आज खबर देश की संसद से जुड़ी हुई है. जहां नेता और सांसद आगामी सोमवार से शुक्रवार तक - 18 से 22 सितंबर तक - विशेष सत्र के तहत बैठने वाले हैं. उन पर हमारी नजर होगी. इसलिए भी जरूरी है नजर कि देश के नेता आजकल देश की भाषा को लेकर परेशान हैं. कोई भाषा देश को जोड़ती है या नहीं जोड़ती है, इस पर बहस कर रहे हैं. सब अपनी जुबान पर अपना दावा ठोंकते हैं, लेकिन नेताओं को एक बात ध्यान रखनी तो चाहिए. जब इन भाषाओं में वर्जिश करने वाले लोगों ने भाषा को लेकर कोई इसरार नहीं किया. दिन रात लिखकर पन्ने रंग देने वाले लेखकों ने कोई ऐसा दावा नहीं किया, तो नेताओं को भाषा को अपनी राजनीति से दूर रख देना चाहिए. किसी भी भाषा की महत्ता के लिए भाषा के शाहकार होंगे. चाहे वो तमिल हो या हिन्दी. नेताओं को ध्यान होना चाहिए देश की संसद पर.
दी लल्लनटॉप शो: लोकसभा चुनाव से पहले विशेष सत्र में चुनाव आयुक्त से जुड़ा कौन सा बिल आने वाला है?
विशेष सत्र में विपक्ष हिमांता बिस्वा सरमा की पत्नी पर लगे भ्रष्टाचार के आरोप के मुद्दे को उठा सकता है.
संसद पहुंचने से ज्यादा संसद की कार्रवाई पर. वो अपने वोटरों और देश के करदाताओं के लिए कितना सही और सटीक कानून बना पाते हैं? देश की संसद का कितना अमूल्य समय चलने देने में रुचि रखते हैं? बहस कैसी होती है? नेताओं का ध्यान इधर होना चाहिए. इसलिए आज हम इस पर ही बात करेंगे. अगले हफ्ते देश की संसद में क्या होने वाला है? कौन से बिल बहस और वोटिंग के लिए आएंगे? और वो कौन से मुद्दे हैं, जो अगले हफ्ते बहस की लिस्ट के साथ-साथ कीवर्ड की लिस्ट में होंगे?