(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)
डायबिटीज से पुरुषों के स्पर्म पर क्या असर पड़ता है?
ये साबित हुआ है कि डायबिटीज से पुरुषों और महिलाओं की फर्टिलिटी पर असर पड़ता है

राकेश 32 साल के हैं. दिल्ली के रहने वाले हैं. उन्हें टाइप 1 डायबिटीज है. उन्हें काफ़ी कम उम्र में डायबिटीज हो गया था. तब से वो इंसुलिन का इस्तेमाल कर रहे हैं. राकेश पिछले 3 सालों से बच्चा प्लान कर रहे हैं. पर वो सफ़ल नहीं हो पा रहे. उन्होंने कई डॉक्टर्स को दिखाया है. उनके कई टेस्ट हुए हैं. जांच हुई है. पता चला कि डायबिटीज के कारण राकेश को फर्टिलिटी इश्यूज हो रहे हैं. यानी बच्चा करने में दिक्कत आ रही है. डायबिटीज की वजह से उनके हॉर्मोन्स में संतुलन नहीं बैठ रहा है, जिसकी वजह से उनके शुक्राणुओं पर असर पड़ रहा है. राकेश चाहते हैं हम अपने शो पर इस मुद्दे के बारे में बात करें.
डायबिटीज शरीर के कई सारे अंगों को नुकसान पहुंचाता है, ये तो हमें पता है. पर डायबिटीज से फर्टिलिटी पर भी असर पड़ता है, इसकी जानकारी कम ही लोगों को है. तो जो लोग डायबिटिक हैं और उन्हें बच्चा नहीं हो रहा है, उन्हें इस डायरेक्शन में भी सोचना चाहिए. तो सबसे पहले ये जान लेते हैं कि डायबिटीज पुरुषों की फर्टिलिटी पर किस तरह असर करती है.
क्या डायबिटीज का पुरुषों की फर्टिलिटी पर असर पड़ता है?
ये हमें बताया डॉक्टर अनुराग कुमार ने.

-डायबिटीज एक बहुत ही आम समस्या है
-ये एक मेटाबॉलिक डिसऑर्डर है
-जिसमें इंसुलिन नाम के हॉर्मोन की कमी हो जाती है
-इसके कारण शरीर में ब्लड शुगर की मात्रा बहुत ज़्यादा हो जाती है
-शुगर की बढ़ी हुई मात्रा शरीर के अंगों को खराब करने लगती है
-डायबिटीज में शरीर के किसी भी अंग पर असर पड़ सकता है
-वो खराब हो सकता है
-पिछले कुछ सालों में ये साबित हुआ है कि डायबिटीज से पुरुषों और महिलाओं की फर्टिलिटी पर असर पड़ता है
किस तरह का असर पड़ता है?
-पुरुषों में सेक्स करने की इक्छा में कमी आ जाती है
-इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो जाता है
-इनफर्टिलिटी हो जाती है
-सेक्स करने की इक्छा में कमी और इरेक्टाइल डिसफंक्शन इनफर्टिलिटी का कारण बन सकते हैं
-डायबिटीज में इनफर्टिलिटी होने के कुछ कारण होते हैं
-कोशिकाओं में बदलाव देखने को मिलता है
-जिसकी वजह से इनफर्टिलिटी होती है
डायबिटीज फर्टिलिटी को क्यों नुकसान पहुंचाती है?
-जब इंसुलिन हॉर्मोन की कमी होती है
-तो इसकी वजह से शरीर में बाकी हॉर्मोन जो शुक्राणु बनाने में मदद करते हैं, उनमें असंतुलन आ जाता है
-ब्रेन से निकलने वाले दो हॉर्मोन – FSH और LH – में कमी आ जाती है
-टेस्टिस से निकलने वाले टेस्टोस्टेरॉन हॉर्मोन में कमी आ जाती है
-जिसकी वजह से सारे हॉर्मोन का संतुलन बिगड़ जाता है

