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खाना बनाने के लिए सबसे हेल्दी तेल कौन सा है?

आजकल सबसे पॉपुलर तेल है ऑलिव ऑयल या जैतून का तेल.

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दिनभर के तेल का इस्तेमाल 5 छोटे चम्मच से ज़्यादा नहीं होना चाहिए
(यहां बताई गई बातें, इलाज के तरीके और खुराक की जो सलाह दी जाती है, वो विशेषज्ञों के अनुभव पर आधारित है. किसी भी सलाह को अमल में लाने से पहले अपने डॉक्टर से ज़रूर पूछें. दी लल्लनटॉप आपको अपने आप दवाइयां लेने की सलाह नहीं देता.)

राधिका 27 साल की हैं. जयपुर में रहती हैं. पिछले कुछ महीनों से वज़न घटाने की कोशिश कर रही हैं. इसके लिए वो आए दिन कोई न कोई नई डाइट फॉलो करती हैं. उनका एकमात्र मकसद खाने में फैट से बचना है. अब इस चक्कर में वो अपने खाने में तेल का इस्तेमाल नहीं करतीं. यानी तेल से बनी चीज़ें नहीं खातीं. अपनी इन डाइट्स की वजह से उन्हें हर समय बहुत थकान और कमज़ोरी रहती है. अब जो राधिका कर रही हैं वो बहुत ही आम गलती है. कई लोग वेट लूज़ करने के चक्कर में तेल खाने से बचते हैं. पर क्या ऐसा करना सही है? यही है राधिका का सवाल. वो जानना चाहती हैं कि खाने में तेल इस्तेमाल करना क्या सेहत के लिए ज़रूरी है. अगर हां तो कौन से तेल सेहत के लिए ठीक हैं और कौन से नहीं.
यही सारे सवाल हमने पूछे एक्सपर्ट्स से. तो सबसे पहले तो ये जान लीजिए कि खाने में तेल का इस्तेमाल करना क्यों ज़रूरी है?

खाने में कुकिंग ऑयल होना आपकी सेहत के लिए क्यों ज़रूरी है?

ये हमें बताया डॉक्टर रेखा गुप्ता ने.
रेखा गुप्ता, डायटीशियन, रेखा गुप्ता क्लिनिक, वाराणसी
रेखा गुप्ता, डायटीशियन, रेखा गुप्ता क्लिनिक, वाराणसी


-वसा, फैट या तेल हमारे शरीर के लिए बेहद ज़रूरी है
-इनको आहार के जरिए पाना भी उतना ही ज़रूरी है
-वसा शरीर को अच्छी एनर्जी देता है
-1 ग्राम फैट 9 कैलोरी की एनर्जी देता है
-वसा शरीर को गर्म रखने में मदद करता है
-कई कोशिकाओं को बनाने में मदद करता है
-कई हॉर्मोन्स भी इससे बनते हैं
-इसके अलावा कई ऐसे विटामिंस हैं, जैसे विटामिन ए, डी, ई, के, ये फैट में अब्सॉर्ब होते हैं
-अगर हमारे शरीर में वसा नहीं होता है तो इन विटामिंस का अवशोषण नहीं होता और शरीर में इनकी कमी हो जाती है
-शरीर के कई ऐसे अंग हैं जिनको वसा बचाकर रखता है, जैसे गुर्दे, फेफड़ें को भी वसा की ज़रुरत होती है
-अगर हमारे शरीर में वसा की पर्याप्त मात्रा होती है तो प्रोटीन अपना काम अच्छे से कर पाता है
-वरना प्रोटीन को और काम करने पड़ते हैं और वो बॉडी बिल्डिंग का काम नहीं कर पाता है
-इसलिए ये ज़रूरी है कि हम अपने आहार में वसा का इस्तेमाल ज़रूर करें
-लेकिन कितना करें, कौन सा करें, कैसे करें, इसकी जानकारी होना ज़रूरी है
Global Cooking Oil Market Size & Share | Analysis Forecast - 2026 अगर हमारे शरीर में वसा नहीं होता है तो इन विटामिंस का अवशोषण नहीं होता और शरीर में इनकी कमी हो जाती है

कौन से कुकिंग ऑयल सेहत के लिए ठीक नहीं हैं?

-तेल, वसा या फैट दो प्रकार के होते हैं
-पहला सैचुरेटेड फैट और दूसरा अनसैचुरेटेड फैट
-सैचुरेटेड फैट कमरे के तापमान में ठोस रूप में रहता है
-सैचुरेटेड फैट जानवरों और पौधों, दोनों से मिलता है
-लेकिन जानवरों से ज्यादा मिलता है, जैसे- मक्खन, घी, किसी भी तरह का फैट जिसमें वसा हो
-जैसे बकरे का मीट, रेड मीट, चीज़
-सैचुरेटेड फैट पौधों से भी मिलता है, जैसे- पाम ऑयल, कोकोनट ऑयल
-ट्रांस फैटी एसिड्स बेकरी प्रोडक्ट्स से मिलते हैं
-ट्रांस फैटी एसिड्स वेजिटेबल ऑयल को प्रोसेस करके बनाए जाते हैं
-जिसके कारण वो सॉलिड बन जाते हैं
-जल्दी खराब नहीं होते
-इसमें आते हैं मार्जरीन, वनस्पति तेल जो सेहत के लिए हानिकारक होते हैं
-इनसे कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है
-LDL यानी बैड कोलेस्ट्रॉल बढ़ता है
-इनकी वजह से दिल की बीमारी और बाकी बीमारियां हो सकती हैं
-जहां तक हो सके सैचुरेटेड फैट और ट्रांस फैटी एसिड्स का इस्तेमाल न करें
14 Types of Cooking Oil and How to Use Them | Eat This Not That ऑलिव ऑयल या जैतून के तेल के साथ जो दिक्कत इंडियन खाने के साथ होती है वो है इसका बॉइलिंग पॉइंट

कौन से तेल इस्तेमाल करने चाहिए?

