दरअसल आर्टिकल 370 निरस्त किए जाने के फैसले के खिलाफ कई याचिकाएं सुप्रीम कोर्ट में दायर हुई थीं. केंद्रीय गृह मंत्रालय ने अपने एफिडेविट में कहा है कि राज्य में आतंकवाद पर अंकुश लगाने के लिए अनुच्छेद 370 को निरस्त करना जरूरी था. आज घाटी में स्कूल कॉलेज, उद्योग समेत सभी जरूरी संस्थान सामान्य रूप से चल रहे हैं. पत्थरबाजी की घटनाएं खत्म हो गई हैं. आतंकियों की भर्ती में भारी कमी आई है. आतंकवाद के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति अपनाई जा रही है.
सुर्खियां: सुप्रीम कोर्ट पहुंचा आर्टिकल-370 का मसला, सरकार ने ये कहा, अब कोर्ट क्या करेगी?
केंद्र सरकार ने एफिडेविट दाखिल कर सुप्रीम कोर्ट को बताया कि जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 निरस्त करना क्यों जरूरी था
केंद्र सरकार ने अपने फैसले को सही बताते हुए कहा है कि इस कदम से जम्मू कश्मीर के निवासियों को पहली बार वो अधिकार मिल रहे हैं जो देश के अन्य हिस्सों के निवासियों को मिल रहे हैं.