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राष्ट्रपति में ‘पति’ का मतलब ये निकला

बीजेपी सोनिया गांधी पर धमकाने का आरोप लगा रही है और दूसरी तरफ कांग्रेस स्मृति ईरानी पर अपमानजनकर व्यव्हार करने का आरोप लगा रही है.

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अधीर रंजन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलकर माफी मांगने की बात कही है

Don't talk to me...ये लाइन आज पूरे दिन चर्चा में रही. दरअसल कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी और केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी के बीच 28 जुलाई को लोकसभा में खूब बहसबाजी हुई. दोनों के बीच ज़ुबानी जंग के पहले स्मृति ईरानी ने सोनिया गांधी से कुछ कहा, जिसके जवाब में सोनियां गांधी ने उन्हें Don't talk to me कहकर चुप कराने की कोशिश की और इसके बाद दोनों के बीच करीब 2-3 मिनट तक तीखी बहस हुई. इस विवाद की वजह है कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी का राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू पर दिया वो बयान जिसे बीजेपी महिलाओं का अपमान बता रही है.

सदन में स्मृति ईरानी और सोनिया गांधी के बीच तीखी बहस हुई

कल यानी 27 जुलाई के दिन सोनिया गांधी से ईडी की पूछताछ के विरोध में कांग्रेस ने संसद भवन परिसर में विरोध किया. इस दौरान एक निज़ी चैनल से बातचीत में कांग्रेस नेता अधीर रंजन चौधरी ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के लिए 'राष्ट्रपत्नी' शब्द का इस्तेमाल किया. बीजेपी ने अधीर रंजन की टिप्पणी को महिलाओं और आदिवासियों का अपमान बताया. बीजेपी का हमला तेज़ होने के बाद अधीर रंजन चौधरी ने सफाई देते हुए कहा

''राष्ट्रपति बोलने के तुरंत बाद मुंह से निकल गया कि राष्ट्रपत्नी से मिलना चाहते हैं. इसके तुरंत बाद पत्रकार वहां से निकल गए. मैंने उन्हें ढूंढने की कोशिश की लेकिन वो मिले नहीं. मैं उनसे कहना चाहता था कि मुंह से गलत शब्द निकल गए है. हम जानते हैं कि हिंदुस्तान की राष्ट्रपति चाहे वो ब्राह्मण हो, चाहे मुस्लिम हो, चाहे आदिवासी हो वो हमारे लिए राष्ट्रपति है. मुझसे चूक हुई है. सत्ता पक्ष इस मामले को राई का पर्वत बना रहा है.''

अधीर रंजन के सफाई देने के बाद भी मामला ठंडा नहीं हुआ बीजेपी ने संसद के अंदर और बाहर दोनों जगह अधीर रंजन के बयान पर विरोध दर्ज कराया और सोनिया गांधी से माफी मांगने की मांग की. फिलहाल सोनिया गांधी से हुई बहस के पहले स्मृति ईरानी ने अधीर रंजन के बयान पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए कहा

'जब से द्रौपदी मुर्मू का नाम राष्ट्रपति के उम्मीदवार के रूप में घोषित हुआ तब से ही द्रौपदी कांग्रेस पार्टी की घृणा और उपहास का शिकार बनीं. कांग्रेस पार्टी की घृणा और उपहास का शिकार बनीं. कांग्रेस पार्टी ने उन्हें कठपुतली कहा अशुभ और अमंगल का प्रतीक कहा. कांग्रेस आज भी इस बात को पचा नहीं पा रही है कि एक आदिवासी महिला इस देश के सर्वोच्च संवैधानिक पद को सुशोभित कर रही हैं. सोनिया गांधी द्वारा नियुक्त नेता सदन अधीर रंजन ने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के खिलाफ अभद्र टिप्पणी की जो कि एक शर्मनाक बयान है. ये संबोधन उस सर्वोच्च संवैधानिक पद की गरिमा के खिलाफ है, तब भी कांग्रेस के इस पुरुष नेता ने ये घृणित कार्य किया.'

