तरुण तेजपाल (Tarun Tejpal) उनकी किताब का टीज़र आया है. उन्होंने जॉर्ज ऑरवेल की चर्चित एनिमल फार्म की नई भूमिका लिखी है.पूर्व केंद्रीय मंत्री और कांग्रेस के लोकसभा सांसद मनीष तिवारी ने इसे लेकर एक ट्वीट किया. इस ट्वीट में उन्होंने जिन शब्दों का इस्तेमाल किया उसे लेकर शिवसेना की राज्यसभा सांसद प्रियंका चतुर्वेदी से ट्विटर पर उनकी बहस हो गई. बात इतनी बढ़ी की मनीष तिवारी ने उन्हें कोर्ट में घसीटने तक की धमकी दे डाली.
तरुण तेजपाल पर मनीष तिवारी और प्रियंका चतुर्वेदी की बहस 'कोर्ट में देख लेने' तक पहुंच गई
कांग्रेस नेता ने ऐसा क्या लिख दिया था कि बात इतनी बिगड़ गई?

मनीष तिवारी ने टीज़र का लिंक शेयर करते हुए लिखा-
मेरे कॉलेज सीनियर, राजनीतिक रूप से बहुत सताए गए और अब सम्मानजनक रूप से बरी हो चुके प्रतिभाशाली और मेधावी तरुण तेजपाल ने एनिमल फार्म का यह टीज़र लिखा है. तरुण अपने सर्वश्रेष्ठ पर, फिर से स्वागत है दोस्त. इसे पढ़ें.
मनीष तिवारी के तेजपाल के लिए 'राजनीतिक रूप से बहुत सताए गए' लिखने पर शिवसेना सांसद प्रियंका चतुर्वेदी ने उन्हें 'बीमार मानसिकता' वाला बताया. उन्होंने मनीष तिवारी के ट्वीट पर रिप्लाई करते हुए लिखा-
मुझे आज पता चला कि तरुण तेज़पाल सम्मानपूर्वक दोषमुक्त और राजनीतिक रूप से प्रताड़ित किया गया था. इस आरामदायक क्लब द्वारा एक महिला के यौन उत्पीड़न को बकवास बताने से, उनकी बीमार मानसिकता की बू आती है. उनका मानना है कि वे महिलाओं के आसपास जैसा चाहें वैसा व्यवहार कर सकते हैं और गंभीर अपराध पर हंस सकते हैं. शर्मनाक.
प्रियंका ने आगे लिखा-
क्योंकि गोवा सरकार ने तेजपाल को ज़िला कोर्ट द्वारा बरी किए जाने के फ़ैसले के ख़िलाफ़ मुंबई हाईकोर्ट में अपील की है, इसलिए जश्न को रोका जा सकता है.इस तरह के शक्तिशाली गुट का सामना करने की हिम्मत रखने वाली लड़की को और ताक़त मिले.
इस पर मनीष तिवारी ने जवाब देते हुए ट्वीट किया-
आपके जैसे नहीं प्रियंका चतुर्वेदी. मैं एक वकील हूं और मुझे फ़ैसले पढ़ना और उनकी इज्ज़त करना आता है. तरुण तेजपाल पर मामला चला और वो निर्दोष साबित हुए. और ये सच है कि गोवा सरकार हाईकोर्ट में गई है, अगर आपको कोई दिक्कत है तो आप मुंबई और गोवा हाईकोर्ट में कहें.
बात यहीं खत्म नहीं हुई. प्रियंका ने मनीष तिवारी को रिप्लाई किया.
आपके जैसा नहीं मनीष तिवारी, सिर्फ वकील होने और आदेश पढ़ने आना, आपको बड़ा नहीं बनाता. और ये एक स्वतंत्र प्लेटफ़ॉर्म है. मुझे अपनी राय रखने का उतना ही अधिकार है जितना आपको एक कथित रेपिस्ट की पीठ थपथपाने का.
इस पर फिर मनीष तिवारी ने रिप्लाई किया.
ऐसा ही है प्रियंका चतुर्वेदी. ये मुझे नियम, कानूनों और संविधान के तहत कोर्ट के दिए आदेश को सही से समझने और इज़्जत करने लायक बनाता है. आपसे गुज़ारिश है कि मानहानि की सीमा को पार न करें. मुझे एक साथी सांसद और पूर्व सहयोगी को कोर्ट ले जाने पर दुख होगा.
इस पर प्रियंका चतुर्वेदी ने लिखा-
ओह! चुप रहने की धमकी. एक वकील के रूप में आपको ये पता होना चाहिए कि मैंने अपने पहले पहला ट्वीट में आपको टैग नहीं किया और न आपका जिक्र किया था. इसमें आप खुद कूदे, जिसका मैंने जवाब दिया.
बता दें कि पत्रकार तरुण तेजपाल को 2013 के कथित यौन शोषण और रेप मामले में इसी साल मई में गोवा की एक अदालत ने दोषमुक्त करार दिया था. गोवा सरकार ने फ़ैसले के ख़िलाफ़ हाईकोर्ट में अपील की है. तहलका पत्रिका के फाउंडर तरुण तेजपाल पर थिंक 13 नाम के फेस्टिवल के दौरान अपनी जूनियर सहकर्मी के साथ यौन शोषण के आरोप थे. पीड़िता ने अपनी शिकायत में आरोप लगाया था कि तेजपाल ने गोवा के ग्रांड हयात होटल की लिफ्ट में 7 और 8 नवंबर 2013 को उसके साथ ज्यादती की थी.