-स्पर्म बनने की प्रक्रिया खराब हो जाती है
-स्वस्थ स्पर्म नहीं बन पाते हैं
-जिसकी वजह से इनफर्टिलिटी हो सकती है
-शरीर में अत्यधिक मात्रा में जो शुगर मौजूद होती है
-उसकी वजह से कोशिकाओं पर असर पड़ने लगता है
-कुछ ऐसे प्रोडक्ट्स बनने लगते हैं
-जिन्हें अडवांस्ड ग्लाइकोसिलेटेड एंड प्रोडक्ट्स कहते हैं
-ये कोशिकाओं पर बहुत ही खराब असर डालते हैं
-शुक्राणुओं को नुकसान पहुंचाते हैं
-रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज़ नाम के मॉलिक्यूल बनते हैं
-जो कोशिकाओं को तबाह कर देते हैं
-शुक्राणुओं पर विपरीत असर डालते हैं
-उनका DNA खराब हो सकता है
-सेमिनीफेरस नलिकाओं की लाइनिंग खराब हो जाती है
-कुल मिलाकर जो शुक्राणु बनने की प्रक्रिया है और उनके मच्योर होने की प्रक्रिया है
-उन पर विपरीत असर पड़ता है
-इससे इनफर्टिलिटी हो सकती है
-शरीर की नसों पर भी विपरीत असर पड़ता है
-जिसकी वजह से न्यूरोपैथी हो जाती है
-इस न्यूरोपैथी के कारण पुरुषों का सेक्शुअल रिस्पांस कम हो जाता है
-उनमें इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो सकता है
-इरेक्टाइल डिसफंक्शन होने की वजह से पुरुषों को इनफर्टिलिटी हो सकती है
लक्षण
-जिन लोगों को डायबिटीज है उनके सेक्स्शुअल रिस्पांस में कमी आना
-इरेक्टाइल डिसफंक्शन होना
-अगर किसी जोड़े को डायबिटीज है और वो प्रेग्नेंसी प्लान कर रहे हैं
-1 साल से ज़्यादा हो गया पर बच्चा नहीं हो पा रहा
-तो ये डायबिटीज से इनफर्टिलिटी होने के लक्षण हैं
-इसके लिए आपको डॉक्टर से ज़रूर मिलना चाहिए

इलाज
-डायबिटीज में शुगर का कंट्रोल सबसे ज़रूरी है
-अगर किसी को बहुत कम उम्र में डायबिटीज हो गई है
-या वो इंसान इंसुलिन डिपेंडेंट डायबिटिक हो
-यानी टाइप 1 डायबिटीज है
– तो ऐसे में इंसुलिन नियमित तौर पर लेना चाहिए
-शुगर पर पूरा कंट्रोल रखना चाहिए
-ताकि टिश्यू लेवल पर डैमेज रुक सके
-अगर टाइप 2 डायबिटीज है, यानी लेट उम्र में डायबिटीज हुई है
-वो अपनी दवाइयां खा रहे हैं
-उनको नियमित रूप से दवाइयां लेनी चाहिए
-अगर गोलियों से शुगर कंट्रोल में नहीं आती
-ऐसे में इंसुलिन लेने की ज़रुरत पड़ सकती है
-कुल मिलाकर शुगर का कंट्रोल बहुत ज़रूरी है
-इसके अलावा दिनचर्या में बदलाव लाना चाहिए
-डाइट पर कंट्रोल करें
-वज़न को कम करें
-स्वस्थ जीवन रखना चाहिए
-नियमित रूप से एक्सरसाइज करनी चाहिए
-इन सभी चीज़ों से डायबिटीज पर कंट्रोल हो सकेगा
-इनफर्टिलिटी से बचाव हो सकता है
-आजकल एंटी-ऑक्सीडेंट दवाइयों का इस्तेमाल किया जा रहा है
-आपके शरीर में डायबिटीज की वजह से जो रिएक्टिव ऑक्सीजन स्पीशीज़ बन रही हैं
-ये दवाइयां उनको काउंटर करती हैं
-काफ़ी हद तक इनका असर देखा जा रहा है

-लेकिन इन्हें डॉक्टर की सलाह पर ही लें
-अगर किसी को इरेक्टाइल डिसफंक्शन हो रहा है
-तो उसे PDE5 इन्हिबिटर दिए जा सकते हैं
-ताकि इरेक्टाइल डिसफंक्शन को ठीक किया जा सके
-कुछ लोगों में इनफर्टिलिटी के सारे उपाय फ़ेल हो जाते हैं
-उनमें आर्टिफीशियल रिप्रोडक्टिव तकनीक का इस्तेमाल करना पड़ता है
-स्पर्म को टेस्टिस से निकालकर आर्टिफीशियल रिप्रोडक्टिव तकनीक के जरिए बच्चा पैदा किया जा सकता है
डायबिटीज पुरुषों की फर्टिलिटी को कैसे नुकसान पहुंचाती है, ये तो आपको समझ में आ ही गया होगा. इसलिए ज़रूरी है कि डायबिटीज को कंट्रोल में रखा जाए. डॉक्टर साहब ने जो सलाह दी है, उसे ज़रूर अपनाएं. मदद मिलेगी.
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