अजमेर शरीफ दरगाह के मंदिर होने का दावा एक किताब के हवाले से किया जा रहा है. इस किताब का नाम है- अजमेर: हिस्टोरिकल एंड डिस्क्रिप्टिव (1910). इस किताब को दीवान बहादुर हरबिलास सारदा ने लिखा है. यह किताब अजमेर शरीफ दरगाह के अंदरूनी कमरे और हिंदू रीति-रिवाजों से इसके कथित संबंध के बारे में और क्या-क्या बताती है? ये जानने के लिए पूरा वीडियो देखिए-