आज हम बात करेंगे उज्जैन की. एक बच्ची के हुए बलात्कार की. वो बच्ची जो सड़कों पर घूमती रही, लेकिन घरों के दरवाजे नहीं खुले. जानेंगे उस एकएक मिनट का हाल, जिस समय हमारे बीच की एक बच्ची को इस हाल से गुजरना पड़ा. पड़ताल करेंगे अपनी मनुष्यता की, अपने मानवीय होने की कि जो हमें एक पीड़ित से उसका हाल पूछने तक से भी रोकता है. फिर चलेंगे कर्नाटक और तमिलनाडु. जहां पानी की लड़ाई ने फिर से सिर उठाया है और राज्य बंद हो चुका है. क्या इसमें राजनीति शामिल है? देखेंगे, सुनेंगे. और फिर मणिपुर. जहां भीड़ अब इतनी बेकाबू है कि मुख्यमंत्री के घर आंगन घुसने को आमादा है.