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लड़कियों ने सरकार से मांगा सैनिटरी पैड, तो IAS बोली- "कॉन्डम भी दें क्या?"

IAS ने कहा- "तुम पैसे के लिए सरकार को वोट देती हो? बन जाओ पाकिस्तान."

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हरजोत कौर महिला पैनल की प्रमुख बनकर गई थीं (फोटो - सोशल मीडिया)

बिहार (Bihar) में एक कार्यक्रम के दौरान एक छात्रा ने पूछा कि क्या सरकार उन्हें 20-30 रुपये का सैनिटरी पैड नहीं दे सकती? कार्यक्रम में मौजूद थीं बिहार की IAS अफ़सर हरजोत कौर. छात्रा के सवाल पर IAS ने कहा कि आज आप सैनिटरी पैड मांग रही हैं, कल आप कहेंगी कि कॉन्डम भी दो.

इस पूरे वाकये का एक वीडियो आया है. वीडियो में दिख रहा है कि मंच पर बहस चल रही है. एक तरफ़ छात्राएं हैं और दूसरी तरफ़ गणमान्य अतिथि/अधिकारी. क़रीब ढाई मिनट की इस वीडियो की शुरुआत में एक छात्रा कह रही है, "..सरकार है.. हम ख़ुद दूसरे पर निर्भर रहते हैं."

इस पर हरजोत कौर ने कहा, “तुम किस चीज़ के लिए दूसरे पर निर्भर हो? बताओ.”

छात्रा कहती है, "मतलब कुछ भी करना होता है, तो पापा से पैसे मांगो. 'पापा, ये करना है, पैसे दे दो. वो करना है, पैसे दे दो.'

अफ़सर ने कहा, "तो वो तो सभी बच्चे होते हैं. जब तक वो कमाने ना लगें, वो मां बाप पर ही निर्भर होते हैं. लेकिन, उसमें भी कई ऐसे बच्चे हैं जो समझ लेते हैं कि पिताजी की आय कम है, तो बार-बार बोलने से अच्छा है कि हम भी कुछ जुगाड़ लगाएं. ख़ुद के सपने पूरे कर लें और किसी पर निर्भर न हों.

अगर तुमने आज निर्भरता की बैसाखी पकड़ ली, तो जिंदगी भर पकड़े रहोगी."

इसके बाद पटना की रिया कुमारी ने पूछा कि जैसे सरकार हर चीज के लिए भत्ता या पैसे देती है, जैसे पोशाक या छात्रवृत्ति, वैसे ही 20-30 रुपये का विस्पर (सैनिटरी पैड) क्यों नहीं दे सकती?

इस बात पर ताली बजी. तालियों को टोकते हुए IAS हरजोत ने कहा,

"अच्छा, ये जो तालिया भी बजा रहे हैं, वो बताएं इस मांग का कोई अंत है? 20-30 रुपये का विस्पर भी दे सकते हैं. कल को जींस-पैंट भी दे सकते हैं. परसों को सुंदर जूते क्यों नहीं दे सकते हैं? और, अंत में जो परिवार नियोजन की बात आएगी, तो निरोध भी मुफ़्त में ही देना पड़ेगा. सब कुछ मुफ़्त में लेने की आदत क्यों है?"

छात्रा ने कहा, "मगर सरकार को ये सब देना चाहिए."

IAS हरजोत ने कहा, "तुमको सरकार से लेना क्यों है? अपने आप को इतना संपन्न करो. सरकार को उनके लिए थोड़ा जिनके पास बिल्कुल भी नहीं है."

छात्रा ने इस पर कहा कि बात केवल इसकी नहीं है. बात उनकी भी है जिनकी उमर नहीं है. बात आने वाली पीढ़ी की है. अफ़सर ने कहा,

"इसके लिए सरकार की बहुत सारी योजनाएं हैं, लेकिन ये जो सोच है न कि सरकार हमें ₹20-₹30 नहीं दे सकती, ये सोच ग़लत है."

इस पर छात्रा ने अपने मताधिकार का सवाल सामने रखा. कहा कि जब वोट लेने आती है, तब तो सरकार बहुत वादे करती है. IAS अफ़सर ने सिरे से ये बात नकार दी. कहा,

“तो मत दिया करो तुम वोट. बेवकूफी की इंतहा है. तुम मत दो वोट. बन जाओ पाकिस्तान. तुम पैसे के लिए सरकार को वोट देती हो?”

IAS हरजोत कौर बिहार महिला विकास निगम की प्रबंध निदेशक है. और कुछ नहीं कहेंगे!

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