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'लड़की जैसे बॉयफ्रेंड बदलती है...' नीतीश पर बोलते हुए घटिया बोल गए कैलाश विजयवर्गीय!

ये सुनकर लगता है कि कैलाश विजयवर्गीय ने प्रधानमंत्री का 15 अगस्त का भाषण या तो नहीं सुना, या इग्नोर कर दिया.

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सोशल मीडिया पर कैलाश विजयवर्गीय के बयान की आलोचना हो रही है.

कैलाश विजयवर्गीय. भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव. एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) ने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर एक विवादास्पद टिप्पणी की. कहा कि जिस तरह अमेरिका में लड़कियां अपने बॉयफ्रेंड बदलती हैं, वही स्थिति मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की है.

बोल कर बुरे फंसे भाजपा नेता

हाल ही में बिहार में सत्ता परिवर्तन हुआ है. मुख्यमंत्री तो नीतीश कुमार ही हैं, लेकिन गठबंधन बदल गया है. भाजपा की जगह अब RJD नीतीश कुमार के साथ मिलकर सत्ता चला रही है. नीतीश के इस क़दम पर ख़ूब प्रतिक्रियाएं आईं. इसी मसले पर कटाक्ष करते हुए इंदौर में एक प्रेस-कॉन्फ़्रेंस के दौरान भाजपा नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा,

"मैं विदेश यात्रा कर रहा था. जिस दिन बिहार में सरकार बदली, मैं विदेश में ही था. तो वहां किसी ने बड़ी अच्छी बात कही. कहा कि ये तो हमारे यहां होता है कि महिलाएं कभी भी अपना बॉयफ्रेंड बदल लेती हैं. बिहार के सीएम भी ऐसे ही हैं. किसका हाथ पकड़ लें, किसका छोड़ दें, कुछ नहीं पता."

प्रेस कॉन्फ़्रेंस में तो कैलाश विजयवर्गीय इस टिप्पणी के बाद ठहाके लगाकर हंसे. आस-पास के लोग भी हंसे, लेकिन इस बयान को लेकर उनकी आलोचना हो रही है. सोशल मीडिया पर तमाम जगह लोग लिख रहे हैं कि ये कथन महिला-विरोधी है और भाजपा नेता को महिलाओं के चयन पर सवाल उठाने और उनका जनरलाइज़ेशन करने की कोई ज़रूरत नहीं थी.

कांग्रेस ने भी कैलाश विजयवर्गीय के इस बयान पर निशाना साधा है. कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा,

"बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव द्वारा नारी सम्मान का नया नमूना पेश किया गया."

कैलाश विजयवर्गीय का ये बयान आया है 18 अगस्त को. और, 15 अगस्त को आज़ादी की 75वीं सालगिरह पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लाल क़िले की प्राचीर से राष्ट्र को संबोधित करते हुए देशवासियों से अपील की थी कि महिलाओं का अनादर बंद करने का संकल्प लें. PM मोदी ने कहा था,

"किसी न किसी कारण से, हमारे अंदर एक ऐसी विकृति आई है. हमारे बोलचाल में, हमारे व्यवहार में, हमारे कुछ शब्दों में हम नारी का अपमान करते हैं. क्या हम स्वभाव से, संस्कार से रोज़मर्रा की ज़िंदगी में नारी को अपमानित करने वाली हर बात से मुक्ति का संकल्प ले सकते हैं?"

इस टिप्पणी को सुनकर लगता है कि कैलाश विजयवर्गीय ने प्रधानमंत्री का भाषण या तो नहीं सुना, या इग्नोर कर दिया. ये भी हो सकता है कि उन्हें लगा हो कि प्रधानमंत्री केवल भारत की महिलाओं का सम्मान करने की बात कर रहे हैं. अमेरिका की नहीं. मज़ाक साइड में रख दें, तो इस तरह की बात इतनी बेबाकी से कह देना बताता है कि बीजेपी के राष्ट्रीय महासचिव महिलाओं के प्रति कैसी सोच रखते हैं. इससे पहले भी कैलाश विजयवर्गीय महिला विरोधी, अमर्यादित टिप्पणी कर चुके हैं. 2019 के लोकसभा चुनाव से पहले उन्होंने कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी पर भद्दी टिप्पणी की थी. कहा था कि कांग्रेस चॉकलेटी चेहरों पर चुनाव लड़ना चाहती है, इसलिए प्रियंका को महासचिव बनाया गया है. हालांकि, बाद में उन्होंने इस पर सफाई भी दी थी उनकी मंशा प्रियंका गांधी या किसी महिला के अपमान की नहीं थी.

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