों में भर्ती मरीजों में से करीब 12 प्रतिशत 'एरिस' वेरिएंट से पीड़ित हैं.
- 'एरिस' ओमिक्रोन का ही एक सब-वेरिएंट है.
- म्यूटेशन के कारण ये वेरिएंट बड़ी तेजी से फैल रहा है.
- इससे लोग बड़ी जल्दी इंफेक्ट हो रहे हैं.
'एरिस' वेरिएंट कितना खतरनाक है?- नए वेरिएंट से होने वाली मौतों का आंकड़ा 1 प्रतिशत से भी कम है.
- यानी अभी तक 'एरिस' जानलेवा नहीं है.
- इंग्लैंड में भी 'एरिस' बड़ी तेजी से फैल रहा है.

- 'एरिस' वेरिएंट के लक्षण अपर एयरवेज़ में ही पाए जा रहे हैं.
- नाक बहना, गला दर्द, आंखों में जलन, सिर दर्द, थकान होना 'एरिस' वेरिएंट के लक्षण हो सकते हैं.
- सांस लेने में दिक्कत, ऑक्सीजन की कमी होने जैसी समस्याएं इस बार कम हैं.
बचाव- अमेरिका और इंग्लैंड के बाद इस वेरिएंट के मामले भारत में बढ़ सकते हैं.
- ऐसे में कोविड की नई वेव आने का खतरा हो सकता है.
- इससे बचने के लिए विदेश से भारत आने वाले लोगों की जांच जरूरी है.
इलाज- ओमिक्रोन की तरह ही 'एरिस' वेरिएंट का भी इलाज होगा.
- जैसे कि घर में आइसोलेशन, अच्छा खानपान.
- बुखार में पैरासिटामॉल लें, खांसी होने पर कॉफ सिरप लें.
- एंटी-एलर्जिक दवाइयां ले सकते हैं.
- मास्क का इस्तेमाल करें, भीड़ वाली जगहों पर न जाएं.
- खूब पानी पिएं और हरी सब्जियां खाएं.

- फ्लू के इंजेक्शन लें.
- सांस के मरीज अपनी दवाइयों को समय से लें.
- फ्लू काफी चल रहा है, इससे बचने के लिए इंजेक्शन लें.
- ये इंजेक्शन आपकी इम्यूनिटी बढ़ाकर वायरल इंफेक्शन से लड़ने में मदद करता है.
कुल मिलाकर एरिस वेरिएंट को लेकर पैनिक करने की ज़रुरत नहीं है. पर हां, सावधानी बरतने की ज़रुरत है.
(यहां बताई गईं बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
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