अधीर रंजन चौधरी

अधीर रंजन चौधरी की राष्ट्रपति पर की गई टिप्पणी के खिलाफ लोकसभा में हंगामा भी हुआ जिसके चलते सदन को स्थगित करना पड़ा. इस दौरान बीजेपी के सांसद सोनिया गांधी के खिलाफ नारेबाज़ी कर रहे थे. सोनिया गांधी सदन से बाहर जा रही थीं लेकिन नारेबाजी के बीच सोनिया गांधी BJP सांसद रमा देवी के पास गईं और पूछा- ‘मेरा नाम क्यों लिया जा रहा है.’ इस बीच स्मृति ईरानी ने वहां जाकर कहा- ‘may I help you, मैंने आपका नाम लिया था.’ इस पर सोनिया गांधी ने स्मृति ईरानी से don’t talk to me बोल दिया. वित्त मंत्री निर्मला सीतारामन ने दोनों के बीच हुई बहस की जानकारी दी है. उन्होंने बताया कि सोनिया गांधी ने धमकी देते हुए बात की है और उन्हें अब माफी मांगनी ही होगी. अब बीजेपी सोनिया गांधी पर धमकाने का आरोप लगा रही है और दूसरी तरफ कांग्रेस स्मृति ईरानी पर अपमानजनकर व्यव्हार करने का आरोप लगा रही है. अधीर रंजन चौधरी अपनी सफाई में चाहे कुछ भी कहें लेकिन ये सारा विवाद उनकी विवादित टिप्पणी की वजह से हुआ है. अधीर रंजन ने राष्ट्रपति को राष्ट्रपत्नी कहकर संबोधित किया. सबसे पहले हम ये जानने की कोशिश करेंगे कि राष्ट्रपति और पति शब्द का मतलब क्या है. क्या राष्ट्रपति एक पुरुष केंद्रित शब्द है? ये समझने के लिए हमने भाषाविद् और वरिष्ठ पत्रकार प्रोफेसर संत समीर से बात की उन्होंने कहा

'पति शब्द का मतलब प्रधान या सर्वोच्च पद से है और जब ये शब्द राष्ट्र के साथ जुड़ जाता है तो संवैधानिक तौर पर सर्वोच्च पद माना जाता है. इसमें पति का मतलब पति-पत्नी से नहीं है'

हिंदी भाषा के कई शब्द ऐसे हैं जो पुरुष केंद्रित हैं जैसे- सेनापति, अधिपति. जबकि ये ज़रूरी नहीं कि इन पदों पर बैठने वाला व्यक्ति पुरुष ही हो. हमने ऐसे शब्दों की क्रोनोलॉजी जानने की कोशिश भी की इस पर प्रोफेसर संत समीर ने कहा

'कई शब्द समाज की व्यवस्था के हिसाब से बने हैं. ये पुरुषवादी सोच का मामला नहीं है. जिस तरह के काम पुरुष संभालते रहे वो काम पुल्लिंग की तरफ जाएंगे जो काम स्त्री देखती आई हैं वो स्त्रीलिंग की तरफ जाएंगे. जब व्यवस्था में कोई रानी हो जाती है वो शासन का काम संभालती है तो एक सामान्य अर्थ में उसको प्रशासिका की जगह प्रशासक कहा जाएगा '

द्रौपदी मुर्मू अब देश की राष्ट्रपति हैं उनकी उम्मीदवारी का एलान होने के बाद से ही उन पर कांग्रेस के कई नेताओं के उल्टे सीधे बयान सामने आए हैं. फिलहाल अधीर रंजन चौधरी वाला ये मामला काफी तूल पकड़ता जा रहा है. हमने इंडिया टुडे के नेशनल अफेयर एडिटर राहुल श्रीवास्तव से ये जानने की कोशिश की अगर कोई सांसद राष्ट्रपति पर विवादित टिप्पणी करता है तो ऐसे में उनपर क्या कार्रवाई हो सकती है. इस पर राहुल श्रीवास्तव ने कहा

'सरकार के पास एक ये ऑप्शन है कि वो हाउस में एक मोशन ला सकती है कि पूरा सदन इस बात की भर्त्सना करे कि एक राष्ट्रपति के बारे में ऐसा शब्द बोला गया. '

द्रौपदी मुर्मू देश की दूसरी महिला राष्ट्रपति हैं. इससे पहले जब प्रतिभा पाटिल राष्ट्रपति बनी थीं, तब भी ये बहस सामने आई उस वक्त ये बहस हुई थी कि राष्ट्रपति शब्द जेंडर बायस्ड शब्द है. फिर ये सुझाव सामने आया कि इस पद के लिए राष्ट्रपति की जगह एक जेंडर न्यूट्रल शब्द लाया जाए, लेकिन ये सुझाव खारिज़ कर दिया गया. इस तर्क का हवाला देते हुए कि जब कॉन्सटिट्यूएंट असेंबली में इस मुद्दे पर बहस हुई थी तो देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू ने जेंडर न्यूट्रल शब्दों के सुझाव को खारिज़ कर दिया था. ये तो हुई राष्ट्रपति शब्द की बात.

लेकिन बवाल मचा है राष्ट्रपत्नी शब्द पर. किसी भी महिला के लिए इर्रिलेवेंट कॉन्टेक्स्ट में पत्नी शब्द का इस्तेमाल करना आपत्तिजनक और अशोभनीय है. उस महिला की गरिमा का अपमान है. और ऐसे शब्दों का इस्तेमाल असंसदीय है. अधीर रंजन भले कहें कि उनकी ज़ुबान फिसल गई थी, लेकिन जिस सदन में वो बैठते हैं, जितने लोगों का वो प्रतिनिधित्व करते हैं, उन्हें अपनी भाषा को बरतने की सख्त ज़रूरत है.

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