अमित 35 साल के हैं. जयपुर के रहने वाले हैं. उनकी तबियत काफ़ी समय से खराब चल रही थी. पेट में दर्द रहता. थकान रहती. हर वक़्त उल्टी सी आती थी. साथ ही आंखें भी एकदम पीली पड़ने लगी थीं. लक्षण बिगड़ने से पहले अमित ने डॉक्टर को दिखाया था. उनकी जांच हुई थी, पर कुछ ख़ास पता नहीं चला. लक्षण बिगड़ने पर उन्होंने अस्पताल में जांच करवाई. उनके ब्लड टेस्ट हुए. अल्ट्रासाउंड हुआ. पता चला उनका लिवर बढ़ गया है. उसका साइज़ बढ़ गया है. इसकी शुरुआत पहले ही हो गई थी. पर तब कुछ ख़ास लक्षण नहीं दिखे थे. इसलिए अमित ने ध्यान नहीं दिया. तबियत ज़्यादा बिगड़ने पर उन्होंने जांच करवाई, तब तक उनके लिवर का साइज़ ज़्यादा बढ़ गया था.
वैसे बता दें कि लिवर के बढ़ने को मेडिकल भाषा में हिपेटोमिगेली कहते हैं. ऐसा अक्सर किसी दूसरी मेडिकल प्रॉब्लम के कारण होता है. जैसे लिवर की कोई बीमारी, कैंसर या दिल की बीमारी. कई बार लिवर बढ़ने के पीछे कुछ नॉन-मेडिकल कंडीशन भी ज़िम्मेदार होती हैं. अमित को अपने टेस्ट में पता चला कि उन्हें फैटी लिवर की दिक्कत है. यानी लिवर पर चर्बी जमा हो गई है जिसके कारण उनके लिवर का साइज़ बढ़ गया है. वो चाहते हैं हम सेहत पर इसके बारे में बात करें. डॉक्टर्स से पूछकर बताएं कि आपका लिवर किन कारणों से बढ़ जाता है, इसके लक्षण क्या हैं, इसका पता कैसे कर सकते हैं और बचाव क्या है. तो सबसे पहले समझ लेते हैं कि किन हालातों में लिवर का साइज़ बढ़ सकता है. लिवर का साइज़ क्यों बढ़ जाता है? ये हमें बताया डॉक्टर अरविंद खुराना ने.

-लिवर शरीर का एक बहुत ही अहम अंग है, जो पेट के दाईं तरफ़ होता है.
-इसका वज़न 1500 ग्राम या शरीर के कुल वज़न का 2 प्रतिशत होता है.
-लिवर का साइज़ 15 सेंटीमीटर के आसपास होता है.
-ये 14-16 सेंटीमीटर तक हो सकता है.
-अगर लिवर का साइज़ 15-16 सेंटीमीटर से ज़्यादा बढ़ जाता है तो इसे लिवर का बढ़ना या हिपेटोमिगेली कहते हैं.
-लिवर के बढ़ने का सबसे आम कारण है इस पर चर्बी का जमना.
-जिसे फैटी लिवर कहा जाता है.
-जैसे शरीर पर फैट जमता है, ठीक वैसे ही लिवर पर भी फैट जमा हो जाता है.
-ये वज़न बढ़ने के कारण होता है. अगर आपका BMI (बॉडी मास इंडेक्स) 25 से ज़्यादा है तो आप ओवरवेट हैं. अगर 30 से ज़्यादा है तो इसको ओबीज़ होना बोला जाता है.
-जैसे-जैसे वज़न बढ़ता जाएगा, वैसे-वैसे लिवर पर फैट जमने का चांस भी बढ़ता रहेगा.
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-अगर डायबिटीज कंट्रोल में नहीं है तो उसकी वजह से भी लिवर पर चर्बी जम जाती है.
- खून में कोलेस्ट्रोल की मात्रा बढ़ना. यही कोलेस्ट्रोल लिवर पर जम जाता है.
-थायरॉइड.
-पांचवा कारण. बहुत मीठा खाते हैं, तला हुआ खाते हैं तो ये सब मिलकर शरीर में चर्बी बढ़ाते हैं और ये चर्बी लिवर पर जम जाती है. जिसकी वजह से लिवर बढ़ जाता है.
-ज़्यादा शराब लंबे समय तक पीने से लिवर का साइज़ बढ़ जाता है.
-अगर आप ज़बरदस्ती दवाइयां खाते हैं, स्टेरॉयड लेते हैं तो भी लिवर बढ़ जाता है.
-लिवर का कैंसर है या शरीर में कहीं और कैंसर है तो वो लिवर में फैल सकता है जिससे उसका साइज़ बढ़ जाता है.
-कभी किसी मरीज़ को दिल की बीमारी हो, दिल कमज़ोर हो जाए या लंग्स की दिक्कत हो तो उसके प्रेशर से भी लिवर का साइज़ बढ़ जाता है. लक्षण -शुरुआत में लिवर बढ़ने के कोई लक्षण नहीं होते.
-अल्ट्रासाउंड होने पर या जांच होने पर पता चलता है कि लिवर बढ़ गया है.
-परेशानी बढ़ने पर लक्षण दिखने शुरू होते हैं.