-आजकल सबसे पॉपुलर तेल है ऑलिव ऑयल या जैतून का तेल
-ये बहुत अच्छा तेल है, इसमें एंटी कैंसर, एंटी इन्फ्लामेट्री, एंटी बैक्टीरियल प्रॉपर्टी हैं
-लेकिन ऑलिव ऑयल या जैतून के तेल के साथ जो दिक्कत इंडियन खाने के साथ होती है वो इसका बॉइलिंग पॉइंट है
-ये सलाद में और सब्जियों को हल्का टॉस करने के लिए ठीक हैं
-लेकिन अगर छौंक करके सब्जियों को बनाना चाहते हैं तो दिक्कत है
-इसके बॉइलिंग पॉइंट की वजह से यानी ज़्यादा तापमान पर जाने से ये टूट जाता है, खराब हो जाता है
-इसके कारण इस तेल में जो पोषण है, वो खत्म हो जाता है
-इसका जो फ़ायदा मिलना चाहिए वो नहीं मिल पाता
-ऑलिव ऑयल या जैतून का तेल इस्तेमाल ज़रूर करें, पर इसको ज़्यादा गर्म नहीं कर सकते
-दूसरा तेल जो हमारे लिए अच्छा है और नॉर्थ इंडियन खाने को बनाने के लिए ठीक है वो है सरसों का तेल
-इसमें ओमेगा 3 और ओमेगा 6 का रेश्यो बहुत अच्छा है
-ये बहुत ज़्यादा रिफाइंड ऑयल नहीं होता है, फिल्टर्ड होता है
-इसलिए इसका पोषण हमें मिलता है
8 Best Cooking Oils For A Healthy Life | Femina.in आजकल सबसे पॉपुलर तेल है ऑलिव ऑयल या जैतून का तेल


-सीड्स आयर नट्स के ऑयल भी इस्तेमाल कर सकते हैं, इनमें मूंगफली का तेल, सोयाबीन का तेल और सनफ्लावर का तेल आता है
-ये तेल अच्छे हैं, लेकिन इनके साथ एक प्रॉब्लम है
-इन तेलों को बहुत ज़्यादा रिफाइन कर दिया जाता है
-ज़्यादा रिफाइन करने से इनका पोषण खत्म हो जाता है
-तेल लेते समय ये ज़रूर देखें कि उसके लेबल पर फिल्टर्ड लिखा हो, रिफाइंड नहीं
-या इनका रिफाइन करने का प्रतिशत कम होना चाहिए
-ज़्यादा रिफाइंड ऑयल सेहत के लिए हानिकारक हो सकता है
-तिल का तेल बहुत फ़ायदेमंद होता है
-इसमें कैल्शियम अच्छी मात्रा में होता है
-बादाम का तेल भी अच्छा है, पर ज़्यादातर लोग इसको मालिश के लिए इस्तेमाल करते हैं

कितना तेल इस्तेमाल करना चाहिए?

-दिनभर के तेल का इस्तेमाल 5 छोटे चम्मच से ज़्यादा नहीं होना चाहिए
-यानी 25 मिलीलीटर से ज़्यादा तेल दिनभर में इस्तेमाल न करें
-एक चम्मच तेल, परिवार के एक इंसान के लिए दिन के एक बार के खाने में इस्तेमाल होना चाहिए
-इन तेलों को कुछ-कुछ समय बाद बदलते रहें
-अगर, एक महीना सोयाबीन का तेल इस्तेमाल किया तो अगले महीने कोई और करें
-या सूखी सब्ज़ी सरसों के तेल में बना ली, गीली सब्ज़ी किसी फिल्टर्ड ऑयल में बना लें
-घी दाल में डाल लिया या रोटी पर लगा लिया
-ऐसे में हर तरह के तेल का फ़ायदा मिल जाता है
Presenting 5 cooking oils that much healthier than olive oil for Indian foods दिनभर के तेल का इस्तेमाल 5 छोटे चम्मच से ज़्यादा नहीं होना चाहिए


अगर आप भी उन लोगों में से एक हैं, जो खाने में तेल इस्तेमाल करने से बचते हैं, तो उन्हें अपनी गलती का एहसास हो गया होगा. तेल नहीं इस्तेमाल करने के बजाय, वो तेल इस्तेमाल करिए, जिनसे आपकी सेहत को नुकसान नहीं पहुंचता. इसलिए अगली बार जब तेल ख़रीदने जाएं तो वो किन चीज़ों से बना है और कैसे बना है, डब्बा पलटकर ज़रूर पढ़ लें. डायटीशियन रेखा गुप्ता ने जो टिप्स दी हैं, उनको याद रखें.