The Lallantop

अगर मैं कॉन्टैक्ट लेंस पहनकर सो जाऊं तो क्या होगा?

डॉक्टर ने बताया कि कॉन्टैक्ट लेंस लगाने वालों की आंखें लाल और ड्राई क्यों हो जाती हैं?

post-main-image
कॉन्टैक्ट लेंस का सही से इस्तेमाल ना करने पर जा सकती है आंखों की रोशनी
सालों तक चश्मा लगाने के बाद जब मैंने पहली बार contact lenses लगाए थे तो मुझे ऐसा लग रहा था जैसे मेरी आंखों से कितना बड़ा भार उतर गया हो. मेरे लिए कई चीज़ें आसान हो गईं जैसे ट्रेवल करना या एक्सरसाइज़ करना, जो ग्लासेज लगाकर करना थोड़ा मुश्किल हो जाता था. कोरोना के इस दौर में भी जब मास्क के साथ चश्मा पहनना मुश्किल लगता है तो कॉन्टैक्ट लेंस झट से आपकी परेशानी हल कर देते हैं.
आजकल कॉन्टैक्ट लेंस का इस्तेमाल तेजी से बढ़ रहा है. चाहे वो चश्मे से बचने के लिए हो या कलरफुल लेन्सेस लगाकर आंखों का रंग चेंज करने के लिए. लेकिन अगर आप इनका सही तरीके से इस्तेमाल नहीं करते हैं तो ये आपकी आंखों को नुकसान पहुंचा सकते हैं और कई बार इससे आपकी आंखों की रोशनी भी जा सकती है. तो अब सही तरीका कैसे पता चलेगा?
कॉन्टैक्ट लेंस लगाने का सही तरीका हमें बताया डॉ पार्थो बख्शी ने. साथ ही उन्होंने दिए हमारे कुछ सवालों के जवाब.
Dr Partho
डॉ. पार्थो बख्शी
ऑप्थल्मोलॉजिस्ट, अपोलो स्पेक्ट्रा, मुंबई
कॉन्टैक्ट लेंस कितने घंटे लगाना चाहिए आप 6 से 8 घंटों तक कॉन्टैक्ट लेंस लगा सकते हैं. लेकिन जब आपने कॉन्टैक्ट लेंस लगाये हुए हैं तो गंदे हाथों से उन्हें न छुएं और आंखों को जोर से न रगड़ें.   कॉन्टैक्ट लेंस कितने तरह के होते हैं? बाज़ार में अलग-अलग तरीके के कॉन्टैक्ट लेन्सेस मौजूद हैं जैसे सॉफ्ट कॉन्टैक्ट लेंस, सिलिकॉन हाइड्रोजेल लेंस, हाइब्रिड कॉन्टैक्ट लेंस और MMA लेंस. इसके अलावा अलग-अलग डिस्पोज़ेबल टाइम के साथ भी कॉन्टैक्ट लेंस बाज़ार में मिलते हैं. डेली डिस्पोज़ेबल लेंस को आप एक बार इस्तेमाल के बाद बदल दें. इसके अलावा एक महीने, छह महीने और साल भर वाले कॉन्टैक्ट लेंस भी मार्केट में आपको मिल जायेंगे. अपने मन से कोई भी कॉन्टैक्ट लेंस न चुनें. डॉ की सलाह लेकर ही अपने लिए लेन्सेस का चयन करें. डॉ बख्शी ने बताया कि डेली डिस्पोज़ेबल लेन्सेस का इस्तेमाल करना ज्यादा बेहतर होता है और इस से किसी तरह के इन्फेक्शन का खतरा भी कम होता है .
Contact lenses
कॉन्टैक्ट लेंस लगाते समय की गई गलतियां पड़ सकती हैं भारी
कांटेक्ट लेंस लगाते समय क्या सावधानियां बरतें? # कॉन्टैक्ट लेंस लगाते समय अपने हाथों को अच्छे से साफ़ कर लें.
# कॉन्टैक्ट लेंस का सॉल्यूशन रोज़ चेंज करें. ऐसा न करने से इंफेक्शन होने का खतरा बढ़ सकता है.
# जितना हो सके कॉस्मेटिक कॉन्टैक्ट लेन्सेस का इस्तेमाल करने से बचें क्या कॉन्टैक्ट लेंस पहनने से साइनस हो सकता है कॉन्टैक्ट लेंस का साइनस के साथ कोई कनेक्शन नहीं है और न ही ये सर्दी, ज़ुकाम को बढ़ाता है.  क्या कॉन्टैक्ट लेंस लगाने पर आपकी आंखें लाल और ड्राई हो जाती हैं कई लोगों की ये शिकायत होती है कि कॉन्टैक्ट लेंस लगाने पर उनकी आंखें लाल और ड्राई हो जाती हैं. ऐसा इसलिए होता है क्योंकि आंखों को हवा के ज़रिये ऑक्सीजन सप्लाई मिलती है जो कॉन्टेक्ट लेंस लगाने के बाद रुक जाती है. जिसकी वजह से आंखों में ड्राइनेस और रेडनेस शुरू होती है. इसलिए अपने मन से कोई भी कॉन्टेक्ट लेंस न खरीदें. डॉक्टर को दिखाने के बाद ही कॉन्टैक्ट लेंस खरीदें और साल में एक बार आंखों का चेकअप ज़रूर करवाएं. कॉन्टेक्ट लेंस लगाने के बाद अगर आंख में इरिटेशन या रेडनेस हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें क्या कॉन्टैक्ट लेंस के साइड इफ़ेक्ट होते हैं? कॉन्टैक्ट लेंस लगाने के कोई साइड इफेक्ट्स नहीं होते हैं लेकिन हां इसका गलत तरीके से इस्तेमाल करने से आंखों की तकलीफें शुरू हो सकती हैं. कभी भी कॉन्टैक्ट लेंस लगाकर न सोएं, ये आंखों के लिए खतरनाक होता है. इससे इंफेक्शन का रिस्क कई गुना बढ़ जाता है.