-भूख कम लगने लगेगी.
-पेट के दाईं तरफ़ दर्द शुरू हो जाता है.
-असहज महसूस करते हैं.
-जैसे-जैसे दिक्कत बढ़ेगी आंखों में पीलापन आने लगेगा.
-पेशाब पीला होने लगेगा.
-पैरों में सूजन.
-उल्टी आना.
-काम करने का मन नहीं करता. डायग्नोसिस -सबसे पहले होता है ब्लड टेस्ट.
-ब्लड टेस्ट में सीबीसी किया जाता है जिसमें कभी-कभी खून की कमी नज़र आती है.
-प्लेटलेट काउंट लो हो जाता है अगर बीमारी बहुत ज़्यादा होती है.
-अल्ट्रासाउंड से पता चलता है कि लिवर का साइज़ कितना है.
-लिवर की कमज़ोरी से कहीं पेट में पानी तो नहीं जमा हो रहा.
-लिवर में कैंसर तो नहीं हो गया है.

-इस प्रकार से अल्ट्रासाउंड और सीटी स्कैन से लिवर की बीमारियों के बारे में जानने की कोशिश करते हैं.
-आजकल एक नई जांच शुरू हुई है जिसको फाइब्रो स्कैन कहा जाता है.
-इससे पता चल जाता है कि लिवर में कितनी चर्बी है. बचाव -जो कारण हैं उनसे हमें बचाव करना है.
-कोशिश करें कि अपना वज़न न बढ़ने दें.
-अगर ओवरवेट हैं तो वज़न कम करना है.
-तला हुआ खाना छोड़ दें.
-मीठा खाना अवॉयड करें.
-रोज़ कम से कम 45 मिनट तेज़ वॉक करें. हफ़्ते में 5 दिन ऐसा करना है.
-जो भी आपकी डाइट है उसे 20-25 प्रतिशत कम कर दीजिए.
-अगर 4 रोटियां खाते हैं तो 3 रोटियां खाइए.
-3 खाते हैं तो 2 रोटियां खाइए.
-घी, मक्खन का सेवन कंट्रोल में करें.
-टोन्ड दूध पीजिए.
-जंक फ़ूड मत खाइए.

-बर्गर, पिज़्ज़ा, फ्रेंच फ्राइज में बहुत फैट होता है इसलिए इन्हें अवॉयड करिए.
-कोल्ड्रिंक अवॉयड करें.
-पैक्ड जूस अवॉयड करें.
-शराब से दूर रहें.
-लिवर में इन्फेक्शन है तो उसे कंट्रोल करें.
-हेपेटाइटिस बी, सी की दवाइयां अब उपलब्ध हैं.
-हेपेटाइटिस ए से बचाव के लिए साफ़ पानी पीजिए और साफ़ खाना खाइए.
-अगर हेपेटाइटिस ए और बी की वैक्सीन नहीं लगी है तो उसे लगवाइए.
-ये बचाव बेहद ज़रूरी है. अगर आप बचाव नहीं करेंगे तो आने वाले समय में लिवर काफ़ी डैमेज हो जाता है.
-ऐसे में लिवर सिरोसिस हो जाता है, जिसके कारण पीलिया, बेहोशी की हालत हो जाती है.
-पेट में पानी, खून की उल्टी भी होती हैं.
-लिवर कैंसर भी हो सकता है.
-इलाज के लिए लिवर ट्रांसप्लांट करना पड़ता है.
-इससे पहले उस स्टेज तक पहुंचे, अपना बचाव करें.
बढ़े हुए लिवर के साथ दिक्कत ये है कि शुरुआत में इसके लक्षण दिखते नहीं हैं. अल्ट्रासाउंड या ब्लड टेस्ट में ही ये साफ़ होता है कि लिवर का साइज़ बढ़ गया गया और कितना बढ़ा है. जब लिवर में ज़्यादा सूजन आ जाती है, तब जाकर लक्षण दिखने शुरू होते हैं. तब तक पेशेंट की कंडीशन थोड़ी बिगड़ चुकी होती है. अब ऐसे में क्या किया जाए. जैसे डॉक्टर साहब ने बताया. बचाव से सबसे बेहतर इलाज है. इसलिए अपनी डाइट का ख़ास ख्याल रखें. एक्सरसाइज करेंगे. और शराब से जितना हो सके, दूरी बना लें. फ़ायदे में रहेंगे.