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डॉक्टर, एक्टिविस्ट.. साइरस मिस्त्री की गाड़ी चला रहीं अनाहिता पंडोले कौन हैं?

पिछले हफ्ते ही उन्होंने बीएमसी को लेटर लिखकर कहा था ये सुधार कर लो!

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55 साल की अनाहिता पंडोले मुंबई की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट हैं

साइरस मिस्त्री (Cyrus Mistry) की एक सड़क दुर्घटना में मौत हो गई. 4 सितंबर को महाराष्ट्र के पालघर में उनकी कार हादसे का शिकार हुई. मर्सिडीज़ कार में उनके अलावा 3 और लोग थे. जहांगीर पंडोले, अनाहिता पंडोले (Anahita Pandole) और उनके पति डेरियस पंडोले (Darius Pandole).

हादसे के वक्त गाड़ी अनाहिता चला रही थीं. आगे की सीट पर उनके पति डेरियस थे और पीछे की सीट पर सायरस और जहांगीर बैठे थे. पीछे बैठे दोनों लोगों की मौके पर ही मौत हो गई वहीं अनाहिता और डेरियस गंभीर रूप से घायल हुए जिन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. दोनों की ही हालत गंभीर बताई जा रही है.

कौन हैं अनाहिता पंडोले?

55 साल की अनाहिता पंडोले मुंबई की जानी मानी गायनेकोलॉजिस्ट हैं. वे मशहूर बीच कैंडी हॉस्पिटल में प्रैक्टिस करती हैं. इसके अलावा उन्हें पारसी समुदाय के लिए सक्रिय रहने वाली महिला के रूप में भी जाना जाता है.

अनाहिता पंडोले. तस्वीर - सोशल मीडिया  

-1990 में अनाहिता ने मुंबई के टोपीवाला नेशनल मेडिकल कॉलेज एंड बीवाईएल नायर चैरिटेबल हॉस्पिटल से MBBS किया.

-1994 में इसी कॉलेज से गाइनोकॉलोजी की पढ़ाई पूरी की.

- 2004 में अनाहिता ने बॉम्बे पारसी पंचायत के साथ मिलकर ‘द बॉम्बे पारसी पंचायत फर्टिलिटी प्रोजेक्ट’ (The Bombay Parsi Panchyet Fertility Project) शुरू किया.

पारसी समुदाय के लिए समर्पित अनाहिता पंडोले

अनाहिता ने पारसी पंचायत प्रोजेक्ट के जरिए समुदाय के लोगों को किफायती इलाज उपलब्ध करवाया. पारसी समुदाय के लिए किए गए उनके काम को देशभर में सराहा गया..

जियो पारसी योजना के एक ईवेंट की तस्वीर. 

एक समय पर पारसी समुदाय की आबादी तेज़ी से घट रही थी. पारसियों की संख्या कुल जनसंख्या के एक प्रतिशत से भी कम हो गई थी. तब सरकार ने जियो पारसी योजना शुरू की. ये योजना पारसियों को फर्टिलिटी ट्रीटमेंट उपलब्ध कराती थी. इस योजना से अनाहिता पंडोले जुड़ीं. इस स्कीम के तहत छपने वाली एक तिमाही रिपोर्ट के मुताबिक, 2022 में जनवरी से मार्च के बीच अनाहिता ने 18 दंपतियों का इलाज किया. फर्टिलिटी ट्रीटमेंट के अलावा अनाहिता शादी और गर्भधारण को लेकर पारसी युवाओं की काउंसिलिंग भी करती हैं. 

अनाहिता ने अल्पसंखयक मंत्रालय को देशभर में रहने वाले पारसी समुदाय के लोगों का डेटाबेस बनाने में भी मदद की.

एक्सीडेंट को लेकर अनाहिता ने चेताया था

अनाहिता जहां-तहां लगने वाले खंभों और होर्डिंग्स को लेकर लगातार आवाज़ उठा रही थीं. उन्होंने बीएमसी को लेटर लिखकर चेताया था कि फुटपाथ पर बाहर की ओर निकले हुए होर्डिंग्स लगाना बंद होना चाहिए, नहीं तो एक्सीडेंट का खतरा बना रहेगा.उन्होंने इसे लेकर एक जनहित याचिका भी डाली थी.

पंडोले परिवार और सायरस मिस्त्री का रिश्ता

अनाहिता के पति डेरियस पंडोले और सायरस मिस्त्री बचपन के दोस्त थे. दोनों ने कथीड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से साथ पढ़ाई की थी. सायरस और पंडोले परिवार साथ में गुजरात के उदवाड़ा गए थे. वहां एक पारसी समुदाय का तीर्थस्थल है. मिस्त्री परिवार ने पिछले साल ही उस तीर्थस्थल का रंगरोगन करवाया था. सभी साथ में उसी पूजास्थल गए थे.

सायरस और डेरियस के पिता की इसी साल मौत हुई थी. जून 2022 में सायरस के पिता पालोंजी मिस्त्री का निधन हुआ था. वहीं एक हफ्ते पहले डेरियस के पिता दिनशॉ पंडोले की मौत हुई थी.

पंडोले परिवार भी एक अत्यंत संपन्न परिवार है. परिवार के पास ड्यूक नाम की सॉफ्ट ड्रिंक कंपनी का मालिकाना हक हुआ करता था, जिसे परिवार ने लगभग बीस साल पहले बेच दिया था. 

वीडियो: कौन थे सायरस मिस्त्री?